हिमाचल में नहीं थम रहा मस्जिद विवाद, संजौली के बाद कुसुम्पटी में नमाज का विरोध करेंगे लोग, दावा- आजादी से पहले की है
शिमला में अवैध मस्जिदों का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है। कुसुम्पटी में इस बार शुक्रवार को होने वाली नमाज पर आम लोगों की नजर होगी। उनका तर्क है कि हर नमाजी की लिस्ट तैयार की जाएगी वे कहां रहते हैं क्या करते हैं इसके बारे में भी जानकारी जुटाए जाने की तैयारी है। इसी कड़ी में कुसुम्पटी के लोगों ने नमाज का विरोध करने का भी फैसला लिया।
जागरण संवाददाता, शिमला। शहर में अवैध मस्जिदों का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। संजौली की मस्जिद का मामला अभी थमता नजर नहीं आ रहा है। अब कुसुम्पटी में ये विवाद गहरा गया है। कुसुम्पटी में इस बार शुक्रवार को होने वाली नवाज पर आम लोगों की नजर होगी। उनका तर्क है कि हर नवाजी की लिस्ट तैयार की जाएगी, वे कहां रहते हैं, क्या करते हैं, इसके बारे में भी जानकारी जुटाए जाने की तैयारी है।
इसी कड़ी में कुसुुम्पटी के लोगों ने यहां पर नवाज का विरोध करने का भी फैसला लिया है। अब देखने लायक होगा कि क्या ये लोग भी यहां धरने प्रदर्शन करेंगे या फिर प्रशासन से मिलने के बाद अपने फैसले को पटल सकते हैं।
बता दें कि मंगलवार को पूर्व डिप्टी मेयर राकेश शर्मा व पार्षद रचना शर्मा ने इस अवैध तरीके से बनी मस्जिद को तो़डने की मांग प्रशासन से की थी। इसको लेकर उन्होंने स्थानीय लोगो के साथ मिलकर उपायुक्त शिमला को ज्ञापन भी सौंपा था।
इसके बाद स्थानीय पार्षद ने आरोप लगाया कि ये जमीन रहने के लिए किसी महिला को दी थी, यहां पर अवैध तरीके से मस्जिद का निर्माण किया है। ये पूरी तरह से अवैध है, उन्होंने आरोप लगाया कि यहां पर लोग रहते हैं, यदि उन्हें रोके तो धमकाते हैं। इसलिए स्थानीय लोगों ने फैसला लिया है कि शुक्रवार को यदि यहां नवाज अदा करने के लिए लोग आते हैं तो आंदोलन किया जाएगा।
वहीं राज्य वक्फ बोर्ड के इस्टेट अधिकारी कुतुबदीन ने दावा किया कि आजादी से पहले से यहां पर मस्जिद बनी है। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड से लेकर राजस्व के पुराने रिकार्ड में ये दर्ज हैं। साथ ही कहा कि खसरा नंबर कई बार बदले हैं, लेकिन हर बार गैरमूमकिन मस्जिद को रिकार्ड में दर्ज किया गया है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।