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Shimla: 'व्यवस्था परिवर्तन के 365 दिनों में हिमाचल में हुआ अतुलनीय विकास', राज्‍यपाल शुक्‍ला ने सरकार की गिनवाईं उपलब्धियां

हिमाचल प्रदेश के राज्‍यपाल शिव प्रताप शुक्‍ल ने सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि एक साल के कार्यकाल में सरकार ने आम आदमी की परेशानियों व समस्याओं को दूर करने का सफल प्रयास किया है। शुक्ल ने कहा कि सरकार ने व्यवस्था परिवर्तन का एक वर्ष पूरा करते हुए आर्थिक विकास की रेखा खींची है। विकास का परिवर्तन हर स्तर पर शुरू हुआ।

By Himani Sharma Edited By: Himani Sharma Updated: Wed, 14 Feb 2024 06:40 PM (IST)
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राज्‍यपाल शुक्‍ला ने सरकार की गिनवाईं उपलब्धियां (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, शिमला। व्यवस्था परिवर्तन के 365 दिनों में हिमाचल प्रदेश ने अतुलनीय विकास किया। पुरानी पेंशन से वंचित एक लाख से अधिक कर्मचारियों को सरकार ने सेवानिवृत होने के बाद जीवन यापन के लिए सम्मानजनक पेंशन बहाल की। पहली बार प्रदेश में अनाथ बच्चों के सिर पर किसी सरकार ने हाथ रखा और पैरों पर खड़ा होने का वादा करते हुए कदम उठाया है। जिसके लिए मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना शुरू की।

इतिहास की सबसे भयंकर त्रासदी का सामना कर रहे लोगों के साथ मिलकर सरकार ने मजबूत सहारा दिया। प्रदेश के बेरोजगारों को स्वरोजगार का सहारा देने के लिए ई-वाहन योजना शुरू की, उसके साथ खाली पड़ी जमीन पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने की योजना धरातल पर उतारी।

एक पीढ़ी के बाद दूसरी पीढ़ी तक तकसीम, निशानदेही और इंतकाल के मामलों का निपटारा नहीं होता था, पहली बार प्रदेश के इतिहास में ऐसा हुआ कि राजस्व लोक अदालतों से करीब एक लाख मामलों का निपटारा होने से लोग सरकार का धन्यवाद कर रहे हैं।

आम आदमी की परेशानियों को दूर करने का सफल प्रयास- राज्‍यपाल

प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि एक साल के कार्यकाल में सरकार ने आम आदमी की परेशानियों व समस्याओं को दूर करने का सफल प्रयास किया है। 1 घंटा 6 मिनट के भाषण में राज्यपाल शुक्ल ने कहा कि सरकार ने व्यवस्था परिवर्तन का एक वर्ष पूरा करते हुए आर्थिक विकास की रेखा खींची है। विकास का परिवर्तन हर स्तर पर शुरू हुआ।

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प्रदेश को वर्ष 2026 तक देश का पहला हरित राज्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है, इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को परिवहन क्षेत्र की पहली पसंद बनाने की दिशा में कदम उठाए हैं। प्रदेश में छह ग्रीन कोरिडोर में इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन नेटवर्क स्थापित करने के लिए 106 सार्वजनिक स्थान चिंहित किए गए हैं। तीन कोरिडोर पर विद्युत वाहन चार्जिंग सुविधा शुरू करने की प्रक्रिया पर काम हो रहा है।

राजीव गांधी स्वरोजगार योजना-2023 हुई लागू

सरकारी नौकरियों के सीमित अवसरों को देखते हुए युवाओं के लिए स्वरोजगार का स्थायी जरिया बनाने के लिए राजीव गांधी स्वरोजगार योजना-2023 लागू हुई। इस योजना के तहत ई-टैक्सी खरीदने के लिए पचास फीसदी अनुदान की सुविधा की गई है। सरकार ई-टैक्सियों को कम से कम चार साल के लिए सरकारी विभागों में अनुबंध पर लेगी। इसके लिए 1222 बेरोजगारों की ओर से आवेदन आए हैं।

पुरानी पेंशन योजना बहाल

राज्यपाल शुक्ल ने अभिभाषण में प्रमुखता से उल्लेख किया कि सत्ता में आते ही सरकार ने मंत्रिमंडल की पहली बैठक में एनपीएस में आने वाले कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल की। पुरानी पेंशन योजना बहाल होने से कुल 1.36 लाख कर्मचारियों में से 1.15 लाख कर्मचारियों ने ओपीएस को चुना। सरकार की महत्वपूर्ण गारंटियों में से एक गारंटी को पूरा करने के लिए इंदिरा गांधी महिला सम्मान निधि योजना नाम से नई योजना लागू की।

इसके तहत पहले चरण में जनजातीय लाहौल-स्पीति की पात्र महिलाओं के साथ-साथ पूरे प्रदेश की पात्र पेंशनभोगी .43 लाख महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये की राशि देने का रास्ता निकाला। महिलाओं के दर्द को समझते हुए सरकार ने विधवा एवं एकल नारी के उत्थान के लिए मुख्यमंत्री विधवा एवं एकल नारी आवास योजना शुरू की। इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को नए घर के निर्माण के लिए 1.50 लाख रुपये अनुदान पर देने का प्रविधान किया।

101 करोड़ का मुख्यमंत्री सुख आश्रय कोष

बच्चे किसी भी समाज का भविष्य होते हैं, इसको ध्यान में रखते हुए सरकार ने अनाथ बच्चों और विशेष सुरक्षा वाले बच्चों की देखभाल के लिए मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना शुरू की। इस योजना के तहत 101 करोड़ का मुख्यमंत्री सुख आश्रय कोष स्थापित किया गया। ज्वालामुखी में एकीकृत सुख आश्रय परिसर के निर्माण के लिए 25 करोड़ स्वीकृत किए गए।

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इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदी का सामना

पिछले साल प्रदेश ने इतिहास की सबसे भयंकर त्रासदी का सामना किया। पहाड़ों पर ऐसी तबाही बरसी की मुसीबत की घड़ी में लोग साहस के साथ सरकार के साथ खड़े हुए। जिला उपायुक्तों के माध्यम से सरकार ने 1741 करोड़ की धनराशि प्रभावितों के पुनर्वास के लिए जारी की। सरकार ने विशेष राहत पैकेज के तहत सरकार ने अपने स्तर पर केंद्र के मापदंडों से 20 गुणा अधिक दी। 4500 करोड़ का राहत पैकेज दिया। आपदा में घर से बेघर हुए लोगों को 1.30 लाख से बढ़ाकर 7 लाख दिए। आपदा में फंसे 75 हजार पर्यटकों को सुरक्षित निकाला।

पर्यटन को धार देने का काम हुआ

पर्यटन क्षेत्र में रोजगार के सबसे अधिक अवसर पैदा हो सकते हैं, इसे देखते हुए सरकार ने कांगड़ा जिला को पर्यटन राजधानी के तौर पर विकसित करने का काम शुरू करते हुए 3 हजार करोड़ खर्च करते हुए आधुनिक गोल्फ कोर्स, चिड़ियाघर, पर्यटन क्षेत्र, वेलनेस पर्यटन और ईको टूरिज्म का विकास किया जा रहा है। पांच नए हेलीपार्ट कांगनीधार, सासे, बद्दी, संजौली व रामपुर में तैयार है, अब केवल डीजीसीए की मंजूरी का इंतजार किया जा रहा है। इसके अलावा नौ नए हेलीपोर्ट विकसित किए जा रहे हैं।

किसानों की आर्थिकी सुधारने के लिए

प्रदेश के किसानों की आर्थिकी सुधारने के लिए दूध आधारित अर्थव्यवस्था विकसित करने के उद्देश्य से 500 करोड़ की हिम गंगा योजना शुरू की। घर द्वार पर गंभीर पशु रोगों की चिकित्सा के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों सहित 44 मोबाइल वैन सेवा शुरू की जा रही है।

बेरोजगारी भत्ता

बेरोजगारी भत्ता योजना 2017 के तहत इस साल 22593 बेरोजगारों को 19 करोड़ 34 लाख वितरित किए गए। कौशल विकास भत्ता योजना 2013 के तहत 68130 आवेदकों को कौशल प्रशिक्षण के दौरान 29.70 करोड़ दिए गए।

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