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Himachal Landslide: कई जगह लैंडस्लाइड का खतरा, भूस्खलन से अब तक 1957 घर हुए ध्वस्त; खाली कराए गए मकान

हिमाचल में भारी वर्षा के बाद कई जगह भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। कई क्षेत्रों में दरारें आने के बाद घर खाली कराए गए हैं। प्रदेश में मानसून शुरू होने से अब तक भूस्खलन से 1957 घर ध्वस्त हुए हैं जबकि 9344 को आंशिक नुकसान पहुंचा है। बरसात में 113 जगह पर भूस्खलन हो चुका है और पांच जिलों में 58 बार बादल फटने की घटनाएं हुई हैं।

By Jagran NewsEdited By: MOHAMMAD AQIB KHANUpdated: Thu, 17 Aug 2023 10:17 PM (IST)
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हिमाचल प्रदेश में कई जगह लैंडस्लाइड का खतरा, खाली कराए गए मकान : जागरण

शिमला, जागरण संवाददाता: हिमाचल में भारी वर्षा के बाद कई जगह भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। कई क्षेत्रों में दरारें आने के बाद घर खाली कराए गए हैं। मंडी शहर में टारना पहाड़ी के गिरने का खतरा है। यहां 50 घरों में से कुछ पूरी तरह तो कुछ आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं और कई गिरने की कगार पर हैं। खतरे की जद में आए कार्यालय और घरों को खाली करवा दिया गया है।

करसोग उपमंडल के पांगणा के कलाशन, कनेरी-माहोग व कांडी-सपनोट पंचायतों में जमीन धंसने से 20 घरों में दरारें आ गई हैं। प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित जगह पर शिफ्ट कर दिया है। कांगड़ा जिले के अंबाड़ा में जमीन दरकने से 21 परिवारों के 85 सदस्यों की आइटीआइ भवन में रहने की व्यवस्था की गई है।

कोटला की नियांगल पंचायत में भी 11 घरों को खाली करवाया जा चुका है। चंबा शहर के कश्मीरी, पक्काटाला व जनसाली मोहल्लों पर भी भूस्खलन का खतरा मंडरा रहा है। शिमला में उच्चतर शिक्षा निदेशालय के कर्मचारी आवास के नीचे भूस्खलन होने से भवन को खाली करवा दिया है। शिमला शहर में तीन दिन में प्रशासन ने करीब 50 भवन खाली करवाए हैं।

प्रधानमंत्री आवास के 42 फ्लैट्स में भी दरारें

सोलन जिले के पट्टा नाली पंचायत के दो गांवों में 17 घरों में दरारें आने के बाद लोगों ने रिश्तेदारों के घर में शरण ली है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत परवाणू में बनाए गए 42 फ्लैट्स को दरारें आने के बाद प्रशासन ने खाली करवा दिया है। चायल की साधुपुल मार्केट से गुजर रहे चायल मार्ग पर दरारें आने लगी हैं। प्रशासन ने आसपास की छह दुकानों को बंद करवा दिया है।

1957 घर हुए ध्वस्त

प्रदेश में मानसून शुरू होने से अब तक भूस्खलन से 1957 घर ध्वस्त हुए हैं जबकि 9344 को आंशिक नुकसान पहुंचा है। 293 दुकानें व 4072 पशुशाला बाढ़ के कारण ढह गई हैं। बरसात में 113 जगह पर भूस्खलन हो चुका है और पांच जिलों में 58 बार बादल फटने की घटनाएं हुई हैं। प्रदेश में अब तक 7659 करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन हो चुका है। प्रदेश में 650 सड़कों पर यातायात बंद है।

शिव मंदिर के मलबे से चार दिन बाद निकला शव

शिमला में सोमवार को बादल फटने से ध्वस्त शिवबाड़ी मंदिर से गुरुवार को एक और शव बरामद हुआ। अब तक 14 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं। मलबे में आठ से 10 लोगों के दबे होने की आशंका है। कल से भारी वर्षा का यलो अलर्ट : मौसम विभाग ने शुक्रवार को मानसून के सामान्य रहने की संभावना जताई है। बीते 24 घंटों के दौरान मंडी में 60, नगरोटा में 24 और डलहौजी में 23 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई है। मौसम विभाग ने 19 से 25 अगस्त तक भारी वर्षा का यलो अलर्ट जारी किया है।