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'शर्म की बात! टॉयलेट के लिए वसूल रहे टैक्स', निर्मला सीतारमण ने साधा हिमाचल कांग्रेस पर निशाना

Himachal Pradesh News हिमाचल प्रदेश में टॉयलेट सीट पर टैक्स की खबरों को लेकर सुक्खू सरकार पर निर्मला सीतारमण ने निशाना साधा है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि एक ओर जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छता अभियान पर जोर दे रहे हैं वहीं हिमाचल की कांग्रेस सरकार टॉयलेट सीट पर भी टैक्स लगा रही है। उन्होंने कहा कि यह कदम देश का शर्मसार करेगा।

By Agency Edited By: Prince Sharma Updated: Fri, 04 Oct 2024 08:40 PM (IST)
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और हिमाचल मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह
पीटीआई, शिमला। हिमाचल में रेहड़ी-पटरी के बाद एक नया विवाद टॉयलेट सीट पर टैक्स को लेकर शुरू हो गया है। भाजपा ने शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश में सरकार द्वारा शहरी क्षेत्रों में टॉयलेट सीट पर टैक्स लगाने की खबरों पर कांग्रेस की आलोचना की। हालांकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस दावे का खंडन भी किया है।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, राज्य सरकार ने शहरी क्षेत्रों में स्थित घरों में प्रत्येक टॉयलेट सीट के लिए 25 रुपये का मासिक शुल्क लगाया। खबर थयह राशि मौजूदा सीवरेज बिल में जोड़ी जाएगी और जल शक्ति विभाग के खाते में स्थानांतरित की जाएगी, जो राज्य में पानी और स्वच्छता सेवाओं को देखता है।

निर्मला सीतारमण ने एक्स पर किया पोस्ट

रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि अविश्वसनीय, यह सच है! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी स्वच्छता को जन आंदोलन बना रहे हैं और यहां कांग्रेस (टैग करते हुए) लोगों से शौचालय के लिए कर वसूल रही है! शर्म की बात है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में अच्छी स्वच्छता प्रदान नहीं की, लेकिन यह कदम देश को शर्मसार करेगा।

कांग्रेस पर हमला बोलते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने पार्टी से पूछा कि हिमाचल प्रदेश में उसकी सरकार उन लोगों को दंडित क्यों कर रही है, जिन्होंने राज्य में उन्हें वोट देकर सत्ता में बैठाया।

उन्होंने यहां भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में टिप्पणी के लिए पूछे जाने पर कहा, इससे पता चलता है कि कांग्रेस ने न तो लोगों के कल्याण के लिए काम किया है और न ही करेगी। उसे केवल सत्ता हासिल करने और उसका आनंद लेने तथा गांधी परिवार को बढ़ावा देने की चिंता है। यह उनका 'मूल मंत्र' (कोर एजेंडा) है।

मीडिया रिपोर्टों पर विवाद के बीच हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने राज्य में तथाकथित 'शौचालय कर' लगाने या प्रस्तावित करने से साफ इनकार किया और भाजपा नेताओं के दावों को निराधार बताया। सुक्खू ने एक बयान में कहा कि हरियाणा विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा या तो धर्म का कार्ड खेल रही है या फिर शौचालय कर का मनगढ़ंत मुद्दा उठा रही है।

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अधिसूचना 21 सितंबर को वापस ले ली गई थी

किसी को भी राजनीतिक लाभ के लिए मुद्दों का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए, खासकर तब जब आरोप वास्तविकता से कोसों दूर हों। इस बीच, शिमला में पत्रकारों से बात करते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में सीवरेज सीट पर 25 रुपये कर लगाने की अधिसूचना 21 सितंबर को वापस ले ली गई थी।

भाजपा प्रवक्ता ने आगे आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव के दौरान लोगों से बड़े-बड़े वादे करके कांग्रेस हिमाचल प्रदेश में सत्ता में आई और राज्य की वित्तीय स्थिति को बर्बाद कर दिया।

हिमाचल 87 हजार करोड़ के कर्ज में डूबा

उन्होंने दावा किया कि आज राज्य की वित्तीय स्थिति इतनी खराब है कि उसके पास अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं। हिमाचल प्रदेश 87,000 करोड़ रुपये के कर्ज में डूबा हुआ है, जो अगले वित्त वर्ष तक बढ़कर एक लाख करोड़ रुपये हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस चुनाव के दौरान लोगों से किए गए वादों को कभी पूरा नहीं करती, चाहे वह कर्नाटक हो, तेलंगाना हो या हिमाचल प्रदेश। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस एक 'वादा तोड़ पार्टी' है (ऐसी पार्टी जो अपने किए वादों को तोड़ती है)। उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी आते हैं और अपने साथ भ्रष्टाचार, महंगाई और झूठे वादे लेकर आते हैं।

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