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हिमाचल में बाहरी लोग नहीं चला सकेंगे गेस्ट हाउस! सुक्खू सरकार ने होम स्टे के नियमों में किया बदलाव

हिमाचल प्रदेश सरकार (Himachal News) ने होम स्टे के लिए नए नियम बनाए हैं। अब बाहरी राज्यों के लोग धारा-118 के तहत खरीदी गई जमीन पर होम स्टे नहीं चला सकेंगे। पंजीकरण अनिवार्य होगा और शुल्क ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अलग-अलग होगा। बिजली और पानी व्यवसायिक दरों पर मिलेगा। इतना ही नहीं किराया सुविधा के अनुसार तय किया जाएगा।

By Anil Thakur Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Sat, 19 Oct 2024 03:30 PM (IST)
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हिमाचल सरकार ने होम स्टे के लिए नए नियम तय कर दिए हैं। फाइल फोटो

अनिल ठाकुर, शिमला। राज्य सरकार ने होम स्टे के लिए नए नियम तय कर दिए हैं। बाहरी राज्यों के लोग जिन्होंने धारा-118 के तहत हिमाचल में जमीन खरीद कर उस पर मकान बनाया है, वे लोग इसमें होम स्टे का संचालन नहीं कर सकेंगे।

यदि कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। पर्यटन विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए भेज दिया है।

ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अलग-अलग होगी रजिस्ट्रेशन फीस

22 अक्टूबर को होने वाली राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस पर विस्तृत चर्चा के बाद सरकार अंतिम निर्णय लेगी। राज्य सरकार ने होम स्टे के लिए नियम तय करने को लेकर मंत्रिमंडल उप समिति गठित की थी। उप समिति की सिफारिशों के आधार पर पर्यटन विभाग ने यह नियम बनाए गए हैं।

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इसके लिए होम स्टे के लिए पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। यह पंजीकरण पर्यटन विभाग ही करेगा। पंजीकरण शुल्क की दर ग्रामीण, शहरी क्षेत्रों में अलग-अलग होगी। होम स्टे में बिजली व पानी व्यवसायिक दरों पर मिलेगा।

यदि कोई व्यक्ति अपने घर में होम स्टे चला रहा है तो पानी व बिजली का मीटर उसके लिए अलग लेना पड़ेगा। घर में उसे घरेलू दर पर बिजली पानी मिलेगा, लेकिन जिसमें होम स्टे चल रहा है, वह व्यवसायिक गतिविधियों में शामिल होगा।

किराया फिक्स नहीं, सुविधा के अनुसार होगा तय

होम स्टे का किराया अब पर्यटन विभाग तय करेगा। पहले की तरह किराया फिक्स नहीं होगा। जिला पर्यटन अधिकारी होम स्टे का निरीक्षण करेंगे। वहां पर जो सुविधा है उसके अनुसार ही किराया तय होगा। हिमाचल में में 4 हजार के करीब होम स्टे पंजीकृत हैं। समय पांच हजार से अधिक होटल हैं, जो कि सरकार को कई तरह का शुल्क चुकाते हैं।

राजधानी शिमला सहित जिला मुख्यालयों के आसपास सैंकड़ो की संख्या में होम स्टे खुल चुके हैं और लगातार खुलते जा रहे हैं। अभी तक इन्हें घरेलू दरों पर सस्ती बिजली और पानी की सुविधा प्राप्त है। लेकिन नई नीति में होम स्टे संचालकों को व्यवसायिक दरों पर बिजली-पानी का भुगतान करना पड़ेगा।

2008 में बनी थी होम स्टे नीति

वर्ष 2008 में होम स्टे नीति बनाई गई थी। युवाओं को स्वरोजगार देने के मकसद से तत्कालीन सरकार यह नीति लाई थी। पहले इसमें तीन कमरों में होम स्टे चला सकते थे, बाद में इसे बढ़ाकर 5 कमरे किया गया था।

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