Shimla News: 'इस्तीफा नहीं स्वीकारा तो बैठेंगे धरने पर...', निर्दलीय विधायकों ने विस अध्यक्ष के खिलाफ खोला मोर्चा
Shimla News हिमाचल प्रदेश के तीन निर्दलीय विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोला है। उन्होंने कहा कि अगर इस्तीफा नहीं स्वीकार किया गया तो विधानसभा के बाहर धरने पर बैठेंगे। विधायकों का त्यागपत्र स्वीकृत होने से पहले ही राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी व शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने विधानसभा अध्यक्ष को शिकायत की थी। वहीं विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया विदेश दौरे पर हैं।
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश में तीन निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे स्वीकार न करने का मामला गरमा गया है। एक दिन पहले राज्यपाल ने इस मामले में गेंद विधानसभा अध्यक्ष के पाले में डालते हुए उन्हें ही इसके लिए अधिकृत माना था। अब तीनों निर्दलीय विधायक शनिवार को विधानसभा जाएंगे और विधानसभा अध्यक्ष की अनुपस्थिति में विधानसभा सचिव से मुलाकात करेंगे।
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया विदेश दौरे पर हैं और मंगलवार को हिमाचल लौटेंगे। ऐसे में तीनों विधायकों का कहना है कि शनिवार तक उनके इस्तीफे स्वाकीर न हुए तो वे विधानसभा के बाहर धरना देंगे। प्रदेश में संभवत: ऐसा पहली बार होगा कि कोई विधायक त्यागपत्र स्वीकृत करवाने की मांग को लेकर धरना देगा।
विधायकों ने विधानसभा सचिव को सौंपा त्यागपत्र
तीनों निर्दलीय विधायक हमीरपुर से आशीष शर्मा, देहरा से होशियार सिंह व नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र से केएल ठाकुर ने 22 मार्च को विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दिया था। इसके बाद तीनों 23 मार्च को दिल्ली में भाजपा में शामिल हो गए।यह भी पढ़ें: Shimla News: 'आपदा में हमने बसाए 25 हजार परिवार, BJP ने सिर्फ की राजनीति...'; सुक्खू ने केंद्र पर साधा निशाना
विधायकों ने पहले विधानसभा सचिव को त्यागपत्र सौंपा। इसके बाद वह राज्यपाल से मिले। फिर व्यक्तिगत तौर पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया से मुलाकात कर उन्हें भी त्यागपत्र सौंपा। पिछले माह राज्यसभा के चुनाव के बाद से ही तीनों निर्दलीय विधायक सरकार के विरुद्ध मुखर रहे हैं।
नेगी व रोहित ने की थी शिकायत
विधायकों का त्यागपत्र स्वीकृत होने से पहले ही राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी व शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने विधानसभा अध्यक्ष को शिकायत की थी। शिकायत में कहा गया कि पांच साल के लिए चुन कर आए विधायक 15 माह में त्यागपत्र दे रहे हैं। लगता है कि इन पर कोई दबाव है। विधानसभा अध्यक्ष ने निर्दलीय विधायकों को नोटिस भेज कर उनसे 10 अप्रैल को दोपहर 12.15 बजे पक्ष रखने को कहा है। त्यागपत्र स्वीकृत न होने से तीनों विधायक असमंजस में हैं।
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