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Himachal Weather: हिमाचल में नीचे गिरा पारा, तेज हवाओं ने बदले मौसम के मिजाज; बारिश और हिमपात का येलो अलर्ट जारी

शिमला में कई बार आसमान काले बादलों से घिरता रहा है। जनजातीय क्षेत्रों में दिन में धूप खिली। देखने में आया है कि राज्य के अधिकांश हिस्सों में तेज हवाएं चलने से तापमान में गिरावट आई। सुबह निचले स्थानों पर धूप निकली थी पर दोपहर को अधिकतर जगह बादल छा गए हैं। प्रदेश के निचले और मध्यम ऊंचाई वाले स्थानों में न्यूनतम तापमान में एक-दो डिग्री की वृद्धि होगी।

By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Thu, 30 Nov 2023 08:00 AM (IST)
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तेज हवाओं ने बदले मौसम के मिजाज

राज्य ब्यूरो, शिमला। राज्य के अधिकांश क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान में भिन्न रहेगी। लंबे समय के बाद प्रदेश के निचले और मध्यम ऊंचाई वाले स्थानों में न्यूनतम तापमान में एक-दो डिग्री की वृद्धि होगी। इसके अतिरिक्त शिमला में न्यूनतम तापमान में एक डिग्री की वृद्धि होने की संभावना है। राज्य में न्यूनतम तापमान अगले दो-तीन दिनों के दौरान दस डिग्री से नीचे ही बना रहने की संभावना व्यक्त की गई है।

तेज हवाएं चलने से तापमान में गिरावट

शिमला में कई बार आसमान काले बादलों से घिरता रहा। जनजातीय क्षेत्रों में कल पूरा दिन धूप खिली रही। देखने में आया है कि राज्य के अधिकांश हिस्सों में तेज हवाएं चलने से तापमान में गिरावट आई। सुबह निचले स्थानों पर धूप निकली थी, पर दोपहर को अधिकतर जगह बादल छा गए हैं। मंगलवार को तापमान में लगभग पांच डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई थी, आज बादल छाने से फिर से दो से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है और आज ठंड अधिक है।

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येलो अलर्ट जारी

गुरुवार को वर्षा व हिमपात का येलो अलर्ट जारी किया है। किसानों और बागवानों को वर्षा का इंतजार है। नवंबर में सामान्य से 47 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। मौसम विभाग के अनुसार 30 नवंबर को लाहौल-स्पीति को छोड़ शेष जिलों में तेज हवाएं चलने, हिमपात व वर्षा होने की संभावना है। ऐसा माना जा रहा है कि राज्य के अधिकांश हिस्सों में होने वाली वर्षा से सूखे का क्रम टूटेगा। इसी तरह से सेब और अन्य फलदार पौधों के लिए बर्फबारी या वर्षा वरदान साबित होगी।

कई बार हिमपात होने से सर्दी की शुरूआत

मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पाल का कहना है कि मानसून सीजन समाप्त होने के बाद प्रदेश के निचले व मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पर्याप्त वर्षा नहीं होने से रबी की फसल के लिए सिंचाई की आवश्यकता है। राज्य के अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पिछले पंद्रह दिनों से कई बार हिमपात होने से सर्दी की शुरूआत हुई है।

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