Himachal Disaster: किन्नौर के निगुलसरी में हाइवे पर फिर धंसी जमीन, किन्नौर का संपर्क टूटा; लोगों की बढ़ी परेशानी
Himachal Pradesh News निगुलसरी में भूस्खलन के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग-5 फिर से ध्वस्त हो गया है। इससे किन्नौर का संपर्क शेष दुनिया से कट गया है। सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई हैं। बागवानों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोग परेशान होकर अपने निजी वाहनों में बैठकर सड़क-मार्ग के खुलने का इंतजार कर रहे हैं
संवाद सूत्र, भावानगर। Himachal Landslide News: जनजातीय जिला किन्नौर के निगुलसरी में राष्ट्रीय राजमार्ग-5 एक बार फिर ध्वस्त हो गया है। निगुलसरी में भूस्खलन वाले क्षेत्र में भावानगर की ओर 70 मीटर सड़क बुरी तरह धंस गई है। इससे राष्ट्रीय राजमार्ग-5 पर वाहनों की आवाजाही फिर से ठप हो गई है। इससे सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई हैं।
लोग परेशान होकर अपने निजी वाहनों में बैठकर सड़क-मार्ग के खुलने का इंतजार कर रहे हैं। जिला किन्नौर का संपर्क शेष दुनिया से पूरी तरह कट गया है। सुबह करीब चार बजे पहाड़ी से भारी चट्टानें और मलबा गिरने से मार्ग पर आ गया।
मशीन से हटवाया जा रहा मलबा
प्राप्त जानकारी के अनुसार क्षेत्र में करीब तीन मीटर चौड़ी सड़क पूरी तरह धंस गई है। इससे मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया है। लोक निर्माण विभाग की मशीनरी मलबे को हटाने में जुटी हुई है। परंतु पहाड़ी से बार-बार पत्थर व मलबा गिरने का सिलसिला जारी है। इससे मजदूरों को काम करने में बाधा उत्पन्न हो रही है।यह सड़क किन्नौर जिला के लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। प्रशासन की ओर से राष्ट्रीय राजमार्ग को रात में वाहनों के लिए बंद कर दिया जाता है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का कहना है कि मंगलवार देर शाम तक सड़क को फिर से खोलने की कोशिश जारी है।
यात्री जान जोखिम में डालकर कर रहे सफर
निगुलसरी भूस्खलन के कारण अधिकतर यात्री जान जोखिम में डाल करीब दो किलोमीटर पैदल चल कर सफर करने को मजबूर हो रहे हैं। इससे किन्नौर, काजा, स्पीति, रामपुर, ज्यूरी आने-जाने वाले लोगों को भी मार्ग अवरुद्ध होने से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।इनमें कुछ पर्यटक भी शामिल है, क्योंकि काफी संख्या में पर्यटक इसी हाईवे से होते हुए किन्नौर और स्पीति पहुंचते हैं। लोगों का कहना है कि निगुलसरी में लगातार पहाड़ दरक रहा है और आए दिन मार्ग बंद हो रहा। प्रदेश सरकार को इसके लिए कोई स्थायी हल निकालना चाहिए ताकि आम जनता को परेशानियाें का सामना न करना पड़े।
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