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Shimla News: पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहते हैं होमगार्ड्स, तीन महीने से नहींं मिला वेतन; गड़बड़ाया बजट

Shimla News हिमाचल प्रदेश में पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर गृहरक्षक काम करते हैं। सुरक्षा की सारी जिम्मेदारी होने के बावजूद गृहरक्षकों को वेतन देने में लाचारी दिखती है। उन्हें दो से तीन माह तक वेतन नहीं मिलता है। ऐसे में गृहरक्षक बिना वेतन के बड़ी मुश्किल से घर चला रहे हैं। उन्हें हर बार इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

By Jagran News Edited By: Himani Sharma Updated: Sun, 31 Mar 2024 10:31 AM (IST)
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पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहते हैं होमगार्ड्स (फाइल फोटो)

यादवेन्द्र शर्मा, शिमला। हिमाचल प्रदेश में बात जब सुरक्षा की हो या यातायात व्यवस्था को पटरी पर लाने की, पुलिस कर्मियों के साथ गृहरक्षक कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहते हैं। दिन हो या रात, गृहरक्षक मुस्तैद होकर जिम्मेदारी निभाते हैं।

सुरक्षा की सारी जिम्मेदारी होने के बावजूद गृहरक्षकों को वेतन देने में लाचारी दिखती है। हर बार वेतन के लिए बजट में कमी आड़े आती है। उन्हें दो से तीन माह तक वेतन नहीं मिलता है।

हर बार पेरशानियों का करना पड़ता है सामना

ऐसे में गृहरक्षक बिना वेतन के बड़ी मुश्किल से घर चला रहे हैं। उन्हें हर बार इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति प्रदेश के लगभग सभी जिलों में थानों व चौकियों में सेवाएं दे रहे गृहरक्षकों के साथ है। प्रदेश में करीब छह हजार गृहरक्षक सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। इनमें से करीब एक हजार गृहरक्षक अपने विभाग व अग्निशमन विभाग के तहत सेवारत हैं।

करीब पांच हजार गृहरक्षक पुलिस, यातायात और स्वास्थ्य व अन्य विभागों में सेवारत हैं। जिन विभागों में गृहरक्षक सेवाएं दे रहे हैं, उन्हें उन विभागों से ही वेतन प्रदान किया जाता है। विभागों से भी वेतन विभागों के लिए निर्धारित मजदूरी व वेतन हेड के तहत जारी होता है।

प्रदेश में गिने चुने जिलों में ही मिला वेतन

पुलिस व ट्रैफिक विंग को प्रदेश सरकार के गृह विभाग के तहत वेतन व मजदूरी के तहत राशि जारी होती है, जो प्रदेश पुलिस मुख्यालय को जारी होती है। इसके बाद वहां पर तैनात गृहरक्षकों के आधार पर जिलों को राशि आवंटित होती है।

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प्रदेश में गिने चुने जिलों में ही वेतन मिला है। वहां भी दो माह का इकट्ठा वेतन कुछ समय पूर्व ही मिला है। प्रदेश में जिन गृहरक्षकों को वेतन नहीं मिला, उनकी संख्या करीब 1,500 है। अभी इन गृहरक्षकों को वेतन का इंतजार करना होगा। अप्रैल के पहले सप्ताह में दो से तीन माह का बकाया वेतन मिलने की उम्मीद है।

बजट की कमी व समय पर वेतन बिल तैयार न होना प्रमुख कारण

सेवाएं प्रदान करने और इसके बाद भी दो से तीन माह व इससे अधिक समय तक वेतन न मिलना बड़ा प्रश्न है। इसके प्रमुख कारणों में बजट की कमी और समय पर वेतन बिल का तैयार न किया जाना है। कुछ जिलों से वेतन बिलों को कई बार भेजने के बाद भी राशि नहीं मिली है।

सिरमौर के 220 जवान ऐसे हैं जो पांच माह से वेतन का इंतजार कर रहे हैं। वे वेतन न मिलने के बाद भी ड्यूटी कर रहे हैं। शिमला में करीब 150 गृहरक्षक ऐसे हैं जिन्हें दो माह से वेतन नहीं मिला है। दो गृहरक्षक ऐसे हैं जिन्हें दो माह के अलावा 2023 के जून व जुलाई का वेतन भी नहीं मिला है।

पहली तारीख को नहीं आता वेतन का मैसेज

गृहरक्षक महीने की पहली तारीख को अपने मोबाइल फोन पर वेतन का मैसेज देखते हैं। वे वेतन के लिए इंतजार करते रहते हैं। बाकी विभागों के सभी कर्मचारियों के मोबाइल फोन पर एक तारीख को वेतन का मैसेज आ जाता है। गृहरक्षकों को तीन से पांच माह हो गए पर पहली तारीख को आने वाला मैसेज आज तक नहीं आया। अभी यह भी पता नहीं कि ये मैसेज अब कब आएगा।

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903 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मिलता वेतन

गृहरक्षकों को 903 रुपये प्रतिदिन के आधार पर वेतन दिया जाता है। रैंक के आधार पर करीब 20 से 50 रुपये का अंतर आता है। जितने दिन ये गृहरक्षक सेवाएं प्रदान करते हैं, उतने दिनों का वेतन विभागों से जारी होता है। अब गृहरक्षक चुनाव ड्यूटी में प्रदेश सहित अन्य राज्यों में भी सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगे।

हिमाचल प्रदेश के विभिन्न पुलिस थानों और पुलिस चौकियों में सेवारत करीब 1500 गृहरक्षकों को दो से तीन माह का वेतन नहीं मिला है। हर बार ऐसी स्थिति होती है और कई माह तक वेतन नहीं मिलता है। कई बार यह मामला उठाया है। -महेंद्र कंवर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश गृहरक्षक कल्याणकारी संघ

पुलिस थानों और चौकियों में सेवाएं प्रदान करने वाले गृहरक्षकों को कुछ स्थानों पर दो माह से वेतन नहीं मिला है। इस संबंध में बात की है। अप्रैल के प्रथम सप्ताह में वेतन जारी होने की उम्मीद है। -अनुज तोमर, डिप्टी कमांडेंट जनरल।

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