PMGSY के तहत चकाचक होंगी हिमाचल की सड़कें, 600 किलोमीटर तक के रास्तों का होगा कायाकल्प
Himachal Pradesh हिमाचल प्रदेश में पीएमजीएसवाई (PMGSY) योजना के प्रथम चरण में 600 किलो मीटर सड़कें आज तक अधूरी पड़ी हैं। इन सड़कों का निर्माण कार्य मार्च 2023 तक पूरा करके देना होगा। वहीं दिल्ली एम्स (AIMS)में उपचाराधीन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM of Himahal Pradesh) का पेनक्रियाज सिटी स्कैन आज (बुधवार) को होगा। इसके अतिरिक्त रूटीन टेस्ट भी लिए जाएंगे।
By Jagran NewsEdited By: Prince SharmaUpdated: Wed, 08 Nov 2023 06:30 AM (IST)
जागरण न्यूज नेटवर्क, शिमला (Shimla Latest News)। हिमाचल प्रदेश में पीएमजीएसवाई योजना (PMGSY Scheme) के प्रथम चरण में 600 किमी सड़कें आज तक अधूरी पड़ी हैं। इन सड़कों का निर्माण कार्य मार्च 2024 तक पूरा करके देना होगा। इन सड़कों का निर्माण कर रहे ठेकेदारों को लोक निर्माण विभाग की तरफ से दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
666 किलोमीटर लंबी सड़कों का होगा निर्माण
हिस हिमाचल प्रदेश में सरकार फुल डेफ्थ रिक्लेमेशन (FDR) तकनीक के जरिए सड़कों का निर्माण करने के प्लान पर काम कर रही है। खास बात यह है कि इस तकनीक के जरिए सरकार 666 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण करेगी। इस तकनीक में खनन सामग्री का प्रयोग नहीं होगा।
क्या है FDR तकनीक
एफडीआर यानी फुल डेफ्थ रिक्लेमेशन के जरिए गिट्टी युक्त पुरानी सड़ के कणों को उधेड़कर उसे बारीक टुकड़ों में बदल लिया जाता है। जिसके बाद उस पपड़ीनुमा मटेरियल को रीसाइकिल किया जाता है और सड़क पर बिछाया जाता है। इसके बाद इसे सीमेंट में चिपकने वाले केमिकल के साथ मिलाकर एक घोल के रूप में तैयार किया जाता है और सड़क को अच्छा बनाने के लिए समतल किए हुए हिस्सों पर डाला जाता है।
यह तकनीक बेहद उपयोगी मानी जाती है। इसके जरिए बेहतर और लंबे समय तक चलने वाली सड़क का निर्माण किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में इस तकनीक का भली प्रकार इस्तेमाल किया गया। इसी राह पर अब हिमाचल प्रदेश भी है।
खास बात है कि इस तरह की सड़क का निर्माण यूपी में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तीसरे चरण में किया गया। सड़कें बनाने के लिए अपनाई जा रही यह तकनीक किफायती साबित हो रही है। यूपी में लक्ष्य है कि 5500 किलोमीटर सड़क इस पद्धति के माध्यम से बनाई जाए।
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