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हिमाचल में 154 ट्रांसफॉर्मर ठप... गांवों में छाया अंधेरा, भारी बारिश के कारण 62 सड़कें बंद; अस्त-व्यस्त हुआ जनजीवन

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण जगह-जगह जलभराव हो गया है। वहीं प्रदेश में 154 ट्रांसफॉर्मर खराब हो चुके हैं। जिसके कारण प्रदेश के कई गांवों में जलभराव जैसी स्थिति बनी हुई है। गौरतलब है कि पिछले 24 घंटे में कांगड़ा में सबसे ज्याद बारिश हुई है। भारी बारिश के कारण यहां 62 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं।

By Yadvinder Sharma Edited By: Prince Sharma Updated: Sat, 06 Jul 2024 07:11 PM (IST)
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हिमाचल प्रदेश में भारी वर्षा के कारण जन जीवन प्रभावित

राज्य ब्यूरो, शिमला। प्रदेश में शुक्रवार रात से जारी भारी वर्षा के कारण जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। प्रदेश में 62 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं। जिसमें से 38 मंडी और 14 कुल्लू में बंद हैं।

प्रदेश में खराब 154 ट्रांसफार्मरों में सभी मंडी में खराब है कई गांव में अंधेरा है। 26 पेयजल योजनाएं प्रभवित हैं।

प्रदेश में बीते चौबीस घंटों के दौरान सबसे अधिक वर्षा कांगड़ा जिला में दर्ज की गई जिसमें धर्मशाला में 214.6, पालमपुर में 212.4 और कांगड़ा में 157.6 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई।

कांगड़ा में चौबीस घंटों के दौरान वर्ष 2016 में 166 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई थी और उसके बाद अब 157.6 मिलीमीटर दर्ज की गई है।

सिरमौर के धौलाकुआं में 70, बिलासपुर के बरठीं में 58.8, ऊना में 50.6, मंडी में 46.4 और चंबा के डलहौजी में 31 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। लाहौल स्पीति के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्का हिमपात हुआ है।

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मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए ताजा पूर्वानुमान के अनुसार रविवार को शिमला और सिरमाैर में भारी वर्षा के कारण अचानक बाढ़ आने की चेतावनी जारी की है।

इसके अलावा लाहौल स्पीति को छोड़ बाकी सभी जिलों में भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया गया है। इस संबंध में जारी की गई एडवाइजरी में नदी नालों से दूर रहने की सलाह दी गई है।

जुलाई में अब तक सामान्य से 106 प्रतिशत अधिक वर्षा

प्रदेश में जुलाई माह में छह दिनों के दौरान 72 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। जो सामान्य से 106 प्रतिशत अधिक है। कांगड़ा में अब प्रदेश में सबसे अधिक करीब 240 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है जो सामान्य से 206 प्रतिशत अधिक है।

जबकि मंडी में 195 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है जो सामान्य से प्रदेश में सबसे अधिक 281 प्रतिशत अधिक दर्ज की गई है। लाहौल स्पीति में सामान्य से सबसे कम 77 प्रतिशत कम और किन्नौर में सामान्य से 35 प्रतिशत कम वर्षा दर्ज की गई है।

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