Cloudburst in Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश में तबाही! आखिर क्यों फटते हैं बादल, जानिए क्या है असली वजह
Cloudburst In Himachal Pradesh हिमाचल प्रदेश में लगातर बादल फटने की घटनाएं सामने आ रही हैं। कई लोगों के मन में यह सवाल आता है कि आखिर बादल क्यों फटते हैं। आपके इन्हीं सवालों का जवाब जानने के लिए दैनिक जागरण ने हिमाचल सैंट्रल यूनिवर्सिटी के पर्यावरण विज्ञान के प्रोफेसर अम्बरीश कुमार महाजन से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने बादल फटने के मुख्य कारणों के बारे में जानकारी दी है।
By Gurpreet CheemaEdited By: Gurpreet CheemaUpdated: Wed, 16 Aug 2023 03:44 PM (IST)
शिमला, ऑनलाइन डेस्क। Cloudburst in Himachal Pradesh: कुल्लू, शिमला, मंडी, हमीरपुर... हिमाचल प्रदेश के ये खूबसूरत पर्यटन स्थल इस वर्ष भारी बारिश की वजह से बर्बाद हुए हैं। कहीं, लैंडस्लाइड तो कहीं बादल फटने की वजह से करोड़ों का नुकसान हुआ है। इसके साथ ही काफी संख्या में लोगों की जान भी गई है।
इस वर्ष हिमाचल में सबसे अधिक बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं। ऐसे में काफी लोगों के मन में यह भी सवाल आता है कि आखिर बादल फटना क्या है? साथ ही बादल फटता है तो क्या होता है? इस लेख के जरिए समझते हैं कि बादल फटने के पीछे की वजह क्या है और कैसे इससे होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है।
बादल क्यों फटते हैं?
यह बात तो सभी जानते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में जलवायु में खासा बदलाव देखा गया है, कुछ वर्षों के मुकाबले गर्मी भी अधित पड़ रही है। हिमाचल प्रदेश में बारिश के दौरान भौगोलिक परिस्थिति व जलवायु परिवर्तन की वजह से पिछले वर्षों के मुकाबले बादल फटने की घटनाएं अधिक दर्ज की गई हैं।कुछ वैज्ञानिकों की मानें तो बादलों को अपने राह में गर्म हवा और पहाड़ पसंद नहीं हैं। अगर रास्ते में किसी भी तरह की बाधा उतपन्न होती है तो ये फट जाते हैं। कुछ वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि बादल तब फटते हैं जब कम समय में अत्यधिक मात्रा में बारिश होती है।
बादल फटने के बाद क्या होता है?
बादल फटने की घटना आमतौर पर तेज बारिश के दौरान होती है। जब कहीं बादल फटता है तो अचानक से उस स्थान पर बड़ी मात्रा में पानी गिरता है। ये घटनाएं अधिकांश रूप से भारत के पर्वतीय इलाकों में होती हैं। जब बादल से बूंदें नीचे नहीं गिर पाती और बादल में ही अटक जाती हैं तो ये आकार में बड़ी हो जाती हैं और हवा के प्रवाह से ऊपर की ओर उठ जाती हैं।इसकी वजह से बादलों में वजन बढ़ जाता है, जिससे अचानक बादल फट जाता है या फिर कहें सामान्य से अधिक बारिश हो जाती है। जिसकी वजह से जानमाल को काफी नुकसान पहुंचता है। उदाहरण के तौर पर बात करें तो 25 मिमी वर्षा 25,000 मीट्रिक टन प्रति वर्ग किलोमीटर के समान होती है।
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