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हिमाचल में अब नहीं लग सकेंगे पर्यावरण को दूषित करने वाले उद्योग, होगा पर्यावरण को लाभ

हिमाचल में अब पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले उद्योगों को अब नहीं लगाया जाएगा सरकार ने अब पर्यावरण को सुरक्षित रखने की कवायद शुरू कर दी है।

By Babita kashyapEdited By: Updated: Thu, 20 Jun 2019 02:38 PM (IST)
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हिमाचल में अब नहीं लग सकेंगे पर्यावरण को दूषित करने वाले उद्योग, होगा पर्यावरण को लाभ
शिमला, रविंद्र शर्मा। हिमाचल प्रदेश में पर्यावरण को दूषित करने वाले उद्योग नहीं लग सकेंगे। हिमाचल सरकार ने प्रदेश में औद्योगिक विकास करने के साथ पर्यावरण को संरक्षित करने की कवायद शुरू कर दी है। उद्योग विभाग द्वारा तैयार की गई नई नीति के तहत ऐसे उद्योगपति प्रदेश में निवेश नहीं कर सकेंगे जिनकी औद्योगिक इकाई से प्रदूषण फैलता हो। यदि कोई ऐसा उद्योगपति निवेश के लिए आवेदन करता है तो उसे पहले ही चरण में बाहर कर दिया जाएगा।

धर्मशाला में नवंबर में होने वाली इन्वेस्टर मीट से हिमाचल में औद्योगिक निवेश को बढ़ाया जाना है।
इससे प्रदेश में नई औद्योगिक इकाइयां स्थापित होंगी। लेकिन ऐसे उद्योग या कंपनियां प्रदेश में न आ जाएं जिनसे पर्यावरण दूषित होता हो, इसे ध्यान में रखते हुए नई उद्योग नीति में ऐसे 12 प्रकार के उद्योगों की नेगेटिव लिस्ट तैयार की गई है। प्रदेश में निवेश करने वाले उद्योगपतियों की औद्योगिक इकाइयां यदि नेगेटिव लिस्ट की श्रेणी से मेल खाती होंगी तो उन्हें उद्योग लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
 
प्रदूषण की मार झेल रहा बीबीएन
हिमाचल की सीमा पर औद्योगिक क्षेत्र होेने के कारण यहां कई प्रकार के उद्योग हैं। वर्ष 2003 में औद्योगिक पैकेज मिलने के दौरान प्रदेश में कई उद्यमियों ने निवेश किया व कई कंपनियां लगाई गईं। उस दौरान पर्यावरण को दूषित करने वाले उद्योग भी प्रदेश में स्थापित हो गए। इस कारण औद्योगिक क्षेत्र बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ (बीबीएन) आज दिन तक प्रदूषण की मार झेल रहा है। इससे सबक लेते हुए सरकार ने नई उद्योग नीति तैयार कर प्रदेश में पर्यावरण को दूषित करने वाले उद्योगों की स्थापना पर रोक लगा दी है।
 
ये उद्योग हैं नेगेटिव लिस्ट में
  •  तंबाकू, सिगरेट, पान मसाला बनाने वाले उद्योग।
  •  थर्मल पावर प्लांट। 
  •  कोल र्वांशग या कोल प्रोर्सेंसग उद्योग।
  •  टैनिंग एंड डाइंग एक्ट्रेक्ट, रंग, पेंट या अन्य प्रकार की स्याही बनाने वाले उद्योग।
  •  कोयला प्रयोग करने वाले उद्योग। 
  •  मिनलर्स फ्यूल, मिनलर्स तेल वेक्स बनाने वाले उद्योग
  •  सीमेंट क्लींकर। 
  • विस्फोटक पदार्थ, माचिस बनाने वाले उद्योग
  •  रासायनिक खाद बनाने वाले उद्योग।
  •  पल्प वुड उद्योग
  •  पेस्टिसाइड और इस प्रकार का कोई उत्पाद बनाने वाले उद्योग।
  •   कोयला या ऐसा कोई उत्पाद बनाने वाले उद्योग।
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