हिमाचल के PWD मंत्री को उदयपुर कोर्ट से झटका, पत्नी को हर महीने देने होंगे चार लाख रुपये; घरेलु हिंसा एक्ट के तहत आया फैसला
हिमाचल प्रदेश कें PWD मंत्री को उदयपुर फैमिली कोर्ट से झटका मिला है। उन्हें अपनी पत्नी सुदर्शना सिंह को हर महीने 4 लाख रुपए भरण-पोषण के देने होंगे। शुक्रवार को उदयपुर की फैमिली कोर्ट-3 ने यह फैसला सुनाया है। सुदर्शना ने अपने पति विक्रमादित्य सिंह उनकी मां प्रतिभा सिंह बहन और अन्य परिजनों के खिलाफ घरेलु हिंसा का आरोप लगाया था।
जागरण संवाददाता, उदयपुर। हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे और वर्तमान पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह को बड़ा झटका लगा है। अब उन्हें अपनी पत्नी सुदर्शना सिंह को हर महीने 4 लाख रुपए भरण-पोषण के देने होंगे। शुक्रवार को उदयपुर की फैमिली कोर्ट-3 ने यह फैसला सुनाया है। हिमाचल के मंत्री विक्रमादित्य की पत्नी सुदर्शना सिंह ने अक्टूबर 2022 में उदयपुर कोर्ट में घरेलू हिंसा एक्ट के तहत पति के खिलाफ परिवाद पेश किया था।
परिजनों पर लगा हिंसा का आरोप
सुदर्शना ने अपने पति विक्रमादित्य सिंह, उनकी मां प्रतिभा सिंह, बहन और अन्य परिजनों के खिलाफ घरेलु हिंसा का आरोप लगाया था। इनके खिलाफ उदयपुर की दो अलग-अलग अदालतों में मामले लंबित थे। जिनमें पारिवारिक न्यायालय ने शुक्रवार को फैसला सुनाया है।यह भी पढ़ें: Shimla: राज्यसभा चुनाव के नियम क्रास वोटिंग की राह में रोड़ा, पार्टी के एजेंट को दिखाकर ही डाल सकते हैं वोट; नहीं तो होगा अमान्य
सुदर्शना के वकील भंवर सिंह देवड़ा ने बताया कि विक्रमादित्य को केस चलने तक अंतरिम भरण पोषण के रूप में हर महीने सुदर्शना को 4 लाख रुपए देने होंगे। 2019 में हुई थी शादी, संबंध बिगड़ने के बाद सुदर्शना उदयपुर में रह रही है। कुछ महीनों तक दोनों साथ रहे लेकिन संबंध बिगड़ गए थे। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र की मृत्यु के बाद सुदर्शना को घर से निकाल दिया गया था। तब से वह उदयपुर स्थित आमेट हवेली में अपने माता-पिता के साथ रह रही है।
पति और ससुराल वालों पर लगाए आरोप
सुदर्शना के मुताबिक उनके ससुर पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की मौत के बाद पति विक्रमादित्य सिंह उन्हें प्रताडि़त करने लगे। जिसमें उनकी सास प्रतिभा सिंह, ननद अपराजिता तथा ननदोई अंगद सिंह पति का साथ देते थे। सुदर्शना ने यह भी आरोप लगाया कि पति विक्रमादित्य के चंड़ीगढ़ की एक युवती से संबंध हैं और वह उनसे शादी करना चाहते हैं। जिसका विरोध करने पर उन्हें प्रताड़ित किया गया। जिस पर वह उदयपुर लौट आई और यहां अपने पिता के घर रहने लगी।यह भी पढ़ें: हिमाचल में नए नियमों के तहत इस साल एडमिशन में बदलाव, साढ़े पांच साल के बच्चे को मिलेगा कक्षा एक में दाखिला
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