बागवानों के लिए जरूरी खबर: समाप्ति की ओर सेब का सीजन, जानिए अगले साल अच्छी फसल के लिए टिप्स
Apple Farming सेब के बागवानों के लिए जरूरी खबर! सेब सीजन लगभग समाप्ति की ओर है। ऐसे में अगले साल अच्छी फसल के लिए अभी से ही तैयारियां शुरू कर दें। जानिए बागवानी विशेषज्ञों से सेब के पेड़ों की देखभाल के लिए जरूरी टिप्स। मार्च के महीने में तनों में चूूने का लेप लगाने से ज्यादा फायदा नहीं होता है।
जागरण संवाददाता, शिमला। शिमला जिला में सेब सीजन लगभग समाप्ति की ओर से है। ऐसे में बागवानी विशेषज्ञ की सलाह की अगले वर्ष अच्छी फसल के लिए बागवान अभी से ही तैयारियां शुरू कर दे। अक्तूबर माह धूप तेज पड़ने के कारण पौधों के तने की चमड़ी फटने की संभावना रहती है।
ऐसे सेब के पौधे के तनों में चूने का लेप लगाने का सही समय पतझड़ है, जबकि ज्यादातर बागवान मार्च के महीनों में पेड़ के तने में चूने का लेप लगाने का काम करते है। मार्च के महीने में तनों में चूूने का लेप लगाने से ज्यादा फायदा नहीं होता है।
बागबानी विशेषज्ञ डॉ. एसपी भारद्वाज का कहना है कि पतझड़ के मौसम में सूरज की किरणें सीधी पौधों के तनों पर पड़ती है, जिससे तनों की चमड़ी फट जाती है। ऐसे में चूने के लेप से चमड़ी को फटने से बचाना बहुत जरूरी है। चमड़ी के फटने से पेड़ों में कैंकर, वूली, एफिड, जैसी बीमारियां पनप जाती है। उन्होंने बताया कि इस महीने के अंत तक बागवानों को लेप लगाने की प्रक्रिया को पूरा कर लेना चाहिए।
डॉ एसपी गुप्ता ने बताया कि 9 किलो चूना, 1 किलो नीला थोथा, एक लीटर अलसी का तेल या 750 एमएल एचएमओ ऑयल को मिलाकर बागबान लेप तैयार कर सकते हैं। लेप बनाते समय अलसी के तेल को हल्का गर्म कर लेना चाहिए। इससे लेप की पकड़ अच्छी रहती है।बागबानी विशेषज्ञ की माने तो सर्दियों में पौधों के तौलियों में खाद डालने से पहले मिट्टी की जांच अवश्य करवा लें। बिना मिट्टी के जांच के बगीचों में खाद न डालें। इससे लाभ की बजाए नुकसान हो सकता है। मिट्टी की जांच से ही पता चलेगा कि मिट्टी में किस पोषक तत्व की कमी है। बागवान उसके अनुसार ही बगीचों में खाद डालें। इससे उनको मनमाकिफ पैदावार होगी व फल की शानदार गुणवत्ता होगी।
सेब तुड़ान के बाद छिड़काव जरूरी
बागवानी विशेषज्ञ का कहना है कि जिन बागीचों में अभी हाल ही में सेब का तुड़ान हुआ है। उनमें बागवान सेब तुड़ान के बाद ब्लाइटोक्स 600 ग्राम की स्प्रे बगीचे में करें। इसके साथ किसी तरह का माइक्रोन्यूट्रेन्ट या यूरिया न मिलाएं इसके 15 दिन बाद चिलेटिड कैल्शियम 100 ग्राम मैगनिशियम-100 व जिंक 100 ग्राम की स्प्रे करें। इससे अगले साल के लिए बीमा मजबूत होता है।
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