Shimla News: बच्चों की सुरक्षा की कवायद, अब अभिभावक घर बैठे देख सकेंगे स्कूल बस की लोकेशन, VLTD में नया फीचर होगा एड
Shimla News हिमाचल प्रदेश में अब अभिभावक घर बैठे बच्चों की स्कूल बस की लोकेशन देख सकेंगे। बसों में लगे व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस (वीएलटीडी) में एक नया फीचर शामिल होगा। इससे अभिभावक भी बसों की रियल टाइम लोकेशन का पता लगा सकेंगे। वीएलटीडी से बसों की लोकेशन तो पता तो लग जाता है लेकिन अभिभावक इससे नहीं जुड़े हैं।
By Himani SharmaEdited By: Himani SharmaUpdated: Sun, 17 Dec 2023 03:55 PM (IST)
अनिल ठाकुर, शिमला। घर से स्कूल तक अपने बच्चों को बस में भेजने वाले अभिभावक अब बच्चों की सुरक्षा को लेकर बेफिक्र होंगे। स्कूल बसों की रियल टाइम लोकेशन का पता वह घर बैठे लगा सकेंगे। बसों में लगे व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस (वीएलटीडी) में एक नया फीचर शामिल होगा। इससे अभिभावक भी बसों की रियल टाइम लोकेशन का पता लगा सकेंगे।
वीएलटीडी में अभी 9 अलग-अलग तरह के हैं फीचर
वीएलटीडी से बसों की लोकेशन तो पता तो लग जाता है लेकिन अभिभावक इससे नहीं जुड़े हैं। अब अभिभावकों को भी इससे जोड़ने की योजना है ताकि वह घर पर अपने मोबाइल से ही बच्चों की बस की लोकेशन का पता कर सकें। वीएलटीडी में अभी 9 अलग-अलग तरह के फीचर हैं। यह नया फीचर इसमें शामिल किया जाएगा।
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बीते सप्ताह परिवहन निदेशक अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक में इस पर चर्चा की गई। उन्होंने इस कार्य को देख रही कंपनी को निर्देश दिए कि जल्द ही इस पर काम करें। यही नहीं जो 9 फीचर अभी काम कर रहे हैं उनका संचालन भी सही तरह से हो और अगर कोई अलर्ट आता है तो उसे तुरंत क्रॉस वेरिफाई किया जाए। ताकि समय समय पर मदद की जा सकें।
यह भी होगा फायदा
वीएलटीडी सिस्टम में यह नया फीचर एड होने से बसों की रियल टाइम ट्रैकिंग हो सकेगी। यानि कोई भी बस अगर तय रूट से इधर-उधर जाएगी तो इसका पता लग सकेगा। वाहन के रूट के साथ ही ओवरस्पीड पर भी लगाम लगेगी। इस सिस्टम से वाहन की स्पीड का भी पता लगाया जा सकेगा। इस सिस्टम में जीपीएस के साथ पैनिक बटन भी लगे होंगे।
यह भी पढ़ें: Shimla News: अब चार और पांच जनवरी को होंगी राजस्व लोक अदालतें, 35 हजार से ज्यादा लंबित मामलों पर होगी सुनवाईपरिवहन विभाग के अनुसार प्रदेश में 31,355 कर्मिशियल वाहनों में पैनिक बटन लगा हुआ है। इसमें से 6141 डिवाइस खराब पड़े हुए हैं। इन्हें ठीक करवाने के निर्देश जारी कर दिए हैं। पिछले डेढ सालों के भीतर 12,4315 ने पैनिक बटन दबाया है। इसके अलर्ट परिवहन विभाग के हेल्प डेस्क पर आए हैं।
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