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Lok Sabha Election 2024: भाजपा की हैट्रिक रोकने के लिए कांग्रेस नए चेहरों पर खेल सकती है दांव, रणनीति में किया बदलाव

Himachal Lok Sabha Election 2024 हिमाचल प्रदेश में सियासी संकट बरकरार है। कांग्रेस भाजपा के दांव को विफल करने के लिए रणनीति पर काम कर रही है। राजनीतिक संकट के कारण पार्टी किसी विधायक को टिकट नहीं देगी। हालांकि पहले कांगड़ा व शिमला संसदीय सीट से विधायकों को ही चुनाव मैदान में उतारने को लेकर सर्वेक्षण भी करवा लिया था

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Fri, 22 Mar 2024 10:08 AM (IST)
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Lok Sabha Election 2024: भाजपा की हैट्रिक रोकने के लिए कांग्रेस नए चेहरों पर खेल सकती है दांव
जागरण संवाददाता, शिमला। Himachal Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीति पूरी तरह गर्मा गई है। भाजपा पिछले दो लोकसभा चुनाव जीत चुकी है। इस बार कांग्रेस के सामने भाजपा की हैट्रिक रोकना बड़ी चुनौती है। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव को लेकर जो रणनीति बनाई थी, उसे अब बदल दिया है।

हार के बाद बदली परिस्थितियां

राजनीतिक संकट के कारण पार्टी किसी विधायक को टिकट नहीं देगी। हालांकि, पहले कांगड़ा व शिमला संसदीय सीट से विधायकों को ही चुनाव मैदान में उतारने को लेकर सर्वेक्षण भी करवा लिया था। राज्यसभा चुनाव में हार के बाद परिस्थितियां पूरी तरह बदल गईं।

ऐसे में पार्टी ने नए सिरे से सर्वेक्षण करवाया है। बताया जा रहा है कि जातीय व क्षेत्रीय समीकरणों के मद्देनजर अब नए चेहरों को उतार कर कांग्रेस उन पर दांव खेल सकती है। विधानसभा चुनाव हारे व पूर्व में मंत्री रहे दिग्गजों को टिकट दिया जा सकता है।

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हालांकि, मंडी सीट को लेकर अभी पार्टी कुछ भी कहने को तैयार
नहीं है। मंगलवार को दिल्ली में आयोजित स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में भी इसको लेकर चर्चा हो चुकी है। पार्टी कुछ अन्य नाम पर अब भी सर्वेक्षण करवा रही है।

2014 में मोहन लाल ब्राक्टा को दिया था टिकट

2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने कांगड़ा संसदीय सीट से चंद्रकुमार को चुनाव में उतारा था, जबकि मंडी से प्रतिभा सिंह, हमीरपुर से राजेंद्र राणा और शिमला से मोहन लाल ब्राक्टा को टिकट दिया था। मोहन लाल ब्राक्टा रोहड़ू से विधायक थे। पार्टी ने उन्हें लोकसभा चुनाव में उतारा था, हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

2014 में जब लोकसभा का चुनाव हुआ उस समय मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह थे। उनकी पत्नी मंडी संसदीय सीट से चुनाव लड़ीं, उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा था।

2019 में कांग्रेस ने तीन विधायकों पर खेला था दांव

2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने तीन विधायकों को टिकट दिया था। कांगड़ा से पवन काजल, शिमला से कर्नल धनीराम शांडिल व हमीरपुर संसदीय सीट से रामलाल ठाकुर को चुनाव मैदान में उतारा था। मोदी लहर के बीच हुए उस चुनाव में कांग्रेस के तीनों विधायकों को हार का सामना करना पड़ा था, जबकि मंडी से विधायक अनिल शर्मा के बेटे आश्रय शर्मा को टिकट दिया था, वह भी चुनाव हार गए थे।

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