Himachal weather: पहाड़ों पर हल्की बर्फबारी, मैदानों में बारिश; मणिमहेश यात्रा पर प्रशासन ने लगाई रोक
हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में मौसम ने एक बार फिर करवट बदल ली है। पहाड़ों में जहां हल्की बर्फबारी हुई है। वहीं मैदानी इलाकों (Plain Areas) में बारिश का माहौल बना हुआ है। इसके साथ ही भारी बारिश (Heavy Rain) और भूस्खलन (Landslide) के चलते स्थानीय प्रशासन ने यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हड़सर से मणिमहेश की यात्रा पर रोक लगा दी गई है।
शिमला, राज्य ब्यूरो: प्रदेश की ऊंची चोटियों शिंकुल, बारालाचा और तांगलांगला में हल्की बर्फबारी हुई है। जबकि प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में बारिश दर्ज की गई है। ताजा बर्फबारी और बारिश के बाद न्यूनतम के साथ अधिकतम तापमान में एक से तीन डिग्री तक का अंतर आया है।
मौसम विभाग के जारी किए गए ताजा पूर्वानुमान के अनुसार, किन्नौर और लाहुल स्पीति को छोड़कर बाकी जिलों में आंधी और आसमानी बिजली को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। अधिकतर स्थानों पर मौसम के साफ रहने का अनुमान है। हालांकि, कुछ एक स्थानों पर वर्षा हो सकती है। शनिवार को सुबह से ही बादलों के होने के साथ बारिश का क्रम रुक-रुक कर जारी रहा। सिरमौर के धौलाकुआं में 19 मिलीमीटर, नारकंडा में 18.5, सोलन में 16, कोटखाई में 15, शिमला में 3.2 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई।
बारिश और भूस्खलन के चलते लगाई अस्थाई रोक
वहीं, मणिमहेश की यात्रा को अस्थाई तौर पर रोक दिया गया है। हड़सर से मणिमहेश तक विभिन्न पड़ावों पर ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों को आदेश दिए गए कि जो भी यात्री जिस स्थान पर है। वहीं, सुरक्षित तरीके से रुक जाए। बहरहाल, प्रशासन की ओर से यात्रा पर शुक्रवार को फिलहाल अस्थाई तौर पर रोक लगा दी गई है। गौरतलब है कि भारी वर्षा के बीच हड़सर से मणिमहेश के बीच सफर करना काफी जोखिमपूर्ण रहता है। क्योंकि, इस दौरान पहाड़ी से अचानक पत्थर गिरने के साथ ही भूस्खलन भी शुरू हो जाता है, जिससे यात्रियों के साथ किसी तरह की अनहोनी हो सकती है। ऐसे में सफर न करने की सलाह दी जाती है।
मौसम साफ होने तक यात्रा पर रोक
अतिरिक्त उपायुक्त भरमौर के नवीन तंवर ने कहा कि भारी वर्षा के कारण मणिमहेश यात्रा पर शुक्रवार को अस्थाई तौर पर रोक लगाई गई है। यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। पुलिस को निर्देश दिए हैं कि हड़सर में श्रद्धालुओं को मणिमहेश जाने से रोका जाए। जब तक मौसम साफ नहीं होता, तब तक हड़सर से आगे नहीं जाने नहीं दिया जाएगा।