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Child Marriage Case: बाल विवाह करके नियमों को तार-तार कर रहे लोग, 5 सालों में 250 से अधिक शिकायतें आई सामने

हिमाचल प्रदेश में बाल विवाह रोकने में चाइल्ड हेल्पलाइन महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। बीते पांच सालों में चाइल्ड हेल्पलाइन को बाल विवाह की 250 से अधिक शिकायतें मिली हैं जिनमें से 32 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है। चाइल्ड हेल्पलाइन और आंगनबाड़ी वर्कर लोगों को बाल विवाह के नुकसान और कानूनी सजा के बारे में जागरूक कर रहे हैं।

By Yadvinder Sharma Edited By: Rajiv Mishra Updated: Sun, 20 Oct 2024 07:28 PM (IST)
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चाइल्ड हेल्पलाइन के प्रयास बाल विवाह रोकने में मिल रही मदद (फाइल फोटो)

यादवेन्द्र शर्मा, शिमला। देवभूमि हिमाचल में एक तरफ तो सरकार जच्चा-बच्चा यानी मां व नवजात शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए विवाह की आयु सीमा को बढ़ा रही है। इसके लिए विधानसभा से लड़कियों के विवाह की आयु सीमा को 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष कर दिया है। जिसे अभी राष्ट्रपति से मंजूरी मिलनी है।

जबकि दूसरी तरफ लोग बाल विवाह कर नियम और कानून को तार-तार कर रहे हैं। लोगों की जागरूकता और चाइल्ड हेल्पलाइन के प्रयास बाल विवाह रोकने में कारगर साबित होने के साथ कच्ची उम्र में बच्चियों को मां बनने के कारण होने वाले नुकसान से बचा रही हैं।

बीते 5 सालों में बाल विवाह की 250 से अधिक शिकायतें आई

प्रदेश में बीते पांच सालों के दौरान 250 से अधिक शिकायतें बाल विवाह की लोगों ने चाइल्ड हेल्पलाइन, पंचायत व संबंधित जिला प्रशासन को दी है। इसमें से 32 बाल विवाह के आरोप में मामले दर्ज हुए हैं।

प्रदेश में बीते नौ माह के दौरान बाल विवाह के 84 मामले सामने आए हैं। इन्हें रोकने में लोगों व चाइल्ड हेल्पलाइन महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। बाल विवाह के मामले घर से भागने के अलावा अच्छे रिश्ते के लालच में भी सामने आ रहे हैं।

इन जिलों से आ रही सबसे ज्यादा शिकायतें

प्रदेश में बाल विवाह रोकने का काम चाइल्ड लाइन कर रही है और विवाह से पूर्व ही शिकायत और जानकारी मिलने पर घर वालों को जागरूक कर रही है। प्रदेश के तीन जिलों चंबा, सिरमौर व मंडी में बाल विवाह करवाए जाने के मामले व शिकायतें सबसे ज्यादा आ रही हैं।

चाइल्ड हेल्पलाइन व आंगनबाड़ी वर्करों द्वारा ऐसे लोगों को जागरूक किया जा रहा है। जिसमें उन्हें इसके नुकसान के साथ कानूनन सजा की जानकारी दी जा रही है। जिसके आधार पर ऐसे विवाह रुकवाए जा रहे हैं।

बाल विवाह का सबसे ज्यादा नुकसान उन नाबालिग लड़कियों को होता है जो कच्ची उम्र में मां बन जाती हैं। बाल विवाह की आ रही शिकायतों में 13 से 17 वर्ष के आयु के लड़के और लड़कियों के विवाह करवाए जाने की आ रही है।

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इस मंत्रालय के तहत किया जा रहा चाइल्ड हेल्पलाइन का संचालन

चाइल्ड हेल्पलाइन पहले गैर सरकारी संस्था के तहत संचालित हो रही थी। जिसे बाद में इसकी आवश्यकता और समाज के लिए इसके फायदे को देखते हुए अक्टूबर 2023 में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के तहत इनका संचालन किया जा रहा है।

चंबा में बीते पांच वर्षों के दौरान करीब 160 शिकायतें आई जिसमें बाल विवाह को रुकवाया गया है। 2020 के बाद से कोई भी मामला दर्ज नहीं हुआ है। इस वर्ष भी 24 के करीब शिकायतें बाल विवाह करवाए जाने की आई जिन्हें रुकवा दिया। सबसे अधिक शिकायतें गुजर परिवारों की आती हैं। ऐसी शिकायतों में जांच के दौरान सामने आया है कि प्रदेश और अन्य राज्यों में बेहतर रिश्ते और लालच में आकर विवाह करवाने के प्रयास हो रहे हैं। जिसे चाइल्ड हेल्पलाइन ने रुकवाया है।

कपिल, समन्वयक चाइल्ड हेल्पलाइन चंबा

वर्ष 2024 के दौरान सामने आए मामले

माह

मामले

जनवरी 22
फरवरी 07
मार्च 10
अप्रैल 02
मई 07
जून 11
जुलाई 14
अगस्त 04
सितंबर 07
कुल 84

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