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Shimla News: दूर होंगी दिक्कतें, बेहतर होगा इलाज; IGMC में पांच मार्च से शुरू हो जाएगा नया ओपीडी भवन

इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज (आइजीएमसी) एवं अस्पताल का नया ओपीडी भवन पांच मार्च से शुरू होगा। इस भवन का उद्घाटन एक साल पहले पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में हो चुका है। इसके बावजूद इसे लोगों को समर्पित नहीं किया जा रहा था।

By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Tue, 21 Feb 2023 04:43 PM (IST)
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आइजीएमसी शिमला का नया ओपीडी भवन l जागरण फोटो
शिमला, जागरण संवाददाता। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आइजीएमसी) एवं अस्पताल का नया ओपीडी भवन पांच मार्च से शुरू होगा। इस भवन का उद्घाटन एक साल पहले पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में हो चुका है। इसके बावजूद इसे लोगों को समर्पित नहीं किया जा रहा था।

नया ओपीडी भवन बनाने का उद्देश्य मरीजों को सभी सुविधाएं एक छत के नीचे देना है। इसके शुरू होने से मरीजों को टेस्ट व इलाज करवाने के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा।

मरीजों को मिलेगी राहत

अस्पताल में जो सबसे ज्यादा परेशानी मरीजों को भीड़ के कारण होती है, उससे भी राहत मिलेगी। अस्पताल में अभी जगह कम होने से मरीजों को इलाज करवाने के लिए नीचे-ऊपर जाना पड़ता है। जगह कम होने से अस्पताल में हर सुविधा अलग-अलग जगह पर है। इस कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

नए ओपीडी भवन में ये मिलेंगी सुविधाएं 

नए ओपीडी भवन में मरीजों को एक छत के नीचे कई सुविधाएं मिलेंगी। एक ही स्थान पर सभी टेस्ट व एक्सरे होंगे और पार्किंग की सुविधा भी मिलेगी। दवाओं की सभी दुकानें एक ही स्थान पर बनाई जाएंगी ताकि तीमारदारों को दवा और आपरेशन का सामान लेने के लिए भटकना न पड़े।

कैंटीन मार्च में होगी शुरू

आइजीएमसी में पर्यटन निगम की कैंटीन मार्च तक शुरू हो सकती है। इसका काम बीएसएनएल कर रहा है। इस कैंटीन को अस्पताल में पर्यटन निगम के माध्यम से चलाने का फैसला लिया है। काफी समय से अस्पताल में ये कैंटीन बंद है।

अस्पताल में डाक्टर और स्वजनों को खाने की गुणवत्ता ठीक नहीं मिल रही थी। मरीजों के साथ आए स्वजनों व स्टाफ को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आइजीएमसी के समीप कोई भी होटल नहीं है। अस्पताल में लंबे समय से चल रही कैंटीन की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहें थे। इसे बहुत समय से ठीक करने की मांग भी हो थी, लेकिन सुधार ने होने की वजह से इसे बंद करने का फैसला लिया था।

तेजी से चल रहा काम

इसकी बजाय पर्यटन निगम के माध्यम से कैंटीन भविष्य में चलाने का फैसला लिया था। इस फैसले को लागू करने के लिए काम तेज कर दिया है। प्राचार्य डा. सीता ठाकुर ने बताया की इसके काम को किया जा रहा है। कंपनी को जल्दी इस काम को करने के निर्देश दिए गए है। मरीजों और स्टाफ को अस्पताल में दिक्कतों का सामना ना करना पड़े। इसका पूरा ध्याना रखा जा रहा है।

रोज आते हैं 3000 से 3500 मरीज

आइजीएमसी में रोज 3000 से 3500 के करीब मरीज इलाज करवाने के लिए आते है। मरीजों को पर्ची बनाने व चेकअप करवाने के लिए घंटों कतार में खड़े होकर इंतजार करना पड़ता है।

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