वहीं तारीखों को लेकर निर्णय नहीं हुआ, ये तय है कि बजट सत्र फरवरी माह में शुरू होगा। एक प्रश्न के जवाब में कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि विभाग को लेकर पसंद तो नहीं पूछी गई थी, मैं जो विभाग मिला है, उससे खुश हूं और अच्छा काम करने का प्रयास करूंगा।
तीन मंत्री नहीं पहुंचे
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह मंत्रिमंडल बैठक में नहीं पहुंचे। ऐसी जानकारी है कि एक मंत्री स्वजनों के साथ दक्षिण भारत के दौरे पर है और एक मंत्री विदेश गए हैं। विक्रमादित्य सिंह शिमला थे, लेकिन किसी कारणवश मंत्रिमंडल बैठक में नहीं पहुंच पाए होंगे।
आबकारी विंग और जीएसटी विंग हुआ
सरकार ने राज्य कर एवं आबकारी विभाग के पुनर्गठन को स्वीकृति प्रदान करते हुए विभाग के दो विंग बनाने का निर्णय लिया है। जिसके तहत आबकारी विंग तथा जीएसटी एवं संबंद्ध कर विंग सृजित करने का निर्णय लिया। इससे विभाग की कार्य प्रणाली को और सुगम बनाया जा सकेगा।
यह भी पढ़ें: Shimla News: संजय कुंडू को Supreme Court से मिली बड़ी राहत, DGP पद से हटाने का आदेश रद; SIT जांच रहेगी जारीइसके अतिरिक्त सरकार ने हिमाचल प्रदेश सद्भावना विरासत मामले संकल्प योजना-2023 के तृतीय चरण को 1 जनवरी, 2024 से 31 मार्च, 2024 तक बढ़ाने को स्वीकृति प्रदान की। इससे वस्तु एवं सेवा कर के अंतर्गत विभिन्न लंबित मामलों का निपटारा करने में मदद मिलेगी।
विधवा व एकल नारियों को घर बनाने के लिए 1.50 लाख मिलेंगे
अपरिहार्य कारणों से अलग रहने को मजबूर हुई एकल नारियों को घर बनाने के लिए 1.50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है। इसके तहत सरकार ने मुख्यमंत्री विधवा एवं एकल नारी आवास योजना-2023 को सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान कर दी है।इस योजना के तहत विधवा एवं एकल नारियों को गृह निर्माण के लिए 1.50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। अब विधवाओं व एकल नारियों को सिर ढकने के लिए किसी के आगे हाथ फैलाने की आवश्यकता नहीं रहेगी।
स्कूलों में बच्चों को खाना पकाने वाली महिलाएं
बैठक में मातृत्व लाभ अधिनियम-1962 के अंतर्गत शिक्षा विभाग में कार्यरत महिला कुक-सह हेल्पर को 180 दिन का मातृत्व अवकाश प्रदान करने को मंजूरी दी गई। यह लाभ दो से कम जीवित बच्चों वाली महिलाओं को ही देय होगा। सरकार के इस निर्णय से स्कूलों में बच्चों के लिए खाना पकाने में सहायक का काम करने वाली महिलाएं मां बनने पर शिशु की घर पर रहकर देखभाल कर सकेंगी। मातृत्व अवकाश मिलने से मानदेय कटने की चिंता नहीं रहेगी।
कई विभागों में नौकरियों का पिटारा खुला
लोक निर्माण विभाग में कनिष्ठ अभियंता (सिविल) के 40 पद और कनिष्ठ तकनीशियन (वर्क इंस्पेक्टर) के 25 पद, जल शक्ति विभाग में वर्क इंस्पेक्टर के 20 पद, राजस्व प्रशिक्षण संस्थान जोगिंद्रनगर, जिला मण्डी में विभिन्न श्रेणियों के 7 पद तथा सैनिक कल्याण विभाग में विभिन्न श्रेणियों के 5 पद भरने को स्वीकृति प्रदान की। बैठक में हमीरपुर जिला में 50 बिस्तर क्षमता के नागरिक अस्पताल सुजानपुर को 100 बिस्तर क्षमता के नागरिक अस्पताल में स्तरोन्नत करने तथा यहां पर विभिन्न श्रेणियों के 35 पद सृजित कर भरने को स्वीकृति प्रदान की गई।
3 लाख लीटर प्रतिदिन दूध खरीद होगी
बैठक में जिला कांगड़ा के ढगवार में 1.50 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता के स्वचलित दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र की स्थापना के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड से परामर्श सेवाओं के लिए समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित करने को स्वीकृति प्रदान की गई। इस संयंत्र की क्षमता 3 लाख लीटर प्रतिदिन तक बढ़ाई जा सकेगी।
हिमाचल प्रदेश फिल्म नीति-2024 को मंजूरी दी
मंत्रिमंडल ने राज्य में फिल्म निर्माण को प्रोत्साहित करने तथा निर्माताओं को सुविधाएं प्रदान करने के दृष्टिगत हिमाचल प्रदेश फिल्म नीति-2024 को स्वीकृति प्रदान की। इस नीति के तहत राज्य में फिल्म शूटिंग के लिए आवश्यक स्वीकृतियां प्रदान करने के दृष्टिगत एकल खिड़की तंत्र के माध्यम से एक फिल्म फेसिलिटेशन सेल स्थापित किया जाएगा।
साथ ही इसके लिए एक समर्पित वैब पोर्टल भी तैयार किया जाएगा। इंटरनेट मीडिया के संबंध में फेसबुक, यूटयूब, एक्स पर व्यू को आधार बनाया जाएगा। फेसबुक पर 30 लाख व्यूअर प्लेटफार्म ए श्रेणी में आएंगे। 30 से 10 लाख के बीच वाले व्यूअर प्लेटफार्म बी और 10 से 5 लाख व्यूअर वाले सी श्रेणी में रहेंगे। इसी के आधार पर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग मान्यता प्रदान करेगा।
रोपवे में बराबर की साझेदारी रहेगी
कुल्लू जिला में नेचर पार्क मौहल से बिजली महादेव मंदिर तक रोपवे के विकास, संचालन और रखरखाव को भी स्वीकृति प्रदान की गई। इससे प्राप्त लाभ केंद्र और राज्य सरकार में 50-50 प्रतिशत आधार पर साझा किए जाएंगे।
लड़कियों के विवाह की न्यूनतम आयु 21 वर्ष करने का निर्णय
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की शुक्रवार को हुई बैठक में लड़कियों के विवाह की न्यूनतम आयु 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष करने का निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री सुक्खू की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिए गए निर्णय को स्वीकृति के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री पहले भी लड़कियों की शादी की न्यूनतम आयु बढ़ाने की बात कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि इस संबंध में कानूनी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। मौजूदा कानून के मुताबिक देश में पुरुषों की विवाह की न्यूनतम उम्र 21 और महिलाओं की 18 वर्ष है।
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उल्लेखनीय है कि लड़कियों की शादी की न्यूनतम आयु 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 करने की मांग पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया था। कोर्ट का कहना था कि यह संसद के अधिकार क्षेत्र में आने वाला विषय है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त, 2020 को लाल किले से अपने संबोधन में भी बेटियों की शादी की उम्र 21 वर्ष करने का उल्लेख किया था।
उन्होंने कहा था कि बेटियों को कुपोषण से बचाने के लिए जरूरी है कि उनकी शादी उचित समय पर हो। बैठक में प्राथमिक विद्यालयों में पहली कक्षा में इस सत्र में दाखिला लेने के लिए आयु सीमा में छह माह की छूट देने का निर्णय लिया गया। अगले शैक्षणिक सत्र में साढ़े पांच साल के बच्चे को पहली कक्षा में दाखिला मिल जाएगा।