Himachal Cloud Burst: हिमाचल में 3 दिन और मचेगी तबाही, बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट; भीषण बाढ़ की चेतावनी
Himachal Weather Update हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से बड़ी तबाही हुई है। चार लोगों की मौत हो गई है। 50 से अधिक लोग लापता हैं। अचानक बाढ़ आने से कई घर बह गए। ब्यास नदी में बाढ़ आने व भारी वर्षा से मंडी से मनाली के बीच कीरतपुर-मनाली फोरलेन को तीन स्थानों पर भारी नुकसान पहुंचा। विद्युत गृह में बिजली उत्पादन बंद हो गया है।
राज्य ब्यूरो, शिमला। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार हिमाचल के लिए अभी तीन दिन और भारी हैं। प्रदेश में कई स्थानों पर बहुत भारी वर्षा का आरेंज अलर्ट जारी किया गया है। पांच जिलों कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, चंबा व सिरमौर में अचानक बाढ़ आने की चेतावनी जारी की है।
छह जिलों कांगड़ा, ऊना, मंडी, शिमला, सोलन व सिरमौर में कुछ स्थानों पर बहुत भारी वर्षा का आरेंज अलर्ट जारी किया है। बुधवार देर रात को आंधी के साथ बहुत अधिक वर्षा दर्ज की गई। शिमला के ऊपरी क्षेत्रों जुब्बल, कोटखाई, ठियोग में आंधी के कारण सेब की फसल को बहुत अधिक नुकसान हुआ है।
कई स्थानों पर सेब से सारे फल गिरने की सूचना है। मौसम विभाग ने आगामी तीन दिन में भारी वर्षा के कारण भूस्खलन और कच्चे घरों को नुकसान की आशंका जताई है।
घरों में घुसा पानी
सड़कें बाधित हो सकती हैं। शिमला जिला में पांच जगहों पर पेड़ गिरने से वाहनों व भवनों को नुकसान पहुंचा है। परवाणू के चक्की मोड़ में वीरवार सुबह मलबा आने से चंडीगढ़-शिमला फोरलेन पर आधे घंटे के लिए वाहनों की आवाजाही बंद रही।
ठियोग की बनी पंचायत के पडोला गांव में सड़क का पानी घरों में घुसने से रोकते वक्त एक व्यक्ति का पांव कट गया। किन्नौर जिला के निगुलसरी में पहाड़ी से चट्टानें गिरने से वीरवार दोपहर से शाम तक शिमला-रामपुर-किन्नौर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद रहा।
बिजली उत्पादन बंद
ब्यास नदी में बाढ़ आने व भारी वर्षा से मंडी से मनाली के बीच कीरतपुर-मनाली फोरलेन को तीन स्थानों पर भारी नुकसान पहुंचा। ब्यास नदी में गाद बढ़ने से राज्य विद्युत परिषद के 126 मेगावाट के लारजी पनविद्युत प्रोजेक्ट व बीबीएमबी के 990 मेगावाट के डैहर विद्युत गृह में बिजली उत्पादन बंद हो गया है।
लारजी प्रोजेक्ट प्रबंधन ने बांध के गेट सुबह आठ बजे तक 37 मीटर तक खोल दिए थे। आधी रात को बिजली उत्पादन बंद कर दिया था।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।पावर हाउस को 40 लाख रुपये का नुकसान
बीबीएमबी के डैहर विद्युत गृह में नौ से 12 बजे के बीच चार टरबाइन से बिजली उत्पादन बंद किया गया। द्रंग क्षेत्र में बुधवार आधी रात को आपदा से शानन व बस्सी पावर हाउस को 40 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। बरोट स्थित रेजरवायर में गाद आने से दोनों परियोजनाओं में करीब सात घंटे तक विजली ठप रहा। चौहार घाटी थल्टूखोड-गरमाण सड़क पर तीन पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं। गुम्मा, हराबाग व ढेलू में भूस्खलन से यातायात ठप है।कुल्लू-मनाली एनएच बंद
उधर, कुल्लू जिला के मलाणा में बिजली परियोजना एक का बांध टूटने से तबाही मची है। कर्मचारियों व मजदूरों ने भागकर जान बचाई। जिला कुल्लू में शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे। बुधवार रात ब्यास नदी में बाढ़ आने से पलचान व नेहरुकुंड पुल को भी क्षति पहुंची है। क्लाथ के पास बिंदु ढांक में पानी सड़क पर आने से कुल्लू-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गया है। वाहन वाया नग्गर-कुल्लू-मनाली आ जा रहे हैं। पलचान के पास अंजनी नाले में बाढ़ आने से मनाली-लेह मार्ग बंद हो गया, जिसे देर सायं बहाल कर दिया।जल शक्ति विभाग को 44 करोड़ का नुकसान
बारिश व बादल फटने से जल शक्ति विभाग को 44 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। करीब 352 परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं। शिमला के मतियाना में एक परियोजना में पंप हाउस, मशीनरी भी बह गई है। 10 करोड़ रुपये का नुकसान के आकलन किया है। रामपुर में आठ करोड़ का नुकसान हुआ है। जल शक्ति विभाग ने प्रभावित परियोजनाओं में अधिकारियों व कर्मचारियों की छुट्टियां रद कर दी हैं। विभाग को करीब 200 करोड़ का नुकसान हो चुका है।होटलों में रद होने लगी एडवांस बुकिंग
प्रदेश में प्राकृतिक आपदा का प्रभाव पर्यटन अर्थव्यवस्था पर पड़ा है। मानसून सीजन होने के कारण पहले से होटलों में बुकिंग सप्ताहांत तक सीमित रह गई थी। सामान्य तौर पर प्रदेश के निजी व सार्वजनिक क्षेत्र के पर्यटन विकास निगम उपक्रम के होटलों में बुकिंग 20 प्रतिशत थी। लोगों ने एडवांस बुकिंग रद की है। पर्यटन विकास निगम और निजी होटल व्यावसायियों ने माना कि पर्यटन प्रभावित होगा। गत वर्ष प्राकृतिक आपदा और बाढ़ की भयानक स्थिति के फलस्वरूप जुलाई में पर्यटकों की संख्या घटकर 8.85 लाख रह गई थी और अगस्त में 6.40 लाख थी।यदि 2022 के पर्यटकों के आंकड़ों से तुलना की जाए तो जुलाई में 9.57 लाख और अगस्त में 8.15 लाख थी।यह भी पढ़ें- Himachal Disaster: सीएम सुक्खू ने की आपात बैठक, बोले- 'युद्ध की तरह लड़ रहे, गृहमंत्री शाह ने दिया मदद का आश्वासन'24 घंटे में सामान्य से 811 प्रतिशत तक अधिक वर्षा
प्रदेश में अधिकतर स्थानों पर भारी वर्षा हुई है। 24 घंटे के दौरान सामान्य से 300 से 811 मिलीमीटर तक वर्षा दर्ज की गई है। प्रदेश में हमीरपुर में अन्य स्थानों की अपेक्षा सामान्य से 811 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। धर्मशाला में सामान्य से 300 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई है। एक जून से लेकर प्रदेश में अब तक सामान्य से 27 प्रतिशत कम वर्षा दर्ज की गई है।- संवेदनशील स्थानों पर 24 घंटे निगरानी l
- आपदा निगरानी के लिए 13 स्थानों पर राज्य आपातकालीन केंद्र स्थापित।
- सभी संवेदनशील स्थानों पर 24 घंटे निगरानी रखी जाएगी।
- राज्य एवं जिला स्तर पर आपातकालीन संचालन केंद्र स्थापित किए गए हैं।
- हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिए गए हैं।
- एक राष्ट्रीय राजमार्ग और पांच सड़कें अवरुद्ध हैं, जबकि तीन पुल क्षतिग्रस्त हैं।
ये है एडवाइजरी
- पांच जिलों के संवेदनशील क्षेत्रों में भूस्खलन और बाढ़ की संभावना।
- शिमला, किन्नौर. प्रमुख शहरों में सड़कों पर पानी भरने से यातायात बाधित हो सकता है।
- कच्चे घरों व दीवारों और झोपड़ियों को क्षति की संभावना।
- भारी वर्षा और कोहरे के कारण दृश्यता में कमी।