चावल घोटाले की जांच के लिए शिक्षा विभाग को चाहिए वक्त
लाहुल स्पीति में मिड-डे मील के 500 क्विंटल चावल घोटाले की जांच के लिए शिक्षा विभाग को कुछ वक्त चाहिए।
By JagranEdited By: Updated: Sat, 20 Oct 2018 09:48 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, शिमला : लाहुल स्पीति में मिड-डे मील के 500 क्विंटल चावल घोटाले की जांच के लिए शिक्षा विभाग ने सरकार से तीन-चार दिन का और समय मांगा है। इसके बाद जांच रिपोर्ट सचिवालय पहुंचेगी और सरकार चावल घोटाले में सख्त कदम उठाएगी। फिलहाल दो वर्ष तक चावल की खरीद के रिकॉर्ड को खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम जांच रहा है।
चावल की सप्लाई खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम करता है। ऐसे में इस घोटाले में निगम के कर्मचारी व अधिकारी भी शिकंजे में आएंगे। चावल की डिलीवरी शिक्षा विभाग के किस अधिकारी को दी गई थी, इसकी भी जांच होगी। कृषि मंत्री डॉ. रामलाल मार्कंडेय की शिकायत पर चावल से जुड़ा गड़बड़ी का मामला सामने आया था। वर्ष 2014 से 2016 के दौरान मिड-डे मील के 500 क्विंटल चावल लाहुल स्पीति के स्कूलों तक नहीं पहुंचे थे। प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने खाद्य आपूर्ति निगम को पत्र लिखकर इन दो वर्षो के दौरान चावल सप्लाई किए जाने की रिपोर्ट मागी है। दो साल पहले निरीक्षण विंग का गठन किया गया था। लाहुल स्पीति में कुछ महीने सेवाएं देने के बाद उसमें तैनात उपनिदेशक (निरीक्षण विंग) का स्थानातरण हो गया। उसके पि्रंसिपल (निरीक्षण विंग) सुरेश विद्यार्थी को उपनिदेशक की जिम्मेदारी सौंपी गई। सुरेश ने निरीक्षण विंग के वीपीओ छेवाग दोरजे के साथ मिलकर घाटी के स्कूलों में निरीक्षण शुरू किया। निरीक्षण विंग ने स्पीति घाटी के स्कूलों में अप्रैल 2014 से सितंबर 2016 तक मिड-डे मील के तहत चावल नहीं मिलने का मामला उजागर किया है। हालाकि इस मामले में जाच अभी जारी है। प्रारंभिक शिक्षा विभाग स्कूलों को कुकिंग बजट जारी करता है। इससे मिड-डे मील के लिए दालें व अन्य सामग्री खरीदी जाती है। अहम है निगम की जांच रिपोर्ट चावल घोटाले के मामले में एसडीएम व उपनिदेशक से रिपोर्ट आनी है। चावल की सप्लाई खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम करता है। निगम की जांच रिपोर्ट सबसे अहम है। -रोहित जम्वाल, निदेशक, प्रारंभिक शिक्षा नहीं पहुंची जांच रिपोर्ट
जांच रिपोर्ट अभी नहीं पहुंची है। जांच पूरी होने में कुछ समय लग सकता है।
-डॉ. अरुण शर्मा, सचिव (शिक्षा)
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