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Lok Sabha Election 2024: तबादलों से परेशान अफसरों ने ली राहत की सांस, कल चुनाव के एलान के बाद लग जाएगी आचार संहिता

Lok Sabha Election 2024 चुनाव की तारीखों की घोषणा होते ही आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी। इससे हिमाचल प्रदेश में सामान्य तबादलों पर प्रतिबंध लग जाएगा। बता दें कि शिक्षा जैसे बड़े विभाग में प्रतिदिन औसतन 500 के आसपास ट्रांसफर हो रहे हैं। यही स्थिति अन्य बड़े विभागों की है। चुनावी समय में सरकार भी अधिकांश तबादले बिना रोक-टोक कर रही है।

By Parkash Bhardwaj Edited By: Prince Sharma Updated: Fri, 15 Mar 2024 11:00 PM (IST)
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Lok Sabha Election 2024: तबादलों से परेशान अफसरों ने ली राहत की सांस

राज्य ब्यूरो, शिमला। चुनाव आयोग की ओर से शनिवार को लोकसभा चुनाव की घोषणा करने का संकेत मिलते पर तबादलों से परेशान मंत्रियों व अधिकारियों ने राहत की सांस ली है। चुनाव की तिथियों की घोषणा होते ही आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी। इससे प्रदेश में सामान्य तबादलों पर प्रतिबंध लग जाएगा।

प्रदेश में प्रतिदिन सैकड़ों तबादलों का क्रम जारी है। इसमें शिक्षा जैसे बड़े विभाग में प्रतिदिन औसतन 500 के आसपास तबादले हो रहे हैं। यही स्थिति अन्य बड़े विभागों की है। चुनावी समय में सरकार भी अधिकांश तबादले बिना रोक-टोक कर रही है। अन्यथा अन्य दिनों में मंत्री से अधिकारी के स्तर पर कई तरह की आपत्तियां दर्ज करवाई जाती है। इस कारण सामान्य कर्मचारी को तबादले करवाने में कई दिन लग जाते हैं।

अधिकारी ले गए पदोन्नति लाभ, कर्मचारियों की फाइलें रुकी

आदर्श चुनाव आचार संहिता लगने से पहले राज्य सचिवालय से लेकर कई बड़े अधिकारी पदोन्नति का लाभ ले गए। देखा गया है कि सचिवालय स्तर पर जब भी किसी अधिकारी की पदोन्नति होनी होती है, तो उसकी फाइल निश्चित समय अवधि में क्लीयर हो जाती है।

इसके विपरीत शिक्षा सहित अन्य विभागों में पदोन्नति संबंधी मामलों का निपटारा समय पर नहीं हो पाता। शिक्षा विभाग में इस बार भी ऐसा ही हुआ, जिस कारण सैकड़ों शिक्षकों तथा अन्य श्रेणी के कर्मचारियों की पदोन्नति संबंधी फाइलों पर कुछ अधिकारी कुंडली मारे बैठे रहे। इसी तरह अन्य विभागों में भी कर्मचारियों के पदोन्नति संबंधी मामले विभिन्न कारणों के चलते सिरे नहीं बढ़ पाए।

अब चुनाव आयोग की अनुमति से खर्च होगा बजट

आदर्श चुनाव आचार संहिता लगने पर अब चुनाव आयोग की अनुमति से ही सरकार बजट को खर्च कर पाएगी। इसके अतिरिक्त तबादले के लिए भी चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होगी। विशेष परिस्थिति में पदोन्नति सहित अन्य मामलों का निपटारा भी अब उसके स्तर पर ही होगा।

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