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PM Modi Oath Ceremony: मोदी सरकार 3.0 का संपन्न हुआ शपथ ग्रहण समारोह , हिमाचल के नड्डा को मिली कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी

PM Modi Oath Ceremony मोदी सरकार का शपथ ग्रहण समारोह आज हो गया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी किसी अन्य नेता को सौंपी जाएगी। इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश के जेपी नड्डा को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चा है। लोकसभा चुनाव में पांचवीं बार जीत दर्ज करने वाले अनुराग ठाकुर को इस बार कैबिनेट में कोई जगह नहीं मिली है।

By Jagran News Edited By: Himani Sharma Updated: Sun, 09 Jun 2024 12:09 PM (IST)
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PM Modi Oath Ceremony: हिमाचल से कैबिनेट मंत्री बने जेपी नड्डा, अनुराग ठाकुर को नहीं मिली जगह (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, शिमला। PM Modi Oath Ceremony: हिमाचल में लोकसभा चुनाव में भाजपा ने लगातार तीसरी बार सभी चार सीटों पर जीत दर्ज की है। नरेन्द्र मोदी रविवार शाम को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ले ली है। उनके साथ मंत्रिमंडल के सदस्यों ने भी शपथ ली।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी किसी अन्य नेता को सौंपकर जेपी नड्डा को कैबिनेट मंत्री बनाया गया। राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चा है कि लोकसभा चुनाव में पांचवीं बार जीत दर्ज करने वाले अनुराग ठाकुर के मंत्री बनने की भी उम्मीद है।

पिछली सरकार में भी अनुराग रहे मंत्री

अनुराग पिछली सरकार में भी मंत्री रहे हैं। शिमला सीट से दूसरी बार जीते सुरेश कश्यप अनुसूचित जाति और मंडी संसदीय सीट से पहली बार जीतीं अभिनेत्री कंगना रनौत महिला कोटे से मंत्री बनाए जाने की चर्चाएं थी। हालांकि, मोदी सरकार 3.0 में हिमाचल से जेपी नड्डा को भी केंद्रीय नेतृत्व में जगह मिली है। 

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हिमाचल से अधिकतर बार केंद्र सरकारों में एक मंत्री ही रहा है। मनमोहन सरकार के दूसरे कार्यकाल में वीरभद्र सिंह और आनंद शर्मा दो मंत्री बनाए गए थे। नरेन्द्र मोदी हिमाचल को दूसरा घर कहते हैं, गुजरात की तरह ही हिमाचल ने तीन लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार बनाने में पूरा योगदान दिया है इसलिए उम्मीद लगाई जा रही थी कि प्रदेश को एक से अधिक मंत्री पद मिल सकते हैं।

गठबंधन की राजनीति से हिमाचल को लग सकता है झटका

देश में 10 साल बाद फिर से गठबंधन की सरकार बनी है इसलिए नरेन्द्र मोदी व अमित शाह को इसे साधने के लिए कई तरह के समझौते करने पड़ सकते हैं। इन समझौतों से हिमाचल के हिस्से पर कैंची न चले, यह डर भी सता रहा है। जानकारों के अनुसार, बिहार व हरियाणा में तो विधानसभा चुनाव हैं, वहां से मंत्रियों की संख्या कम नहीं होगी। ऐसे में छोटे राज्यों की सीटों पर कैंची चलने का डर बना हुआ था।

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