Move to Jagran APP

शिमला में दौड़ेगी Hydrogen Train? कहीं फाइलों में ही सिमट कर न रह जाए सपना; ट्रायल के दौरान ही हांफ गईं रेलें

शिमला में हाइड्रोजन ट्रेन का सपना फाइलों में ही कैद है। ऐसी घोषणा की गई थी कि प्रदेश में ये नैरोगेज पर दौड़ने वाली देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन होगी। लेकिन काफी ट्रायलों के बाद भी इसका सफलता हासिल नहीं हुई। ऊंचे पहाड़ इसकी राह में अवरोध बने हुए हैं। पिछले साल यहां हाइड्रोजन ट्रेन रन करने की बात कही गई थी।

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Published: Wed, 26 Jun 2024 12:42 PM (IST)Updated: Wed, 26 Jun 2024 12:42 PM (IST)
Himachal Pradesh News: हाइड्रोजन ट्रेन प्रतीकात्मक चित्र (जागरण फाइल फोटो)

विकास शर्मा, चंडीगढ़। विश्व धरोहर कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर हाइड्रोजन ट्रेन संचालन की घोषणा वर्ष 2023 में की गई थी। घोषणा के समय यह कहा गया था कि यह नैरोगेज पर दौड़ने वाली देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन होगी।

इसके लिए रेलवे ने दो चरणों में ट्रायल लिए, लेकिन दोनों बार ट्रायल सफल नहीं हो सके। इतना ही नहीं रेलवे ने इसी ट्रैक पर स्थित कालका, शिमला और बड़ोग में तीन हाइड्रोजन गैस के स्टेशन स्थापित करने की घोषणा की थी, लेकिन इस दिशा में भी कोई काम नहीं हुआ।

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि अभी इस दिशा में काफी कुछ काम करना बाकी है, लेकिन यह काम कब तक होगा, इस बारे में कोई सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं है। तेल या बिजली की तुलना में हाइड्रोजन ईंधन काफी सस्ता और प्रदूषण मुक्त होता है।

यह अधिक किफायती और पर्यावरण के अनुकूल है। इसलिए कालका-शिमला ट्रैक पर इन हाइड्रोजन ट्रेनों के शुरू होने का लोग भी बेसब्री से इंतजार कर रहे थे।

ट्रायल के दौरान ही हांफ गई हाइड्रोजन ट्रेन

कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर हाइड्रोजन ट्रेन का पिछले साल ट्रायल भी लिया था, लेकिन यह ट्रेन पहले ट्रायल में एक-दो किलोमीटर चलने के बाद ही हांफने लगी थी। दो दिन के बाद फिर इस ट्रेन का ट्रायल लिया गया, लेकिन यह ट्रेन फिर शिमला के पहाड़ों को फतह नहीं कर सकी, इसके बाद से इस ट्रेन का दोबारा ट्रायल नहीं लिया गया।

सैलानियों को मिलली थीं अतिरिक्त सुविधाएं 

विश्व धरोधर कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर हाइड्रोजन ट्रेन की घोषणा के साथ यह बताया गया था कि दिसंबर 2023 तक इस रूट पर ट्रेनें दौड़ना शुरू हो जाएंगी।

वंदे भारत ट्रेन की तर्ज पर इस ट्रेन में तमाम तरह की आधुनिक सुविधाएं होंगी, जिसमें सीसीटीवी कैमरा, हीटर, डिजिटल बोर्ड, मोबाइल चार्जर प्वाइंट मौजूद होंगे। तीनों डिब्बों के साथ इंजन जुड़ा होगा, जिससे ट्रेन पांच के बजाय चार घंटे में शिमला पहुंचेगी।

इसके अतिरिक्त भी तमाम तरह की कई सुविधाएं होंगी, जो इस पहाड़ी सफर को आरामदायक बनाएंगी। लेकिन यह ट्रेन कब शुरू होगी, इसकी कोई जानकारी नहीं है। हाइड्रोजन को प्रदूषण रहित स्वच्छ ईंधन माना जाता है।

हाइड्रोजन ईंधन के इस्तेमाल से हानिकारक गैसों का शून्य उत्सर्जन होता है और सिर्फ जल वाष्प निकलते हैं, जो हरित आवरण में स्वच्छ और पर्यावरण के लिए अनुकूल माने जाते हैं।

यह भी पढ़ें- Himachal Weather News: हिमाचल में इस दिन होगी मानसून की एंट्री, कई आवश्यक सेवाएं हो सकती है प्रभावित


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.