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    Himachal Winter Session: भ्रष्टाचार के खिलाफ हिमाचल सरकार सख्त, CM सुक्खू ने नया कानून लाने का किया एलान

    Updated: Thu, 19 Dec 2024 08:45 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश (Himachal News Hindi) में भ्रष्टाचार के खिलाफ राज्य सरकार सख्त कदम उठाने जा रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भ्रष्टाचार को रोकने के लिए नए कानून बनाने की घोषणा की है। इसके अलावा उन्होंने प्रदेश में नदियों के तटीकरण पर लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी माइनिंग लीज की अनुमति नहीं देने का फैसला लिया है।

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    सीएम सुक्खू ने भ्रष्टाचार रोकने के लिए नया कानून लाने की घोषणा की है।

    राज्य ब्यूरो, धर्मशाला। राज्य सरकार प्रदेश में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए नया कानून बनाएगी। इसको लेकर विधि विभाग से विचार विमर्श किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जिन नदियों के तटीकरण पर लाखों रुपए खर्च हो चुके हैं, वहां पर माइनिंग लीज की अनुमति नहीं दी जाएगी। सरकार इस पर भी विचार कर रही है।

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    उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण के लिए सरकार गंभीर है। सरकार पेड़ों के कटान पूरी तरह से प्रतिबंधित करने पर भी विचार कर रही है। साल में कितने समय के लिए पेड़ों के कटान की अनुमति दी जाएगी इसके लिए नियम तय होगा। मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रियों और विधायकों को भ्रष्टाचार के मुद्दों पर क्लीन चिट दी।

    विपक्ष ने सदन से किया वाकआउट

    वीरवार को विधानसभा में विपक्ष द्वारा भ्रष्टाचार के मुद्दे पर लाए गए काम रोको प्रस्ताव पर दो दिनों तक हुई चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के एक भी मंत्री व विधायक पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक और सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी, पारदर्शिता और नैतिकता होना जरूरी है।

    मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने जवाब के बीच ही सदन में हंगामा करना शुरू किया। विपक्ष ने नारेबाजी करते हुए सदन से वाकआउट कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने स्पष्टवादिता से फैसले लिए हैं और आगे भी सरकार इसी तरह फैसले लेगी। उन्होंने कहा कि जहां प्रदेश का हित नहीं होगा वहां सरकार कोई समझौता नहीं करेगी।

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    'जहां भी भ्रष्टाचार के मिलेंगे सबूत, होगी कड़ी कार्रवाई'

    मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार रोकने के लिए कानून की बात वह उस वक्त से कर रहे हैं जब विश्वविद्यालय में छात्र थे। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों से कहा कि सदन में ठेकेदारों की लड़ाई लड़ना ठीक नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में सारा भू-माफिया भाजपा का है।

    उन्होंने कहा कि सरकार न तो प्रदेश की संपदा को लूटने देगी और न ही लुटाने देगी। जहां भी हमें भ्रष्टाचार के सबूत मिलेंगे हम कड़ी कार्रवाई करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने पहले दिन से ही भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को अपनाया है।

    भाजपा पर सरकार को अस्थिर करने का लगाया आरोप

    नादौन में 80 कनाल जमीन बेचे जाने संबंधी विवाद पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जमीन भाजपा कार्यकर्ताओं की है और पार्टी की अंतर्कलह के कारण भाजपा उन्हें फंसाना चाह रही है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी सत्ता में सत्ता सुख के लिए नहीं बल्कि व्यवस्था परिवर्तन के लिए आई है। उन्होंने भाजपा पर कांग्रेस सरकार को समय-समय पर षड्यंत्र रचकर अस्थिर करने का आरोप लगाया। सुक्खू ने कहा कि भाजपा की जिस वॉशिंग मशीन में धुलकर सभी भ्रष्टाचारी आरोप मुक्त हो जाते हैं वह भी उसी मशीन को खरीद रहे हैं।

    'हर्ष महाजन भाजपा की वॉशिंग मशीन में धुलकर हो गए बेदाग'

    मुख्यमंत्री ने भाजपा के राज्यसभा सदस्य हर्ष महाजन का भी जिक्र किया और कहा कि भाजपा ने अपने पूर्व के आरोप पत्र में उन पर राज्य सहकारी बैंक में गड़बड़ियों का आरोप लगाया था और आज वही हर्ष महाजन भाजपा की वॉशिंग मशीन में धुलकर बेदाग हो चुके हैं।

    उन्होंने कहा कि हर्ष महाजन के खिलाफ भाजपा सरकार ने जांच शुरू की थी। 28 सितंबर 2022 को वह भाजपा में शामिल हुए। दो महीने बाद यानि 24 दिसंबर को जांच बंद हो जाती है। वह भी विधानसभा चुनावों की वोटिंग होने के 22 दिन बाद।

    जयराम ठाकुर को लेकर क्या बोले सीएम सुक्खू?

    उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि भाजपा की इस वॉशिंग मशीन मैंने उधार लिया था। मुख्यमंत्री ने भाजपा के कच्चे चिट्ठे को उसकी आंतरिक कलह का सबसे बड़ा सबूत करार दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा का यह कच्चा चिट्ठा वास्तव में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को बदनाम करने की साजिश है। उन्होंने जयराम ठाकुर को सलाह दी कि वह अपनी कुर्सी संभाले, हमारी कुर्सी तो पहले ही पक्की हो चुकी है।

    मुख्यमंत्री ने अपने जवाब में जब आबकारी नीति और शराब के ठेकों की नीलामी से एक ही साल में 600 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व जुटाने का जिक्र किया तो पूरा विपक्ष पहले अपनी सीटों पर खड़ा होकर हंगामा करने लगा और कुछ ही देर की नारेबाजी तथा शोरगुल के बाद पूरा विपक्ष नारे लगाते हुए सदन से बाहर चला गया।

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