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Himachal Weather Update: ऊपरी क्षेत्रों में हुई ओलावृष्टि से सेब की फसल बर्बाद, बागवानों को भारी नुकसान

Himachal Pradesh Monsoon Update हिमाचल प्रदेश में मानसून ने 24 जून को प्रवेश किया था और अब तक उसे 73 दिन हो चुके हैं। मानसून को 27 वर्षों में अब तक सबसे कम दिन हुए हैं लेकिन पहली बार है जब मानसून के दौरान बाढ़ भूस्खलन और बादल फटने के कारण करीब नौ हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

By Jagran NewsEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Tue, 05 Sep 2023 01:12 PM (IST)
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सितंबर महीने के अंतिम सप्ताह में फिर लौटने की संभावना, फाइल फोटो

शिमला, यादवेन्द्र शर्मा l प्रदेश से मानसून (Monsoon in Himachal Pradesh) के इस बार सितंबर के अंतिम सप्ताह में लौटने की संभावना है। मानसून औसतन 78 से 95 दिन में लौटता है। हिमाचल प्रदेश में मानसून ने 24 जून को प्रवेश किया था और अब तक उसे 73 दिन हो चुके हैं। मानसून को 27 वर्षों में अब तक सबसे कम दिन हुए हैं, लेकिन पहली बार है जब मानसून के दौरान बाढ़, भूस्खलन (Landslide) और बादल फटने (Cloud Bust in Himachal) के कारण करीब नौ हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। 2022 में 2300 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था, जबकि 800 से 1200 करोड़ रुपये का नुकसान हर बार होता है।

प्रदेश में 27 वर्षों के दौरान वर्ष 2021 में मानसून सबसे अधिक 120 दिन बाद लौटा था। इस बार अब तक 29 प्रतिशत अधिक वर्षा हो चुकी है। लाहौल स्पीति में सामान्य से 33 प्रतिशत कम वर्षा हुई है, जबकि बाकी जिलों में सामान्य से आठ से 92 प्रतिशत तक अधिक वर्षा हुई है।

ओलावृष्टि से सेब की फसल नुकसान

प्रदेश में सोमवार को कांगड़ा जिला के कुछ क्षेत्रों में भारी वर्षा हुई। इसके अलावा धर्मशाला और शिमला के ऊपरी
क्षेत्रों में ओलावृष्टि हुई। सुंदरनगर में सबसे अधिक 38 मिलीमीटर, धर्मशाला में 18.2, मंडी में 13, बिलासपुर के बरठीं में 7.5 और कांगड़ा में छह मिलीमीटर वर्षा हुई। मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को प्रदेश के अधिकतर स्थानों पर
धूप खिलने का अनुमान है। हालांकि, कुछ स्थानों पर वर्षा हो सकती है। प्रदेश में तीन एनएच सहित 140 सड़कें अब भी यातायात के लिए
बंद हैं। मंडी जोन में 56, हमीरपुर जोन में 31, शिमला में 28 व कांगड़ा जोन में 22 सड़कें बंद हैं।

सोमवार शाम हुई ओलावृष्टि

सड़कें बंद होने के कारण सेब और सब्जियों को मंडियों तक पहुंचाने में परेशानी हो रही है। वहीं, सोमवार को कोटखाई के बागी सहित अन्य क्षेत्रों में ओलावृष्टि होने से सेब को नुकसान पहुंचा है। सेब की फसल पहले पतझड़ से जूझ रही है, वहीं अब सेब तोड़ने के समय ओलावृष्टि होने से बागवानों को नुकसान हो रहा है। ऊपरी शिमला के कई हिस्सों में सोमवार शाम ओलावृष्टि हुई। माकपा नेता संजय चौहान ने कहा कि बागवानों के नुकसान की भरपाई के लिए सरकार इन्हें राहत प्रदान करे।

अब तक 8667.98 करोड़ का नुकसान

प्रदेश में हुआ नुकसान प्रदेश में अब तक 8667.98 करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन किया है। अभी तक 404 लोगों की विभिन्न कारणों से मौत हुई है। मानसून के दौरान 2546 मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो चुके हैं। 10853 मकानों को नुकसान हुआ है। लोक निर्माण विभाग को 2938.32, जल शक्ति विभाग को 2118.97 करोड़, बिजली बोर्ड को 1740.16 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।