Himachal Rains: हिमाचल आपदा प्रभावित राज्य घोषित, 330 लोगों की मौत; 12 हजार से अधिक घर क्षतिग्रस्त
Himachal Rains मानसून से संबंधित व अन्य दुर्घटनाओं में 330 लोगों की जान चली गई हैं। प्रदेश में 10 हजार करोड़ रुपये से भी अधिक का नुकसान आंका गया है। प्रदेश में कृषि और बागवानी को भी भारी नुकसान हुआ है। संचार व्यवस्था पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। जनजीवन अस्त-व्यस्त है और व्यावसायिक गतिविधियां भी आपदा से अछूती नहीं रही हैं।
By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaUpdated: Sat, 19 Aug 2023 05:32 AM (IST)
शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल को प्राकृतिक आपदा प्रभावित राज्य घोषित कर दिया है। इस संबंध में प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को अधिसूचना भी जारी कर दी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हमने हिमाचल को प्राकृतिक आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित कर दिया है। अब केंद्र सरकार की बारी है कि हिमाचल को राष्ट्रीय आपदा प्रभावित राज्य घोषित कर आर्थिक सहायता जल्द प्रदान करे।
जान-माल का भारी नुकसान
वहीं जानकारों का कहना है कि राज्य या राष्ट्रीय आपदा प्रभावित राज्य घोषित करने का कोई वैधानिक अर्थ नहीं है। लेकिन, सीएम के इस कदम से केंद्र पर राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का दबाव बन सकता है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि भारी वर्षा, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं से प्रदेश में जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। राज्य में पेयजल, विद्युत आपूर्ति व्यवस्था व सड़कों सहित अन्य संसाधनों को भी भारी क्षति पहुंची है। अभी तक राज्य में 12 हजार से अधिक घर क्षतिग्रस्त हुए हैं।
10 हजार करोड़ रुपये से भी अधिक का नुकसानमानसून से संबंधित व अन्य दुर्घटनाओं में 330 लोगों की जान चली गई हैं। प्रदेश में 10 हजार करोड़ रुपये से भी अधिक का नुकसान आंका गया है। प्रदेश में कृषि और बागवानी को भी भारी नुकसान हुआ है। संचार व्यवस्था पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। जनजीवन अस्त-व्यस्त है और व्यावसायिक गतिविधियां भी आपदा से अछूती नहीं रही हैं। कई क्षेत्रों में लोगों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है।
सहायता प्रदान करने का आग्रहखतरे के दृष्टिगत बहुत से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। प्रदेश सरकार राहत, बचाव एवं पुनर्वास के लिए युद्धस्तर पर कार्य कर रही है। आपदा प्रभावितों को हरसंभव मदद सुनिश्चित की जा रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्र सरकार से आपदा की इस घड़ी में प्रदेश को दिल खोलकर सहायता प्रदान करने का आग्रह किया, ताकि प्रदेश में जनजीवन को पटरी पर लाते हुए सामान्य व्यवस्था बनाने संबंधी गतिविधियों में और तेजी लाई जा सके।
आपदा प्रभावित राज्य घोषित होने पर ये होगाआपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिनियम के तहत विभाग के पास शक्तियां रहेंगी। प्राथमिकता अब राहत और पुनर्वास होगा, बाकी सब गौण रहेंगे। विभाग जो भी योजनाएं बनाएंगे, आपदा को ध्यान में रखकर तैयार करेंगे। आर्थिक सहायता के लिए केंद्र पर दबाव बनाने में मदद मिलेगी।
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