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Himachal News: पांच कर्मचारियों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस, मंत्रियों के खिलाफ की थी बयानबाजी

हिमाचल प्रदेश राज्य सचिवालय की ओर से पांच कर्मचारियों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है। बद्दी पुलिस अधीक्षक के विरुद्ध भी विशेषाधिकार हनन का नोटिस लाया गया है। कर्मचारियों ने महंगाई भत्ता और संशोधित वेतनमान के लिए आंदोलन किया था। इसी आंदोलन के कर्मचारियों ने दौरान तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी समेत कई मंत्रियों के खिलाफ बयानबाजी की थी।

By Anil Thakur Edited By: Rajiv Mishra Updated: Mon, 09 Sep 2024 11:17 AM (IST)
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राजेश धर्माणी ने पांच कर्मचारियों खिलाफ विशेषाधिकार हनन का दिया है नोटिस (फोटो- सोशल मीडिया)

जागरण संवाददाता, शिमला। हिमाचल में राज्य सचिवालय कर्मचारियों की ओर से मंत्रियों के विरुद्ध की बयानबाजी पर तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने पांच कर्मचारियों खिलाफ विशेषाधिकार हनन (प्रिविलेज मोशन) का नोटिस दिया है।

विधानसभा सचिवालय ने इसको लेकर कार्यवाही भी शुरू कर दी है। अभी दो दिन सोमवार और मंगलवार तक विधानसभा का मानसून सत्र भी है, ऐसे में दोषी पाए जाने पर इनके खिलाफ जल्द कार्रवाई की संभावना है।

कर्मचारियों ने मंत्रियों के खिलाफ की थी बयानबाजी

सचिवालय कर्मचारियों ने आम सभा में मंत्रियों के विरुद्ध बयानबाजी की थी। इसमें बाकायदा राजेश धर्माणी का नाम लिया गया था। धर्माणी ने हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं संगठन व सचिवालय कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा, महासचिव कमल किशोर शर्मा, सचिवालय चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष टेकराम, चालक संघ के अध्यक्ष अमर कुमार, पीए-पीएस एसोसिएशन के अध्यक्ष बोधराज चंदेल के विरुद्ध विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है।

बद्दी पुलिस अधीक्षक के खिलाफ भी लाया गया नोटिस

उधर, पुलिस अधीक्षक बद्दी के विरुद्ध भी विशेषाधिकार हनन का नोटिस लाया गया है। मुख्य संसदीय सचिव (सीपीएस) रामकुमार चौधरी की ओर से यह नोटिस लाया गया है। उन्होंने एसपी इल्मा अफरोज पर जासूसी करवाने का आरोप लगाया है।

महंगाई भत्ता के लिए किया था आंदोलन

हिमाचल प्रदेश सचिवालय कर्मचारी महासंघ, जिसके अधीन सचिवालय की सभी एसोसिएशन आती हैं, ने सचिवालय के प्रांगण में पिछले माह 21 अगस्त को आम सभा की थी। इसमें सरकार से महंगाई भत्ता और संशोधित वेतनमान का एरियर जारी करने की मांग उठाई थी।

इस दौरान सरकार की कार्यप्रणाली, कार्यालयों पर खर्च हो रहे बजट, मंत्रियों को मिलने वाले टेलीफोन भत्ते, सत्कार भत्ते पर सवाल उठाए थे। धर्माणी ने कर्मचारियों के आंदोलन पर प्रतिक्रिया दी थी। कर्मचारियों ने 24 अगस्त को अगली सभा में मंत्री के विरुद्ध ही मोर्चा खोल दिया। इसके वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुए थे।

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कारण बताओ नोटिस भी दिया था

कर्मचारियों की बयानबाजी के बाद सरकार व कर्मचारियों के बयानों में तल्खी दिखी थी। इसी बीच राज्य सचिवालय प्रशासन और कार्मिक विभाग की ओर से भी इन कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई शुरू की गई। इनके विरुद्ध 28 अगस्त को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, कर्मचारी इस नोटिस का जवाब भी दे चुके हैं। अब विधानसभा में इनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है।

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