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Himachal News: खुशखबरी! आपदा में लापता लोगों के परिजनों को जल्द मिलेगा 'मृत्यु प्रमाण पत्र', नहीं करना होगा सालों का इंतजार

मॉनसून के दौरान राज्य में आई प्राकृतिक आपदा के कारण 10 हजार करोड़ का नुकसान हुआ और 35 लोग लापता हो गए थे। अब लापता लाेगों को सामान्य तौर पर मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए सात वर्ष का इंतजार करना पड़ता है लेकिन 2023 की इस आपदा के दौरान लापता 38 लोगों के परिजनों को मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए सात वर्षों का इंतजार नहीं करना होगा।

By Yadvinder SharmaEdited By: Shoyeb AhmedUpdated: Sat, 25 Nov 2023 09:52 PM (IST)
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राज्य में आई आपदा में लापता लोगों के परिजनों को जल्द मिलेगा मृत्यु प्रमाण पत्र (फाइल फोटो)
यादवेन्द्र शर्मा, शिमला। Death Certificate Of Missing People In Disaster: देवभूमि हिमाचल में मॉनसून के दौरान आई प्राकृतिक आपदा के कारण 10 हजार करोड़ का नुकसान हुआ और 35 लोग लापता हो गए थे।

लापता लाेगों को सामान्य तौर पर मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए सात वर्ष का इंतजार करना पड़ता है, लेकिन 2023 की इस आपदा के दौरान लापता 38 लोगों के परिजनों को मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए सात वर्षों का इंतजार नहीं करना होगा।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने दिए ये निर्देश

इस संबंध में प्रदेश के मुख्य रजिस्ट्रार जन्म एवं मृत्यु की तरफ से सभी खंड विकास कार्यालयों सहित जिला के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं। इन निर्देशों में केंद्र सरकार द्वारा उत्तराखंड को लेकर 21 फरवरी 2021 को लेकर जारी दिशा निर्देशों का पालन करने को कहा गया है।

इतने लोगों की हुई मौत

हिमाचल प्रदेश में मॉनसून के दौरान आई भारी त्रासदी के कारण 490 के करीब लोगों की मौत हो गई थी और 39 लोग लापता हो गए थे। इनमें से जिनकी मृत्यु हो गई थी उन्हें सरकार की तरफ से चार-चार लाख रुपये की राशि प्रदान की गई और बाद में और भी आर्थिक मदद दी गई।

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जबकि 39 में से अभी भी 35 लोग लापता हैं। इन्हें ढूंढने के परिजनों व सरकारी स्तर पर बहुत प्रयास हुए जिसमें से अभी भी 35 लोगों का कोई पता नहीं चला है। ऐसे में उनके परिजनों को न तो आर्थिक लाभ महले और न ही इंश्योरेंस जीवन बीमा पालिसी सहित अन्य लाळा। यही नहीं पारिवारिक संपत्ति का भी निपटारा नहीं हो सके। ये सभी कार्य ऐसे में हो सकेंगे।

सामान्य तौर पर क्या है लापता लोगों के लिए व्यवस्था

अभी तक लापता लोगों को लेकर सामान्य तौर पर पुलिस के पास एफआईआर दर्ज करवानी पड़ती है। उसके बाद सा वर्षों तक इंतजार करना होता है उसके बाद मामला न्यायालय के समक्ष जाने के बाद वहां से आदेश के तहत मृत्यु प्रमाण लापता लोगों के परिजनों को दिया जाता है।

प्रदेश में मानसून के दौरान आई आपदा के दौरान 39 लोग लापता हो गए थे बाद में चार लोग मिल गए थे। इनमें प्रदेश से बाहर के लोग भी हैं।

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