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खुशखबरी! हिमाचल में शुरू होगी मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना, हर महीने मिलेंगे 1000 रुपये; ऐसे करें आवेदन

हिमाचल प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना शुरू करने जा रही है। इस योजना का उद्देश्य विधवा बेसहारा तलाकशुदा महिलाओं और दिव्यांग माता-पिता के बच्चों की शिक्षा के साथ कल्याण के लिए वित्तीय सहायता देना है। पात्र महिलाओं को 1000 रुपये प्रति माह मिलेंगे। योजना का लाभ उठाने के लिए स्थानीय बाल विकास परियोजना अधिकारी के पास आवेदन किया जा सकता है।

By Jagran News Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Mon, 04 Nov 2024 12:25 PM (IST)
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सीएम सुक्खू ने कहा कि हिमाचल में मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना शुरू होगी।
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश में ‘मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना’शुरू होने जा रही है। इसका एलान खुद सीएम सुक्खू ने किया है। रविवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल सरकार ‘मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना’ शुरू करने जा रही है।

योजना का मुख्य उद्देश्य विधवा, बेसहारा, तलाकशुदा महिलाओं और दिव्यांग माता-पिता के बच्चों की शिक्षा के साथ कल्याण के लिए वित्तीय सहायता देना है।

पात्र महिलाओं को मिलेगा 1 हजार रुपये

योजना का मुख्य उद्देश्य दो विशिष्ट आयु समूहों को सहायता प्रदान करना है। पात्र महिलाओं और दिव्यांग माता-पिता को 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण संबंधी खर्चों को पूरा करने के लिए 1000 रुपये का मासिक अनुदान प्रदान किया जाएगा।

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इसके अतिरिक्त स्नातक, स्नातकोत्तर, डिप्लोमा या व्यावसायिक पाठयक्रमों में प्रवेश पाने वाले बच्चों को ट्यूशन और छात्रावास का खर्च वहन करने के लिए भी सरकार वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। रविवार को जारी बयान में मुख्यमंत्री ने कहा कि शैक्षणिक और वित्तीय संसाधनों की कमी के कारण विधवा और परित्यक्त महिलाओं को बच्चों का पालन-पोषण करने में कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

यह महिलाएं विशेष रूप से कमजोर हैं और उन्हें स्वयं का अस्तित्व बनाए रखने व बच्चों की शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए वित्तीय संकट का सामना करना पड़ता है।

कहां करना होगा आवेदन?

योजना का उद्देश्य पारिवारिक स्तर पर बाल संरक्षण को सुदृढ़ कर बाल शोषण, तस्करी, बाल विवाह और मादक पदार्थों के दुरुपयोग जैसे अपराधों को रोकना है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगता, बेरोजगारी और गरीबी के दृष्टिगत ‘मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना’ दिव्यांग माता-पिता के बच्चों की जरूरतों को भी पूरा करेगी। इस योजना का लाभ उठाने के लिए स्थानीय बाल विकास परियोजना अधिकारी के पास आवेदन किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कमजोर परिवारों के लिए उचित माहौल को बढ़ावा देना बहुत महत्वपूर्ण है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बच्चों को सम्मानजनक जीवन जीने के लिए आवश्यक शिक्षा और देखभाल मिले। प्रदेश सरकार ने सत्ता में आने के बाद पहले दिन से ही वंचित वर्गों को सशक्त बनाने को प्राथमिकता दी है।

उनकी सहायता के लिए कई पहल शुरू की हैं। समाज के कुछ वर्ग ऐसे हैं जो अपनी शिकायतें और कठिनाइयां लेकर हमारे पास नहीं आ पाते हैं लेकिन एक संवेदनशील सरकार के रूप में हम हर वर्ग के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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