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Shimla: अब नहीं बटेंगी फर्जी डिग्रियां, ना ही दाखिलों में गोलमाल कर सकेंगे निजी विश्वविद्यालय; वेबसाइट पर अपलोड करना होगा डाटा

Himachal Prdaesh News शिमला में अब निजी विश्वविद्यालयों में फर्जी डिग्रियां नहीं बांटी जाएंगी। दाखिलों का प्रोसेस पूरा होते ही हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान की वेबसाइट पर अपलोड़ हो जाएगा। विवि को भी अपनी वेबसाइट पर भी दाखिलों का पूरा रिकार्ड मेंटेन करना होगा। हिमाचल प्रदेश विवि की तर्ज पर निजी विवि में भी छात्रों को रजिस्ट्रेशन नंबर मिलेगा।

By Jagran News Edited By: Himani Sharma Updated: Sun, 07 Jan 2024 02:35 PM (IST)
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निजी विवि में अब नहीं बंटेगी फर्जी डिग्रियां
अनिल ठाकुर, शिमला। हिमाचल में निजी क्षेत्र में चल रहे विश्वविद्यालयों में फर्जी दाखिलों पर नकेल कसेगी। विवि की न तो डिग्रियां फर्जी बंटेगी न ही वे दाखिलों में घालमेल कर सकेंगे। दाखिलों का प्रोसेस पूरा होते ही हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान की वेबसाइट पर अपलोड़ हो जाएगा। विवि को भी अपनी वेबसाइट पर भी दाखिलों का पूरा रिकार्ड मेंटेन करना होगा।

निजी विव‍ि में भी मिलेगा र‍िजिस्‍ट्रेशन नंबर

हिमाचल प्रदेश विवि की तर्ज पर निजी विवि में भी छात्रों को रजिस्ट्रेशन नंबर मिलेगा। रजिस्ट्रेशन में छात्र का नाम, पता सहित पूरा रिकार्ड होगा ताकि रजिस्ट्रेशन नंबर से ही छात्र का पूरा रिकॉर्ड निकल सकें। हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग की हाल ही में कोर्स अप्रूवल कमेटी की बैठक आयोजित हुई थी। बैठक में नए कोर्स अप्रूव करने के साथ ही उन पर यह शर्त भी लगा दी गई है।

नियमों का सख्‍ती से करें पालन

विश्वविद्यालयों को सख्त हिदायत दी है कि वह इन नियमों का सख्ती से पालन करें। यदि वे ऐसा नहीं करते और दाखिले का रिकॉर्ड छिपाते हैं तो आयोग उनके खिलाफ कार्रवाई करेगा। विश्वविद्यालयों के दाखिले से लेकर डिग्री देने में पूरी पारदर्शिता रहे इसके लिए यह सख्ती की जा रही है। किस छात्र ने कितनी क्लास लगाई इसका रिकार्ड जांचेगा आयोग आयोग विवि का पूरा रिकार्ड की जांच करेगा। नया सत्र किस दिन से शुरू हुआ। वहां पर फैकल्टी तब कितनी थी।

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शिक्षकों के रिकॉर्ड की होगी जांच

बीच सत्र में कितने शिक्षक नियुक्त हुए व कितनों ने नौकरी छोड़ी। किस छात्र ने शैक्षणिक सत्र के दौरान कितनी कक्षाएं लगाई। उसके तय टीचिंग डे पूरे हुए हैं यदि टीचिंग डे पूरे नहीं थे तो उसे पेपर में बैठने की अनुमति दी गई या नहीं। इन सभी तथ्यों का रिकार्ड भी देखा जाएगा। हिमाचल में सामने आया था डिग्रियों का फर्जीवाड़ा हिमाचल में दो निजी विश्वविद्यालयों में डिग्रियों का फर्जीवाड़ा सामने आया था।

हजारों की तादात में फर्जी डिग्रियां बांटी गई है। सोलन जिला स्थित एक निजी विश्वविद्यालय को तो बंद करने के ही आदेश आयोग की तरफ से जारी कर दिए गए हैं। यह फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद सरकार ने सरकारी विभागों, बोर्ड व निगमों में नियुक्त कर्मचारियों की डिग्रियों की जांच भी करवा रही है। इसमें यह जांचा जा रहा है कि कहीं पर सरकारी विभाग में ऐसे कर्मचारी तो नियुक्त नहीं हो गए हैं जिन्होंने इन विवि से फर्जी तरीके से डिग्री हासिल की है।

ये है निजी विवि

अभिलाषी विश्वविद्यालय, अरनी विश्वविद्यालय, बहारा, आईसीएफएआई विवि, महर्षि मार्केंडेश्वर विवि, इटर्नल विवि, इंडस विवि, श्री सांई विवि, एपीजी शिमला विवि, बद्दी विश्वविद्यालय, कैरियर प्वाइंट विश्वविद्यालय, महराजा अग्रसेन विवि, शूलिनी विवि, चित्कारा विवि, आईईसी विवि, जेपी विवि हिमाचल में चल रहे हैं।

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कोट हिमाचल में निजी क्षेत्र में चल रहे विश्वविद्यालयों को दाखिले से जुड़ा सारा रिकॉर्ड वेबसाइट पर मेंटेन करने को कहा है। यह रिकॉर्ड आयोग की वेबसाइट पर भी रहेगा। सभी विवि को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए गए हैं। प्रो. शशिकांत शर्मा सदस्य हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग। 

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