Himachal Weather Today: हिमाचल में कमजोर पड़ा मानसून, 3 सितंबर तक साफ रहेगा मौसम; अधिकतर स्थानों पर खिलेगी धूप
Himachal Weather Today मौसम विभाग के मुताबिक हिमाचल प्रदेश को राहत मिलने के आसार जताए गए हैं। प्रदेश में अधिकतर स्थानों पर धूप खिले रहने का अनुमान है। कुछ स्थानों बादल छाने के साथ हल्की बारिश की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 3 सितंबर तक प्रदेश में मानसून के कमजोर बना रहने की संभावना जताई है। इस दौरान अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी होने के आसार हैं।
शिमला, जागरण संवाददाता। Himachal Weather Today: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में इस साल कुदरत ने भारी नुकसान पहुंचाया है। भारी बारिश (Heavy Rain, भूस्खलन (Landslide) और बाढ़ (Flood) आने के कारण सैंकड़ों लोगों की जान गई है, तो वहीं, प्रदेश को करोड़ों का नुकसान भी हुआ है।
बार-बार बारिश होने के कारण प्रदेश में हुई क्षति को ठीक कर पाना मुश्किल हो रहा है। इसी बीच मौसम विभाग की ओर से राहत की खबर सामने आई है। मौसम विभाग के मुताबिक हिमाचल प्रदेश को राहत मिलने के आसार जताए गए हैं।
3 सितंबर तक साफ रहेगा मौसम
मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में अधिकतर स्थानों पर धूप खिले रहने का अनुमान है। कुछ स्थानों बादल छाने के साथ हल्की बारिश की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 3 सितंबर तक प्रदेश में मानसून के कमजोर बना रहने की संभावना जताई है। इस दौरान अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी होने के आसार हैं। कुछ भागों में बारिश हो सकती है। जानकारी के मुताबिक, मानसून के कमजोर होने से बारिश की बेहद कम संभावनाएं हैं। अधिकतर स्थानों पर मौसम साफ रहेगा।
348 सड़कें यातायात के लिए बंद
प्रदेश में अभी भी तीन एनएच सहित 348 सड़कें यातायात के लिए बंद है। इन्हें खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश में बंद सड़कों में मंडी ज़ोन में 155, शिमला जोन में 86,कांगड़ा जोन में 55, हमीरपुर जॉन में 49 सड़कें बंद है। प्रदेश में अब तक नुकसान का आकलन 8642.83 करोड़ पहुंच गया है।
143 लोगों की मौत भूस्खलन
अभी तक 381 लोगों की विभिन्न कारणों से मौत हो चुकी है। जिसमें से 143 लोगों की मौत भूस्खलन, बाढ़ और बादल फटने के कारण हुई है। मानसून के दौरान 2466 मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो चुके हैं। 10648 मकानों को नुकसान हुआ है। 312 दुकानों के साथ 5517 गौशालाओं को नुकसान पहुंचा है।
प्रदेश में अब तक हुए नुकसान में लोकनिर्माण विभाग का नुकसान बढ़कर 2927.01 करोड़, जल शक्ति विभाग को 2115.30 करोड़, बिजली बोर्ड को 1739.41 करोड़ का नुकसान हुआ है।