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Himachal Weather Update: जनवरी में मार्च जैसा मौसम, बर्फबारी तो दूर बारिश के लिए भी तरसे लोग; सुबह-शाम की ठंड बरकरार

Himachal Weather Update जनवरी के महीने में मार्च जैसा मौसम है। बर्फबारी तो दूर शिमला में बारिश के लिए भी लोग तरस गए है। मौसम ठंडा होने की बजाए गर्म होता जा रहा है। राजधानी शिमला सहित जिला के अन्य क्षेत्रों में जहां लोगों को ठंड से बचने के लिए आग व हीटर का सहारा लेना पड़ता था तो वहीं हीटर और आग की अभी तक जरूरत नहीं पड़ी है।

By Rohit Sharma Edited By: Prince Sharma Updated: Wed, 10 Jan 2024 07:59 AM (IST)
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Himachal Weather Update: मौसम दिन में तो सुहावना है, लेकिन सुबह और शाम के समय भी ज्यादा ठंड नहीं है।

जागरण संवाददाता, शिमला।  जन वरी के महीने में मार्च जैसा मौसम है। बर्फबारी तो दूर शिमला में बारिश के लिए भी लोग तरस गए है। मौसम ठंडा होने की बजाए गर्म होता जा रहा है। शिमला में सर्दियों के दिनों में जहां कड़ाके की ठंड हुआ करती थी, तो वहीं इस बार चटक धूप के कारण मौसम दिन में तो सुहावना है, लेकिन सुबह और शाम के समय भी ज्यादा ठंड नहीं है।

बारिश ने खूब बरपाया कहर

राजधानी शिमला सहित जिला के अन्य क्षेत्रों में जहां लोगों को ठंड से बचने के लिए आग व हीटर का सहारा लेना पड़ता था, तो वहीं इस बार हीटर और आग की अभी तक ज्यादा जरूरत नहीं पड़ी है। जिला शिमला में बरसात के मौसम में जहां बारिश ने खूब कहर बरपाया है। सदी के मौसम में जिला सर्दी सूखे की चपेट में आ गया है। मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले 2 महीने में अभी तक प्रदेश में 100 फीसदी कम बारिश और बर्फबारी हुई है। इससे जिससे पिछले कई साल के रिकॉर्ड भी टूट गए हैं। इससे पहले 2007 में माइनस 99 फीसदी कम बारिश हुई थी इस बार भी 8 जनवरी तक 100 फीसदी कम बारिश हुई है और पूरे जनवरी महीने में भी बारिश और बर्फबारी होने की कम ही संभावना है।

क्या कहते हैं मौसम विज्ञानी?

मौसम विज्ञान केन्द्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने बताया कि 2004 के बाद इस तरह के हालात बने हुए हैं। 2007 में जनवरी माह में माइन्स 99 फीसदी कम बारिश हुई थी लेकिन इस बार जनवरी माह में अभी तक 100 फीसदी कम बारिश व बर्फबारी हुई है। जनवरी के आने वाले दिनों में भी बारिश- बर्फबारी की संभावना न के बराबर है।

बारिश ना होने के चलते फसले प्रभावित

दिसंबर महीने में 85 फीसदी कम बारिश और बर्फबारी हुई है जिसके कारण किसानों बागवानों को खासा नुक्सान हुआ है। बॉक्स: आंखे नम, जमीन सूखी बारिश न होने के कारण किसानों बागवानों की आंखे नम हैं, जबकि जमीने में सूखा पड़ा हुआ है। सूखे के कारण किसानों और बागवानें की परेशानियां बढ़ गई है। सेब के बागीचों में जहां अभी तक चिलिंग प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई हैं, तो वहीं निचले क्षेत्रों में किसान गेहूं की फसल भी नहीं बीज पाए है। गेंहू बीजने के लिए नवंबर दिसंबर और जनवरी का पहला सप्ताह रहता है। इस दौरान प्रदेश में बारिश ही नहीं हुई है। ऐसे में किसान आसमान की तरफ देखते रहे, लेकिन बारिश की बूंद तक नहीं गिरी।

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