बर्फबारी की बजाए धुएं से ढके पहाड़, अपर शिमला में सूखे के कारण बढ़ रही आग की घटनाएं; मौसम का किसानों पर पड़ रहा असर
जनवरी के महीने में जहां राजधानी शिमला सहित जिले में पहाड़ो की चोटियों बर्फबारी के कारण सफेद होती थी तो वहीं इस बार धुएं से चोटियां (Fog on Mountains) सफेद हो गई है। ऊपरी शिमला में सूखे मौसम के कारण आग लगने की घटनाएं सामने आ रही है। ऐसे में आम लोगों के साथ साथ किसानों बागवानों की मुश्किलें भी बढ़ गई है।
जागरण संवाददाता, शिमला। Himachal Weather: जनवरी के महीने में जहां राजधानी शिमला सहित जिले में पहाड़ो की चोटियों बर्फबारी के कारण सफेद होती थी, तो वहीं इस बार धुएं से चोटियां (Fog on Mountains) सफेद हो गई है।
ऊपरी शिमला में सूखे मौसम के कारण आग लगने की घटनाएं सामने आ रही है। आग की घटनाओं के कारण पूरे वातारण में धुंआ पसरा हुआ है। इससे जहां पर्यावरण को नुकसान हो रहा हैं तो वहीं बागवानी पर भी उल्टा प्रभाव पड़ रहा है। ऐसे में आम लोगों के साथ साथ किसानों बागवानों की मुश्किलें भी बढ़ गई है।
मौसम की मार का किसानों पर पड़ रहा असर
प्रोग्रेसिव गोवर्स एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष लोकेंद्र सिंह बिष्ठ ने बताया कि कुदरत की मार किसानों बागवानों को झेलने पड़ रही है। सेब के बागीचों में जहां अभी तक 70 प्रतिशत चिलिंग प्रक्रिया पूरी हो जाया करती थी।तो वहीं दूसरी ओर से अभी तक सेब के बागीचों में 50 प्रतिशत चिलिंग ऑवर भी पूरे नहीं हुए है। इसका सेब की फसल पर काफी प्रभाव पड़ेगा, अगर सेब के पौधों के लिए अनिवार्य चिलिंग आवर्स पूरे नहीं होते हैं।
माइनस की बजाए 3-5 डिग्री तापमान
चिलिंग प्रक्रिया का पूरा होना काफी जरूरी है। इस प्रक्रिया के पूरे हो जाने से अगले वर्ष की सेब की फसल पर काफी ज्यादा असर पड़ता है।उन्होंने बताया कि अब तक शिमला के ज्यादात्तर क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान जहां माइनस में चल रहा होता था, तो वहीं इस बार यह तापमान 3 से 5 डिग्री तक है। इसके अलावा आग की घटनाओं से भी तापमान बढ़ रहा है। इससे वायुमंडल में एक परत बन रही है। यह परत मौसम को भी प्रभावित कर रही है।
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