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हिमाचल भवन कुर्क करने का आदेश, हाईकोर्ट के फैसले से मची खलबली; जानें क्या है पूरा मामला

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने ऊर्जा विभाग द्वारा आर्बिट्रेशन अवॉर्ड का पालन न करने पर नई दिल्ली स्थित हिमाचल भवन (Himachal Bhawan) को कुर्क करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव को इस बात की जांच करने के भी निर्देश दिए हैं कि किसकी लापरवाही के कारण 64 करोड़ रुपये की अवॉर्ड राशि कोर्ट में जमा नहीं की गई।

By rohit nagpal Edited By: Rajiv Mishra Updated: Tue, 19 Nov 2024 11:55 AM (IST)
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हाईकोर्ट ने दिया हिमाचल भवन कुर्क करने का आदेश (फाइल फोटो)
विधि संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने आर्बिट्रेशन अवॉर्ड का पालन करने के लिए नई दिल्ली के 27 सिकंदरा रोड मंडी हाउस स्थित हिमाचल भवन (Himachal Bhawan) को कुर्क करने का आदेश जारी किया है। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने सेली हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी लिमिटेड की ओर से ऊर्जा विभाग के विरुद्ध दायर अनुपालना याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया।

कोर्ट में जमा नहीं की गई है इतनी राशि

कोर्ट ने ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव को इस बात की तथ्यात्मक जांच करने का आदेश भी दिया कि किस विशेष अधिकारी अथवा अधिकारियों की चूक के कारण 64 करोड़ रुपये की सात प्रतिशत ब्याज सहित अवॉर्ड राशि कोर्ट में जमा नहीं की गई है। कोर्ट ने कहा कि दोषियों का पता लगाना इसलिए आवश्यक है क्योंकि ब्याज को दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों से व्यक्तिगत रूप से वसूलने का आदेश दिया जाएगा।

15 दिन के भीतर जांच करने का आदेश

कोर्ट ने 15 दिन के भीतर जांच पूरी कर रिपोर्ट अगली तिथि को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश भी दिया। मामले पर सुनवाई छह दिसंबर को होगी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि हाईकोर्ट की एकलपीठ ने 13 जनवरी 2023 को प्रतिवादियों को याचिकाकर्ता की ओर से जमा किए गए 64 करोड़ रुपये के अग्रिम प्रीमियम को याचिका दायर करने की तिथि से इसकी वसूली तक सात प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से ब्याज सहित वापस करने का निर्देश दिया था।

हाईकोर्ट ने दिया ये आदेश

इस निर्णय पर खंडपीठ ने इस शर्त पर रोक लगाई थी कि यदि प्रतिवादी उक्त राशि कोर्ट में जमा करवाने में असमर्थ रहते हैं तो अंतरिम आदेश हटा लिए जाएंगे। राशि जमा न करने पर हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 15 जुलाई 2024 को एकलपीठ के निर्णय पर लगाई रोक हटाने का आदेश जारी किया।

इन तथ्यों को देखते हुए कोर्ट ने कहा कि चूंकि प्रतिवादी-राज्य के पक्ष में कोई अंतरिम आदेश नहीं है, इसलिए आर्बिट्रेशन अवॉर्ड को लागू करना इसलिए आवश्यक है क्योंकि सरकार की ओर से अवॉर्ड राशि जमा करने में देरी से दैनिक आधार पर ब्याज लग रहा है, जिसका भुगतान सरकारी खजाने से किया जाना है।

जयराम ठाकुर ने सरकार पर बोला हमला

पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल भवन प्रदेश की सम्मानजनक प्रॉपर्टी है जहां हम हर हिमाचली सम्मान के साथजाता है। हिमाचल भवन को नीलाम करने के आदेश सरकार के लिए दुर्भाग्यपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि यह सरकार लगातार ऐसे फैसले ले रही है जिससे हिमाचल प्रदेश की फजीहत हो रही है।

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