राजधानी में बारिश के बाद बर्फबारी ने पेड़ों की जड़ों को हिला दिया है। सड़कों पर पेड़ गिर रहे हैं। हालांकि अभी तक किसी के हताहत होने की जानकारी सामने नहीं आई है। आइए आपको बताते हैं किस जिले में कितनी बर्फबारी हुई है।
डलहौजी शहर में हुआ करीब आधा फूट बर्फ
पर्यटन नगरी डलहौजी ने भी बर्फ की मोटी सफेद चादर ओढ़ ली है। बुधवार रात को डलहौजी शहर में हिमपात शुरू हो गया था। हिमपात का यह सिलसिला गुरुवार सुबह करीब 11 बजे तक जारी रहा। जिससे की पर्यटन नगरी का कोना कोना बार से ढक गया। जबकि डलहौजी के उपरी क्षेत्रों आहला, लक्कड़मंडी, कालाटॉप, डैनकुंड, व खज्जियार में भी कई बर्फबारी हुई है। डलहौजी शहर में गुरुवार सुबह तक करीब आधा फुट से अधिक बर्फ गिरी।
वहीं आहला में करीब 1 फुट, लक्कड़ मंडी व काला टॉप में करीब डेढ़ फुट व डैनकुंड में करीब 2 फुट बर्फबारी हुई है। बर्फबारी के कारण डलहौजी-खज्जियार मार्ग अवरूद्ध हो गया। जबकि डलहौजी कैंट से लेकर डलहौजी शहर तक भी सड़क में बर्फ की मोटी परत जम जाने के कारण यातायात व्यवस्था आंशिक रूप से प्रभावित हुई।
चायल में बर्फबारी, उमड़ी पर्यटकों की भीड़
पर्यटनस्थल चायल में भी गुरुवार को मौसम का पहला हिमपात हुआ है। बर्फ गिरने का समाचार मिलते ही पर्यटक बड़ी संख्या में सैर करने चायल पहुंच रहे हें। होटल व्यवसाय से जुड़े लोगों के चेहरे पर भी रौनक लौट आई है। टैक्सी चालकों का धंधा भी फल फूल रहा है। चायल के समीप जनेडघाट, आलमपुर, कोटी और काली टिब्बा में भी बर्फ गिरने से रौनक है।
किसानों की फसलों के लिए यह बर्फ संजीवनी का काम करती है। निचले क्षेत्रों सायरी, ममलीग, छौसा, गौड़ा, साधुपुल, कंडाघाट सहित अनेक क्षेत्रों में मूसलाधार वर्षा हो रही है। लगातार हो रही बारिश के कारण तापमान में भी भारी गिरावट आ गई है। बर्फ गिरने के कारण शिमला से चायल वाया कुफरी मार्ग पर यातायात अवरुद्ध हो गया है।
बारिश बर्फबारी में बर्फ बन गई पहाड़ की सुविधाएं
भारी बर्फबारी व बारिश के चलते पहाड़ी जिला चंबा के कई क्षेत्रों में सुविधाएं भी बर्फ बन गई हैं। धौलाधार एवं पीर पंजाल पर्वत श्रंखलाओं के साथ ही माध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्र भी बर्फ से लकदक हो गए हैं। जनजातीय क्षेत्र भरमौर एवं पांगी के अलावा जिला के दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में हुई बर्फबारी से जन-जीवन में अस्त व्यस्त हो गया है। भारी बर्फबारी व बर्फबारी के के कारण जिला के इन क्षेत्रों बिजली, पानी, यातायात सहित अन्य तरह की सुविधाएं भी ठप हो गई हैं।
पांगी मुख्यालय किलाड़, उपमंडल मुख्यालय भरमौर, होली चंबा जोत खजियार सलूणी के लंगेरा खुंडी मिरराल, हिमगिरी, पिछला डियूर, तीसा के बैरागढ़, टेपा सहित अन्य ऊंचाई वाले क्षेत्रों में एक से डेढ़ फीट हिमपात हुआ है। जबकि माध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में छह से सात इंच तक हिमपात हुआ है। वहीं निचले क्षेत्रों में जमकर बारिश हुई है। बारिश बर्फबारी के बाद जमाव विंदु तक पहुंचे तापमान से पहाड़ी जिला चंबा पूरी तरह से ठिठुरन भरी ठंड की चपेट में आ गया है। ठिठुरन भरी ठंड के चलते लोग घरों में ही दुबक गए हैं।
चंबा में 50 से अधिक रूट प्रभावित
जिला के ऊंचाई व माध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हुई भारी बारिश के चलते चंबा में दो दर्जन के करीब बसें फंस गई हैं। इनमें एक दर्जन बसें निगम की व अन्य निजी बसें शामिल हैं। यह बसें तीसा के बैरागढ़, सनवाल, चांजू, सलूणी के हिमगिरी सदरूरणी, किहार लंगेरा, भरमौर के अलावा खजियार डलहौजी, सिल्लाघ्राट सहित अन्य क्षेत्रों में फंसी हैं। साथ ही 50 से अधिक रूट प्रभावित हुए हैं। जिनमें दो दर्जन के करीब निगम के रूट शामिल हैं। चंबा बनीखेत पठानोट एनएच पर गाड़ियों की आवाजाही जारी है, लेकिन भरमौर की तरफ लूणा से आगे गाड़ियां नहीं जा पा रही हैं।
शिमला में मेयर सुरेंद्र चौहान ने सड़कों से हटवाई बर्फ
बर्फबारी की वजह से न्यू शिमला में फेज थ्री में एक पेड़ गिरा है। शहर में लोग लंबे समय से पेड़ों को हटाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन प्रक्रिया लंबी होने के लिए लोगों को राहत के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। हालांकि वीरवार को मेयर सुरेंद्र चौहान ने राजधानी शिमला में बर्फबारी के बाद नगर निगम एक्शन में आ गया है । नगर निगम के मेयर सुरेंद्र चौहान ने खुद मोर्चा संभालते हुए जेसीबी लेकर दोपहर के समय आइजीएमसी की सड़क को साफ करावाया।
जेसीबी से करवाई सफाई
अस्पताल से संजौली व मालरोड दोनों ही तरफ को साफ किया गया। उन्होंने जेसीबी और यहां पर केमिकल छिड़ककर सड़क से बर्फ को हटाने का काम करवाया। इसके साथ ही शहर भर के सभी रास्तों में जमीन बर्फ को हटाने के लिए 120 मजदूर लगा दिया है। इसमें से 70 मजबूर नगर निगम के अपने हैं। 50 खान किराए पर लिया है। शहर में चार डोजर नगर निगम के बर्फ हटाने में लगाए हैं। इसी तरह से एक नगर निगम ने एक जेसीबी और दो जेसीबी किराए पर लेकर शहर में सफाई के लिए लगा दी है।
शहर के अस्पतालों से लेकर स्कूलों और मुख्य सड़कों को खोलने का काम पहले चरण में किया जा रहा है। इसके दूसरे चरण में लोगों के घरों के रास्ते और गली मोहल्ले को साफ करने का काम शुरू किया जाएगा। मेयर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि अधिकारियों के निर्देश दे दिए कि जब तक पूरे रास्तों के साथ नहीं किया जाता है , तब तक वह इस काम को बंद न करे। इसके साथ ही उन्हें स्थानीय लोगों से भी अपील की है कि वह अपने घरों के रास्ते को कम से कम खुद साफ करें ताकि इसे बर्फ पर फिसलने की आशंका को खत्म किया जा सकेगा।
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सिरमौर जिला के चूड़धार सहित नोहराधार हरिपुरधार में जमकर हुआ हिमपात
जिला सिरमौर की सबसे ऊंची चूड़धार चोटी पर गुरुवार को जमकर हिमपात हुआ। गुरुवार देर शाम तक चूड़धार चोटी पर करीब 3 फीट तक हिमपात हो चुका था। जबकि हल्का-हल्का हिमपात देर शाम तक जारी था। वही नोहराधार तथा हरिपुरधार क्षेत्र में भी हल्का हिमपात वीरवार दोपहर को हुआ। दोनों क्षेत्र में करीब सात से 10 इंच तक हिमपात हुआ। करीब 6 महीने बाद हुई बारिश से जहां किसानों के चेहरे खिले हैं।
वहीं जिला सिरमौर के ऊपरी क्षेत्र नोहराधार और हरिपुरधार में बर्फबारी से जन जीवन अस्तित्व हो गया है। हरिपुरधार और नोहराधार के सैकड़ो गांव में वीरवार को विद्युत आपूर्ति ठप हो गई। क्षेत्र की कई सड़के भी बर्फबारी से बंद हो गई। सोलन मिनस मार्ग पर एक बस के बर्फ पर फिसलने में से करीब 3 घंटे तक जाम लग गया।
वहीं हरिपुरधार कुपवी सड़क भी बर्फबारी से बंद हो गई है, जिस पर कई वाहन फंस गए थे। वही हरिपुरधार बाग सड़क पर भी वीरवार दोपहर बाद यातायात के लिए बंद रहा। लोक निर्माण विभाग ने बर्फ वाली सड़कों को खोलने की प्रयास तेज कर दिए हैं। वही 6 महीने बाद हुई बारिश से किसानों ने राहत की सांस ली है। लगभग सूखने के कगार पर पहुंच चुकी गेहूं जो लहसुन प्याज मटर की फसल को अब नया जीवन मिल सकता है।
बुधवार रात तथा वीरवार को पूरा दिन हुई बारिश से जिला सिरमौर शीतलहर की चपेट में आ गया है। जिला के ऊपरी क्षेत्रों में तापमान शून्य पहुंच चुका है। जबकि मैदान क्षेत्र में भी तापमान 5 से 6 डिग्री कम हुआ है। बारिश होने से पिछले दो सप्ताह से कोहरे और धुंध से जूझ रहे मैदानी क्षेत्र के लोगों को अब निजात मिलेगी।