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HP Monsoon Session Live: ठेकेदारों के लंबित भुगतान पर तपा सदन, पक्ष-विपक्ष में तीखी नोंकझोंक; पढ़िए पूरा अपडेट

HP Monsoon Session हिमाचल प्रदेश विधासभा सत्र में आज पक्ष और विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। उप मुख्यमंत्री जब रिपोर्ट पेश कर रहे थे तो सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच तीखी नोंकझोंक भी हुई। विपक्ष के सदस्य अपनी सीटों पर खड़े हो गए और नारेबाजी करते हुए सदन के बीच आ गए। विधानसभा अध्यक्ष ने सभी को शांत करने का प्रयास किया। नीचे पढ़िए आज और क्‍या-क्‍या रोचक हुआ।

By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Thu, 21 Sep 2023 03:15 PM (IST)
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सत्ता पक्ष और विपक्ष में हुई तीखी नोंकझोंक
शिमला, जागरण संवाददाता: हिमाचल प्रदेश विधानसभा मानसून सत्र अपने चौथे दिन में प्रवेश कर चुका है। आज ठेकेदारों के लंबित भुगतान के मामले को लेकर सत्‍ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई। विधानसभा अध्यक्ष दोनों तरफ के सदस्यों को शांत करने का प्रयास करते रहें। सदन में जब गतिरोध नहीं थमा तो सदन की कार्यवाही को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

भाजपा विधायक ने बजट में कटौती की मांगा मदवार ब्‍यौरा

भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने वित्तीय वर्ष 2022-23 की अंतिम तिमाही में सरकार ने विभिन्न विभागों के बजट में कितनी कटौती की है उसका मदवार ब्‍यौरा मांगा था। इस पर मुख्यमंत्री ने सदन में अपना जवाब दिया। मुख्यमंत्री के जवाब पर विपक्ष भड़क गया।

इस दौरान सत्ता पक्ष व विपक्षी सदस्यों के बीच तीखी नोंकझोंक हुई। विधायकों ने पहले सदन में हंगामा किया और इसके बाद वे सदन से उठकर बाहर चले गए। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि विपक्ष का सदन से बाहर जाना गैर जरूरी है।

कई ठेकेदारों के लंबित भुगतान पर हुए सवाल-जवाब

विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि राज्य लोक निर्माण विभाग व जल शक्ति विभाग में कई ठेकेदारों के लंबित भुगतान नहीं हो रहे हैं। करोड़ों की देनदारियां ठेकेदारों की लंबित है। इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी ठेकेदार की पेमेंट नहीं रोकी गई। यदि इस बारे विधायक के पास कोई जानकारी है तो वह बताए सरकार इस पर कारवाई करेगी।

इस पर भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने दो बार अनुपूरक सवाल पूछे। दो बार सीएम पहले जवाब दे चुके थे और तीसरी बार जब जवाब दे रहे थे तो नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने फिर से अनुपूरक सवाल किया।

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वहीं भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि सरकार जानकारी छिपा रही है। वित्तीय वर्ष 2021-22 का सरकार ने लोक निर्माण विभाग और जल शक्ति विभाग का बजट रोका है। दोनों विभाग ठेकेदारों की पेमेंट नहीं दे पा रहे। इससे ठेकेदार भी अपने मजदूर को दिहाड़ी नहीं दे पा रहे।

विपक्ष में लीडरशिप की कमी: अग्निहोत्री

उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि भाजपा में लीडरशिप का क्राइसिज पैदा हो गया है। मुख्यमंत्री पर झूठी सूचना देने का आरोप लगाना असंसदीय है। उन्होंने विपक्ष के व्यवहार की निंदा की।

हमने कोई पेमेंट नहीं रोकी: सीएम

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने नेता प्रतिपक्ष को कंफ्यूज्ड बताया। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार की अंतिम तिमाही का लोक निर्माण विभाग का 171 करोड़ और जल शक्ति विभाग का 143 करोड़ खर्च नहीं हो पाया। इसका मतलब यह नहीं कि खत्म हो गया। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार तिजोरी खाली करके गई। इसलिए व्यवस्था सुधारने में वक्त लग रहा है। विपक्ष को इस तरह चर्चा से नहीं भागना चाहिए।

सदन से बाहर गए भाजपा विधायक, सरकार पर लगाए आरोप

विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बातचीत में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सरकार ने सदन में गलत जानकारी देकर गुमराह करने का प्रयास किया है। ठेकेदारों को पिछले नौ महीनों से पेमेंट नहीं की जा रही है। ठेकेदार अपने मजदूरों को दिहाड़ी नहीं दे पा रहे हैं। जो मशीनरियां उन्होंने लोन लेकर ली है उसकी पेमेंट नहीं कर पा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार जवाब देने से पहले लोक निर्माण व जल शक्ति विभाग से पहले पता तो कर लें कि वास्तविक स्थिति क्या है। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व सरकार ने जो बजट अलॉट किया था वह काम नहीं करवाए और अब बजट वापिस लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश के लोगों के हितों से खिलवाड़ है। इसे भाजपा किसी सूरत में बदर्शात नहीं करेगी।

सबसे ज्यादा कर्ज लेने वाले देश के शीर्ष 5 राज्यों में हिमाचल शामिल

पहाड़ी राज्य हिमाचल देश में सबसे ज्यादा कर्ज लेने वाले शीर्ष 5 राज्यों में शामिल है। प्रदेश पर कर्ज का बोझ साल दर साल बढ़ता जा रहा है। प्रदेश पर कर्ज इतना ज्यादा बढ़ गया है कि हर व्यक्ति 1 लाख 2 हजार 818 रुपए के कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है। मानसून सत्र के चौथे दिन उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने राज्य की वित्तीय स्थिति पर श्वेत पत्र जारी किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार को सत्ता संभालने के साथ 92,774 करोड की देनदारियां विरासत में मिली।

31 मार्च 2023 तक प्रदेश पर कर्जे का बोझ बढकर 76,631 करोड़ तक पहुंच गया है। उप मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश की वित्तीय स्थिति को लेकर सदन में आंकड़े प्रस्तुत किए जा रहे थे इस दौरान विपक्ष ने खूब हंगामा किया। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि रिजर्व बैंक की वर्ष 2022-23 की रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल प्रदेश कर्ज के भारी दवाब में हैं। रिपोर्ट पेश करते हुए उप मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने चुनावी वर्ष में 16261 करोड़ रुपए का कर्ज लिया।

कर्ज की राशि चुनाव जीतने के लिए की खर्च- उप मुख्‍यमंत्री अग्निहोत्री

कर्ज की राशि को प्रदेश के विकास के लिए नहीं बल्कि चुनाव जीतने के लिए खर्च किया गया। बावजूद भाजपा चुनाव नहीं जीत पाई। पूर्व सरकार के समय में आयोजित कार्यक्रमों अमृत महोत्सव, जनमंच, देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने का जिक्र उप मुख्यमंत्री ने रिपोर्ट में किया व इन पर खर्च हुई राशि का ब्यौरा भी दिया। उन्होंने बताया कि अमृत महोत्सव समारोहों पर 7 करोड रुपए खर्च किए हैं। जबकि रैलियों के लिए इस्तेमाल के लिए हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम की बसों को भेजा गया। जिसकी देनदारियां 8.50 करोड़ अभी भी लंबित है।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सरकार ने चुनावी वर्ष में कर्मचारियों को खुश करने के लिए बड़ी घोषणा कर दी। कर्मचारियों के लिए 10600 करोड के नए वेतनमान और भत्तों की घोषणा तो कर दी लेकिन इसके लिए न तो पैसे का प्रावधान और न ही इन देनदारियों को चुकता किया गया। इसमें से 10 हजार करोड वेतमान के जबकि 600 करोड डीए की दो किश्तों का बकाया है। 5544 करोड की अन्य देनदारी भी पूर्व सरकार ने चुकता नहीं की। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार की इन्हीं गलत नीतियों की वजह से हिमाचल कर्जाग्रस्त राज्य बन गया है।

आज यह है स्थिति

उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल की वित्तीय स्थिति यह है कि राज्य को वर्ष 2023-24 के बजट अनुमानों के विपरीत पिछले कर्ज को चुकता करने के लिए ही 9048 करोड़ देने है। इसमें से 3486 करोड़ कर्ज की अदायगी के हैं जबकि 5262 करोड़ ब्याज के रूप में चुकता करने हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017-18 के अंत में हिमाचल पर 47906 करोड़ का कर्जा था। पूर्व सरकार ने वर्ष 2023-24 तक 12 प्रतिशत औसत बढौतरी के साथ 28784 करोड़ का पांच साल में कर्जा लिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की वित्तीय स्थिति पर 25 साल बाद श्वेत पत्र जारी किया गया है।

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13 बोर्ड निगम घाटे में

उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन के कई उदाहरण है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 23 में से 13 बोर्ड व निगम 5 हजार करोड के घाटे में हैं।

भाजपा विधायकों ने किया हंगामा, सदन के बीचों बीच आए, 2 बजे तक कार्यवाही स्थगित

विपक्ष के हंगामे पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि क्योंकि इनकी करतूतें बाहर आ रही हैं इसलिए विपक्ष सच्चाई नहीं सुन पा रहा है। उप मुख्यमंत्री जब रिपोर्ट पेश कर रहे थे तो सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच तीखी नोंकझोंक भी हुई। विपक्ष के सदस्य अपनी सीटों पर खड़े हो गए और नारेबाजी करते हुए सदन के बीच आ गए। विधानसभा अध्यक्ष दोनों तरफ के सदस्यों को शांत करने का प्रयास करते रहें। सदन में जब गतिरोध नहीं थमा तो सदन की कार्रवाई को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

जब मैं खड़ा हो गया हुं तो आप बैठ जाइए

विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया सदन में सभी सदस्यों को शांत करने का प्रयास करते रहें। उन्होंने सत्ता पक्ष व विपक्ष के सदस्यों को नसीहत देते हुए कहा कि जब अध्यक्ष अपनी सीट पर खडे हों तो सभी सदस्य बैठ जाएं, यही सदन का नियम है। यह नियम विधानसभा सदस्यों द्वारा ही बनाया गया है इसलिए इसकी पालना भी उन्हीं का कर्तव्य है।

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