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हिमाचल में अब नहीं चलेगी सिफारिश और न कोई जुगाड़, 2 बार टेस्ट में फेल होने पर सीधा कबाड़ में जाएगा वाहन

Himachal Cabinet Meeting हिमाचल प्रदेश में आज कैबिनेट बैठक हुई। इस मीटिंग में कई अहम फैसलों पर मुहर लगाई गई। इसी क्रम में हिमाचल प्रदेश में वाहनों की जांच (फिटनेस चैकिंग) हाईटेक तरीके से होगी। इस बाबत वाहन फिटनेस आंकलन के लिए स्वचलित परीक्षण स्टेशन की स्थापना को भी मंजूरी दी गई है। खास बात है कि इस स्टेशन की स्थापना परिवहन विभाग ने खुद ली है।

By Anil Thakur Edited By: Prince Sharma Updated: Tue, 22 Oct 2024 08:49 PM (IST)
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हिमाचल में वाहनो की फिटनेस की चैकिंग हाईटेक तरीके से होगी (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, शिमला। राज्य में वाहनों की जांच (फिटनेस चैकिंग) हाईटेक तरीके से होगी। राज्य सरकार ने प्रदेश में 5 स्थानों पर वाहन फिटनेस आंकलन के लिए स्वचलित परीक्षण स्टेशन की स्थापना को भी मंजूरी दी। जिसमें उन्नत स्वचलित उपकरणों का उपयोग किया जाएगा।

इसका उद्देश्य राज्य के नागरिकों को बेहतर सेवा देना है। निजी सार्वजनिक सहभागिता यानि पीपीपी मोड पर यह स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। पहला स्टेशन बद्दी में बनकर तैयार हो चुका है।

इस स्टेशन की स्थापना परिवहन विभाग ने खुद की है। वाहनों की पासिंग व जांच में न तो सिफारिश चलेगी न ही कोई जुगाड़।

गाड़ी का गेयर, ब्रेक, क्लच ठीक से काम कर रहे हैं, प्रदूषण, और फिटनेस के अन्य मानकों को मशीन से ही चैक किया जाएगा। जांच में पहली बार यदि कोई खामी यानी फॉल्ट नजर आता है तो उसे दुरुस्त करने का एक मौका वाहन मालिक को दिया जाएगा। इसके बाद उसे पासिंग की दूसरी डेट दी जाएगी।

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दूसरी बार गाड़ी को फिटनेस टेस्ट के लिए लाया जाएगा। यदि दूसरी बार भी यह परीक्षण में फेल हो जाती है तो फिर सीधे स्क्रैप में जाएगी। दूसरी बार फेल होने में वाहन का पुन: पंजीकरण नहीं किया जाएगा।

अभी ये है व्यवस्था

अभी वाहनों की फिटनेस एमवीआई यानि मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी करते हैं। हालांकि, फिटनेस की पूरी वीडियो रिकार्डिंग होती है ताकि किसी तरह का भ्रष्टाचार या अनियमित्ता इसमें न हो।

ये वाहन होंगे चेक

  • एटीएस में टू व्हीलर, थ्री व्हीलर, लाइट मोटर व्हीकल व हैवी वाहन सभी की फिटनेस इसमें चैक होगी।
  • इसके लिए जो कंपनियां आएगी उन्हें 4100 सक्वेयर मीटर का एरिया पर इस केंद्र को बनाना होगा। यदि अपनी जमीन नहीं है तो लीज पर भूमि ले सकता है।
  • गाड़ी निर्माता है, या ऑटोमोबाइल डीलर हैं या ऐसे व्यक्ति जिनका गाड़ियों की मरम्मत से जुड़ा कार्य है वे एटीएस सेंटर को नहीं खोल पाएंगे।

22 लाख 43 हजार कुल वाहन

परिवहन विभाग के अनुसार प्रदेश में कुल 22 लाख 43 हजार, 524 पंजीकृत वाहन है। इनमें से 19 लाख 25 हजार 593 निजी वाहन है। जबकि व्यवसायिक वाहनों की संख्या 3 लाख 17 हजार 931 है। 2811 ई-वाहन है।

किस साल कितने वाहनों की हुई फिटनेस चैक

कर्मिशियल वाहनों की फिटनेस हर साल चैक होती है। जबकि निजी वाहनों की फिटनेस 15 साल बाद चैक होती है। वर्ष 2019 में परिवहन विभाग ने 10,69,48 वाहनों की फिटनेस चैक की। जबकि 2020 में 58699, 2021 में 86111, 2022 में 77545 व वर्ष 2023 में 91500 वाहनों की फिटनेस चैक की गई है। इस साल का आंकड़ा अभी आना बाकी है।

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