आइजीएमसी में रैगिंग नहीं, डॉक्टरों में हुई थी मारपीट
आइजीएमसी शिमला में रैगिंग नहीं, बल्कि जूनियर रेजिडेंट व इंटर्न में मारपीट हुई थी।
By Sachin MishraEdited By: Updated: Sun, 18 Mar 2018 11:30 AM (IST)
जागरण संवाददाता, शिमला। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) शिमला में रैगिंग नहीं, बल्कि जूनियर रेजिडेंट व इंटर्न में मारपीट हुई थी। पुलिस की प्रारंभिक जांच में मारपीट की बात सामने आई है।पत्रकारों से बातचीत में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीर ठाकुर ने बताया कि शुरुआती जांच में ऐसा लग रहा है कि रैगिंग हुई ही नहीं है क्योंकि रैगिंग का आरोप लगाने वाले इंटर्न डॉ. अक्षय मौदगिल के खिलाफ सर्जरी विभाग के जूनियर रेजिडेंट डॉ. मुकेश कुमार ने पुलिस को शिकायत सौंपी थी। इस आधार पर सदर थाना में एफआइआर दर्ज कर ली गई। उसके बाद इंटर्न डॉ. अक्षय मौदगिल ने रैगिंग की शिकायत पुलिस को दी।
रैगिंग का आरोप लगाने वाला डॉ. अक्षय अगर एमबीबीएस प्रथम वर्ष का छात्र होता तो रैगिंग का आरोप समझ में भी आ सकता है। प्रवीर ठाकुर ने बताया कि दोनों तरफ से मिली शिकायतों के आधार पर क्रॉस एफआइआर दर्ज कर इस सारे मामले की गहन जांच की जा रही है। स्टाफ के सदस्यों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं और सीसीटीवी फुटेज लेकर भी आरोपों की सत्यता परखी जा रही है। एसपी ओमापति जम्वाल का भी कहना था कि मामले की गहन जांच के बाद ही तय हो पाएगा कि रैगिंग हुई या नहीं।बिलासपुर जिले के घुमारवीं गांव के डॉ. मुकेश कुमार की शिकायत पर सदर थाने में वीरवार को दर्ज एफआइआर में डॉ. अक्षय मौदगिल पर उनसे दुर्व्यवहार व हमला कर सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप लगाया गया था।
इसके बाद शुक्रवार को हमीरपुर जिले के बड़सर गांव के डॉ. अक्षय मौदगिल की शिकायत पर एचपी रैगिंग एक्ट की धारा तीन व आइपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत डॉ. मुकेश पर सदर थाने में एफआइआर दर्ज की है।उधर, आइजीएमसी की रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (आरडीए) का प्रतिनिधिमंडल शनिवार को इस मामले को लेकर प्राचार्य डॉ. अशोक शर्मा से मिला। आरडीए के प्रधान डॉ. अजय जरयाल ने बताया कि उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। उनके मुताबिक यह रैगिंग का मामला नहीं है क्योंकि एमबीबीसी में साढ़े चार साल की पढ़ाई के बाद छात्र इंटर्न करता है। उन्होंने जूनियर द्वारा सीनियर से मारपीट की निंदा की है।
वहीं, शनिवार को एंटी रैगिंग कमेटी के चेयरमैन आइजीएमसी के प्राचार्य डॉ. अशोक शर्मा की अध्यक्षता में इस मामले को दिन भर बैठक चलती रही। डॉ. मुकेश व डॉ. अक्षय से अनुशासनात्मक कमेटी सवाल-जवाब करती रही। डॉ. अशोक शर्मा से बार-बार संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई।यह कालेज से जुड़ा हुआ मामला है। इसमें मैं कुछ भी नहीं कह सकता। आइजीएमसी के प्राचार्य ही इस बारे में कोई टिप्पणी कर सकते हैं।
-डॉ. रमेश चंद, वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक आइजीएमसी।
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