Himachal Weather: बारिश के बाद बर्फबारी बनी संकट, 32 सड़कें बंद; अधर में फंसे सैलानी; मणिमहेश यात्रा पर भी रोक
Himachal Weather हिमाचल प्रदेश में कल रात से धर्मशाला शिमला सहित कई क्षेत्रों में वर्षा हुई। भारी वर्षा के कारण चंबा जिला में प्रशासन ने मणिमहेश यात्रा पर रोक लगाई। शिंकुला बारालाचा व रोहतांग दर्रे में आज सुबह हल्का हिमपात हुआ। मार्ग दिन में 11 बजे से दोपहर एक बजे व साढ़े तीन बजे से शाम पांच बजे तक बंद रहेगा।
शिमला, जेएनएन: हिमाचल प्रदेश में कल रात से धर्मशाला, शिमला सहित कई क्षेत्रों में वर्षा हुई। भारी वर्षा के कारण चंबा जिला में प्रशासन ने मणिमहेश यात्रा पर रोक लगाई। सुबह पांच बजे से दोपहर 12 बजे तक यात्रा बंद रही। मौसम साफ होने पर दोपहर 12 बजे यात्रा फिर शुरू हुई।
शिंकुला, बारालाचा व रोहतांग दर्रे में आज सुबह हल्का हिमपात हुआ। मनाली-लेह मार्ग पर वाहनों की आवाजाही सुचारु। कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर आज सुबह मंडी से पंडोह के बीच मरम्मत व पुनर्निर्माण कार्य शुरू हुआ। इसके लिए मार्ग हर दिन साढ़े तीन घंटे बंद रहेगा।
मार्ग दिन में 11 बजे से दोपहर एक बजे व साढ़े तीन बजे से शाम पांच बजे तक बंद रहेगा। प्रदेश में मैदानों में वर्षा व चोटियों पर हिमपात से ठंड बढ़ी है। इन दिनों वर्षा सब्जियों और मक्की व धान की फसल के लिए लाभदायक है। प्रदेश में 32 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं।
मौसम विभाग का यह है अलर्ट
प्रदेश में ऊंची चोटियों पर ताजा बर्फबारी व कई स्थानों पर वर्षा हुई है। ये वर्षा जिन क्षेत्रों में मक्की की फसल अभी तैयार नहीं हुई है वहां पर लाभदायक है लेकिन जहां पर मक्की की फसल तैयार हो गई वहां पर नुकसानदायक है। हालांकि धान और सब्जियों के लिए ये वर्षा लाभदायक है। बीते दिनों वर्षा न होने के कारण तौरी भींडी, करेला, घीया और कद्दू व टमाटार में फून आने के बाद सूखने लग गए थे।
ऐसे में वर्षा से किसानों ने राहत महसूस की है। उधर अधिकतम तापमान में गिरावट आई है। शिमला के कुफरी में 11.5, कांगड़ा में चार मिलीमीटर और कुछ अन्य स्थानों पर हल्की वर्षा हुई है। मौसम विभाग ने पश्चिमी विक्षोभ का असर आगामी तीन दिनों तक रहने की आशंका जताई है।
21 सितंबर के लिए भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया गया है। राजधानी शिमला सहित प्रदेश में अधिकतर स्थानों में दिन की शुरूआत धूप और बादलों के साथ हुई। दोपहर बाद वर्षा दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश के कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने की आशंका जताई गई है। प्रदेश में अब तक नुकसान का आकलन 8662.58 करोड़ पहुंच गया है।
अभी तक 455 लोगों की विभिन्न कारणों से मौत हो चुकी है। जिसमें से 146 लोगों की माैत भूसखलन, बाढ़ और बादल फटने के कारण हुई है। मानसून के दौरान 2621 मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो चुके हैं। 11056 मकानों को नुकसान हुआ है।
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