Himachal Pradesh: 'लंबित मामलों की जानकारी है तो बताएं, अभी जारी कर देंगे बजट', जन सहयोग कार्यक्रम को लेकर बोले CM सुक्खू
सदन में विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि तय मानकों के अनुसार जनवरी से दिसंबर 2023 तक 26.84 करोड़ रुपये की धनराशि का आवंटन कर दिया गया है। इसके बावजूद भी अगर लंबित मामलों की जानकारी है तो बताएं अभी बजट जारी कर देंगे। जन सहयोग कार्यक्रम के तहत सभी जिलों में 516 कार्य स्वीकृत किए गए हैं।
जागरण संवाददाता, शिमला। जन सहयोग कार्यक्रम के तहत सभी जिलों को दिशा निर्देशों के तहत तय मानकों के अनुसार जनवरी से दिसंबर 2023 तक 26.84 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गई है। ये बात सदन में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दी। विकास में जन सहयोग में 50-50 और 85-15 के अनुपात के आधार पर धनराशि खर्च की जा रही है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जनवरी से दिसंबर 2023 तक विकास में जन सहयोग कार्यक्रम के तहत सभी जिलों को दिशा निर्देशों के तहत तय मानकों के अनुसार 26.84 करोड़ की धनराशि आवंटित की गई है। जनवरी से दिसंबर 2023 तक इस कार्यक्रम के तहत सभी जिलों में 26.46 करोड़ की लागत से 516 कार्य स्वीकृत किए गए हैं।
जहां जनता का शेयर डिपॉजिट है, वहां जारी होगी राशि- सीएम
विधायक विपिन सिंह परमार की गैर मौजूदगी में विधायक रणधीर शर्मा द्वारा पूछे सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विकास में जन सहयोग में 50:50 व 85:15 के आधार पर राशि खर्च की जाती है। जहां पर जनता का शेयर डिपॉजिट है वहां पर राशि को जारी किया जाएगा।
विधायक विनोद कुमार ने सवाल उठाया कि मंडी जिले में इस योजना में कई केस पेंडिंग हैं और उन्हें जल्द क्लियर किया जाए। विधायक लोकेंद्र कुमार ने पूछा कि अभी विधानसभा हलके के 2023-24 के कई केस लंबित हैं और उन्हें स्वीकृत किया जाए। बंजार के विधायक सुरेंद्र शौरी ने भी अनुपूरक सवाल किया।
दो सालों के पेंडिंग केस के पैसे का प्रबंध कब होगा- विनोद कुमार
वहीं, विनोद कुमार ने कहा कि 2022-23 और 2023-24 के पेंडिंग केस बचे हैं, उनके लिए पैसे का प्रबंध कब करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायक लिखकर दें कि कब की राशि लंबित है इसे देखा जाएगा और जारी कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि विधायक के पास इसकी जानकारी अभी है तो वे अभी इसे जारी करने के निर्देश जारी कर देंगे। उन्होंने कहा कि कई केस जमीन के मामलों के कारण पेंडिंग है। यदि ऐसा नहीं है तो सारी औपचारिकताओं के पूरा होने पर सारे केस स्वीकृत कर दिए जाएंगे।
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