वीकेंड पर फिर लौटे पर्यटक! होटलों में 70% से अधिक ऑक्यूपेंसी की गई दर्ज, शिमला-अमृतसर फ्लाइट से होगा फायदा
शिमला में एक बार फिर पर्यटकों ने लौटना शुरू कर दिया है। 30 सितंबर से 2 अक्टूबर तक लंबे वीकेंड में यहां के होटलों में 70 प्रतिशत की ऑक्यूपेंसी दर्ज की गई है। इसके अलावा एक नवंबर से अमृतसर-शिमला फ्लाइट शुरू होने से भी राजधानी को पर्यटन क्षेत्र में काफी लाभ मिलने वाला है। साथ ही यहां पहुंचने वाले पर्यटकों के लिए भी सफर करना आसान हो जाएगा।
By Jagran NewsEdited By: Gurpreet CheemaUpdated: Tue, 03 Oct 2023 11:59 AM (IST)
पीटीआई, शिमला। हिमाचल प्रदेश में पहाड़ों का दीदार करने के लिए एक बार फिर पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं। शिमला में 30 सितंबर से दो अक्टूबर तक लंबे वीकेंड के चलते यहां 70 प्रतिशत से अधिक ऑक्यूपेंसी दर्ज की गई है, जो कि शिमला के लिए एक अच्छी खबर है।
शिमला होटल एंड टूरिज्म स्टेकहोल्डर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एमके सेठ के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश में अब स्थिति में सुधार हो रहा है। इस सप्ताह के अंत में कमरे की अधिभोग संख्या 70 प्रतिशत से अधिक हो गई। 12 से 15 अक्टूबर तक शिमला उड़ान महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। हमें उम्मीद है कि यहां लोग पैराग्लाइडिंग प्रतियोगिता में भाग लेंगे और इसकी वजह से पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी।
शिमला से अमृतसर फ्लाइट शुरू होने से होगा फायदा
एमके सेठ ने आगे बताया कि 1 नवंबर को शिमला और अमृतसर के बीच उड़ानें शुरू होने से पर्यटकों की संख्या में और बढ़ोतरी होगी। पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र के पर्यटक अक्सर 15 सितंबर से 15 नवंबर के बीच शिमला और हिमाचल प्रदेश के अन्य पर्यटन स्थलों पर आते हैं, जबकि गुजरात के पर्यटक भी सितंबर से हिल स्टेशनों की ओर रुख करते हैं। राज्य के बाहर की बसों पर टैक्स लगाने पर रोक लगा दी गई है।दरअसल, एसोसिएशन के सदस्यों ने राज्य सरकार से राज्य के बाहर पंजीकृत पर्यटक बसों और टेम्पो यात्रियों के प्रवेश पर कर को वापस लेने का आग्रह किया था। इससे आपदा से ही हुए नुकसान की भरपाई होने में मदद मिलेगी।यह भी पढ़ें: पर्यटकों के लिए खुशखबरी! जल्द शुरू होगा मनाली लेह मार्ग, बर्फबारी से बिछी डेढ़ फीट बर्फ की परत
पर्यटन क्षेत्र को 2,000 करोड़ से अधिक का नुकसान
राज्य में हुई भारी बारिश के कारण जुलाई और अगस्त में करीब 169 भूस्खलन और 72 बार अचानक बाढ़ आने से न जाने कितनी सड़कें अवरुद्ध हो गई थीं, इसकी वजह से होटलों में रहने वालों की संख्या शून्य से 2 प्रतिशत तक कम हो गई। साथ ही पर्यटन क्षेत्र को 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ था, तो वहीं पूरे राज्य को करीब 12,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
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