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नगर निगम शिमला के कर्मचारियों को जल्‍द मिलने वाला है ये बड़ा तोहफा

Municipal Corporation Shimla निगम की वित्त कमेटी की बैठक में नगर निगम शिमला के कर्मचारियों डीए जारी कर दिया गया है लेकिन मुहर लगनी अभी बाकी है।

By Babita kashyapEdited By: Updated: Thu, 19 Mar 2020 08:31 AM (IST)
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नगर निगम शिमला के कर्मचारियों को जल्‍द मिलने वाला है ये बड़ा तोहफा
शिमला, जेएनएन। नगर निगम शिमला के कर्मचारियों को डीए देने पर शुक्रवार 20 मार्च को मुहर लग सकती है। निगम की वित्त कमेटी की बैठक में इस पर फैसला लिया जाना संभावित है। राज्य सरकार ने नगर निगम के कर्मचारियों को डीए जारी कर दिया है, लेकिन निगम और बोर्डों में अपने स्तर पर वित्तीय स्थिति को देखते हुए फैसला लिया जाना प्रस्तावित है। इसके अलावा शहर के गरीबों के लिए जो आशियाने बनाए गए हैं, इन्हें आवंटित करने पर भी निर्णय हो सकता है।

शहर में एक महीने में कितने काम किए जाने हैं, इसके लिए लंबे समय से पार्षदों की ओर से प्रशासन को प्रस्ताव सौंपे गए हैं। इस प्रस्ताव पर काम करने के लिए बजट इसी बैठक में मंजूर होना है। इसी तरह से राजधानी में स्मार्ट सिटी के तहत कुछ काम होने हैं। इसके लिए निगम की ओर से जो फंडिंग दी जानी है, इसका प्रस्ताव भी इसी बैठक में चर्चा के लिए लाया जाना है। नगर निगम के कर्मचारियों को पदोन्नति देने से लेकर खाली पदों को भरने के लिए क्या किया जा सकता है, इस पर भी वित्त कमेटी ने फैसला लेना है। नगर निगम की मेयर सत्या कौंडल की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में बजट में की गई घोषणाओं को जमीन पर उतारने के लिए बजट का प्रावधान भी किया जा सकता है।

कोरोना से बचाने के लिए फंड डायवर्ट करने पर चर्चा संभावित

कोरोना से बचाने के लिए फंड डायवर्ट करने के लिए भी बैठक में चर्चा हो सकती है। इसके साथ ही शहर को साफ रखने के लिए सरकार से फंड लेने के लिए प्रस्ताव भी पास किया जा सकता है। शहर को सैनिटाइज करने का जिम्मा निगम को सौंप रखा है। निगम प्रशासन की ओर से शहर की सड़कों से लेकर रैलिंग तक को साफ किया जा रहा है। इसके लिए बजट की आवश्यकता आने वाले दिनों में बढ़ सकती है।

निजी विश्वविद्यालय के खिलाफ जांच शुरु

ऊना के एक निजी विश्वविद्यालय के खिलाफ एक और जांच शुरू हो गई है। निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के पास शिकायत आई है कि विश्वविद्यालय ने कुछ कोर्स पत्राचार से व ऑनलाइन करवाए हैं जबकि इसकी अनुमति नहीं दी गई थी। यदि आरोप सही साबित हुए तो कार्रवाई होगी।

ऐसी शिकायत आई है कि पत्राचार व ऑनलाइन कोर्स विद्यार्थियों को करवाए जा रहे हैं जबकि इसकी इजाजत नहीं है। कुछ नियमित विद्यार्थी उसी विश्वविद्यालय में फैकल्टी में भी थे जो नियमों के खिलाफ है। रिकॉर्ड में देखा जाएगा कि फेकल्टी को कितना वेतन जारी हुआ है।

एसपी कत्याल, सदस्य, निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग 

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