पर्यटकों के लिए खुशखबरी, नए साल पर हिमाचल में होगी बर्फबारी; न्यू ईयर सेलिब्रेशन पर लगेंगे चार चांद, जानें मौसम का हाल
Himachal Weather Today हिमाचल प्रदेश में बुधवार को सुबह से अधिकतर स्थानों पर धूप निकली है। ऊंचाई वाले कुछ स्थानों पर हल्के बादल भी रहे। मौसम विभाग ने 30 दिसंबर से तीन जनवरी तक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से ऊंचे क्षेत्रों में हिमपात व निचले क्षेत्रों में वर्षा (Rain in Himachal) की संभावना जताई है। ऐसे में पर्यटकों को नए साल पर बर्फबारी का तोहफा मिल सकता है।
राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Weather News Today: हिमाचल प्रदेश में बुधवार को सुबह से अधिकतर स्थानों पर धूप निकली है। ऊंचाई वाले कुछ स्थानों पर हल्के बादल भी रहे। मैदानी क्षेत्रों में धूप निकलने से दिन में ठंड कम हुई। अधिकतम तापमान में एक से दो डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई।
बर्फबारी होने से लुढ़का पारा
मंगलवार को हिमपात (Snowfall in Himachal) होने से अधिकतम तापमान में दो से छह डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट आई थी। इस समय स्थिति ये है कि शिमला सहित अन्य पर्यटन स्थलों पर पैदल चलते हुए पसीना पड़ रहा है। कारण ये है कि सूरज ढ़लने तक तापमान में अधिकता बरकरार है।
नए साल का बर्फबारी से होगा स्वागत
मौसम विभाग ने 30 दिसंबर से तीन जनवरी तक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से ऊंचे क्षेत्रों में हिमपात व निचले क्षेत्रों में वर्षा (Rain in Himachal) की संभावना जताई है।
ऐसे में पर्यटकों को नए साल पर बर्फबारी का तोहफा मिल सकता है। मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पाल का कहना है कि पिछले एक महीने के दौरान तीन बार पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुए थे, लेकिन पश्चिमी विक्षोभ की तीव्रता अधिक नहीं थी।
हल्का पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के आसार
परिणामस्वरूप राज्य के अधिकांश हिस्सों में सूखे जैसे हालात पैदा हो रहे हैं। प्रदेश के अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में कई बार हिमपात होने से ऐसे क्षेत्रों में तापमान में भी गिरावट आई है। उनका कहना है कि इस माह के अंत में एक हल्का पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की स्थिति बनी हुई है।
पांच साल से शिमला में क्रिसमस सूखा जा रहा
शिमला में क्रिसमस पर बर्फबारी होने की आस लिए पर्यटक पहुंचते हैं, लेकिन पिछले पांच साल के दौरान दिसंबर महीने में शिमला में न तो आसमान खुलकर बरसा है और न ही बर्फबारी होती है। इस बार 4 दिसंबर को 1 मिमी और 5 दिसंबर को 3.5 मिमी बारिश हुई थी।
शिमला में सूखे जैसी स्थिति
इसके अलावा शिमला शहर और इसके आसपास के क्षेत्रों में इस अवधि के दौरान सूखे जैसी स्थिति रहती है। मौसम विभाग की ओर से इस बारे में तर्क दिया गया है कि ग्लोबल वार्मिंग सबसे बड़ा कारण है। शिमला शहर में दो दशक पहले दिसंबर माह के दौरान वर्षा अवश्य होती थी, भले की बर्फबारी न भी हो।
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बढ़ता निर्माण और घटती हरियाली
राज्य मुख्यालय के तहत आने वाले शिमला शहर में लगातार निर्माण कार्य चल रहे हैं। हरित क्षेत्र और कोर एरिया में पहले निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध था, लेकिन सरकार ने विशेष शक्तियों का उपयोग करते हुए कई बार ऐसे प्रतिबंधित क्षेत्रों के लिए निर्माण को खोला है। इस बार प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा में शहर के लोगों ने संभावित दुर्घटना को देखते हुए देवदार के हरे पेड़ों को कटवाया। इसी तरह से हर साल पेड़ काटने का सिलसिला चला हुआ है।
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