हिमाचल में सफर करना हुआ और आसान, अब घर बैठे जानें बसों की जानकारी; वेबसाइट पर मिलेगी ढाबों की रेट लिस्ट
हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) ने यात्रियों की सुविधा के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। अब यात्रा के दौरान ढाबों पर यात्रियों के साथ होने वाली लूट-खसोट नहीं होगी। एचआरटीसी द्वारा अधिकृत सभी ढाबों का मूल्यांकन होगा और उनकी रेट लिस्ट निगम की वेबसाइट पर उपलब्ध होगी। इसके अलावा निगम की बसों में जीपीएस ट्रैकिंग डिवाइस लगाए जा रहे हैं।
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) यात्रियों की सुविधा के लिए बड़ा फैसला लिया है। यात्रा के दौरान ढाबों पर यात्रियों के साथ होने वाली लूट खसूट अब नहीं होगी। एचआरटीसी द्वारा अधिकृत सभी ढाबों का मूल्यांकन होगा। निगम की टीम पहले खुद देखेगी कि क्या इन ढाबों में अच्छा खाना मिल रहा है या नहीं। इनका रेट क्या है।
वेबसाइट पर होगी ढाबों की रेट लिस्ट
निगम प्रबंधन द्वारा अधिकृत किए जाने वाले सभी ढाबों की पूरी रेट लिस्ट वेबसाइट पर होगी। लोगों को इसकी जानकारी भी दी जाएगी। बुकिंग के दौरान भी लोगों को यह बताया जाएगा। यही नहीं निगम लोगों की सुविधा के लिए वेबसाइट पर ही शिकायत नंबर भी देगा।
लोग उस पर फोन कर शिकायत या सुझाव भी दे सकते हैं। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने इसको लेकर निगम प्रबंधन को निर्देश जारी किए हैं। इसके बाद निगम ने यह निर्णय लिया है कि वेबसाइट पर ही सारी सूची अपलोड की जाएगी।
यह भी होगा चेक
निगम द्वारा अधिकृत ढाबों में भोजन की गुणवत्ता, भोजन के दाम की सूची लगाई गई है या नहीं, शौचालय की स्वच्छता, शौचालय में महिलाओं व बच्चों के लिए अलग से व्यवस्था है या नहीं सहित अन्य सुविधाओं की सख्ती से जांच करने के निर्देश दिए हैं। यदि कोई भी ढाबा संचालक नियमों की अवहेलना करते पाया जाता है तो ढाबे को ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा।
निगम की बसों में सफर करने वाले यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही है। ढाबों को लेकर आने वाली शिकायतों को देखते हुए निर्णय लिया गया है कि इनकी रेट लिस्ट को निगम की अपनी वेबसाइट पर डिसप्ले किया जाए। निगम की टीम भी ढाबों का निरीक्षण करेगी इसके निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
-मुकेश अग्निहोत्री, उपमुख्यमंत्री
फोन नहीं ट्रैक कर सकेंगे बस की लोकेशन
निगम की बसों की लोकेशन को भी अब ट्रैक किया जाएगा। यानि बस कहां पहुंची, इसका पता लगाने के लिए बार बार फोन नहीं करना पड़ेगा न ही पूछताछ खिड़की पर जाना पड़ेगा। बस अड्डों पर लगे डिस्पले बोर्ड पर ही यह जानकारी मिल जाएगी। इसके लिए बसों में जीपीएस ट्रेकिंग डिवाइस लगाए जा रहे हैं।यह भी पढ़ें- 'झूठ बोलना कांग्रेस की आदत...', जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर बोला हमला; कहा- गारंटी का मॉडल फ्लॉप
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