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हिमाचल के बड़े शहरों में लोगों को मिलेगी Ropeway की सुविधा, सफर बनेगा आरामदायक; यातायात जाम से मिलेगी निजात

Ropeway Facility in Himachal हिमाचल प्रदेश के लोगों को यातायात जाम से निजात मिलेगी। देश के महानगरों मैट्रो ट्रेन के रूप में परिवहन का सस्ता साधन उपलब्ध करवाया जा रहा है। शिमला शहर के एक सिरे से दूसरे सिरे तक रोपवे से जोड़ा जाएगा। इससे सड़कों पर वाहनों का भार कम होगा और लोगों को यातायात की समस्या से छुटकारा मिलेगा।

By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Fri, 15 Dec 2023 02:24 PM (IST)
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हिमाचल के बड़े शहरों में लोगों को मिलेगी Ropeway की सुविधा

राज्य ब्यूरो, शिमला। Ropeway Facility in Himachal: देश के महानगरों मैट्रो ट्रेन के रूप में परिवहन का सस्ता साधन उपलब्ध करवाया जा रहा है, ताकि लोगों का समय यातायात जाम में बर्बाद न हो। वहीं पहाड़ों में मैट्रो ट्रेन चलाना संभव नहीं है और न ही उपयुक्त। इसका कारण यह है कि प्रदेश की कम जनसंख्या को देखते हुए यह व्यवस्था महंगा सौदा साबित होगा। लेकिन सरकार ने हिमाचल के बड़े शहरों के लोगों की सुविधा के लिए रोपवे बनाने की योजना बनाई है।

इसी तरह सुविधा राजधानी शिमला को मिलने वाली है। इसके तहत शिमला शहर के एक सिरे से दूसरे सिरे तक रोपवे से जोड़ा जाएगा। इससे सड़कों पर वाहनों का भार कम होगा और लोगों को यातायात की समस्या से छुटकारा मिलेगा। इसी तरह की व्यवस्था धर्मशाला, मंडी, हमीरपुर, कुल्लू, सोलन, बिलासपुर और चंबा में विकसित करने की योजना है।

आसमान से पहाड़ों को देखने का मिलेगा मौका

रोपवे बनने से राज्य के लोगों को सस्ता परिवहन साधन मिलेगा ही, पर्यटकों के लिए आसमान से पहाड़ों को देखने का मौका मिलेगा। इसी तर्ज पर शिमला में रोपवे बनाया जाएगा। यह प्रोजेक्ट वर्ष 2029 तक बनकर तैयार हो जाएगा। इस रोपवे की लंबाई लगभग 13.79 किलोमीटर होगी, जो दुनिया का दूसरा सबसे लंबा और एशिया का पहला होगा।

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इसमें 13 स्टेशन बनाए जाएंगे, जहां पर लोग उतर व चढ़ सकेंगे। इसके लिए 650 से ज्यादा केबिन बनाए जाएंगे, ताकि लोगों को ज्यादा समय तक इंतजार न करना पड़े। मेट्रो की तरह ही इसमें भी यात्रियों का मार्गदर्शन किया जाएगा। सरकार का मानना है कि रोपवे का सफर बस में यात्रा करने के महंगा नहीं होगा।

दजाम से जूझ रहा शिमला

प्रदेश सरकार का मानना है कि रोपवे प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद शिमला को यातायात जाम से छुटकारा मिलेगा। शहरी की अगले 40 साल की चुनौतियों को देखते हुए इसका निर्माण होगा। ढाई साल में प्रोजेक्ट का पहला फेज पूरा कर 250 केबिन के साथ इसे शुरू करने की योजना है।

प्रदेश में इन जगह भी प्रस्तावित हैं रोपवे

परवाणू से शिमला तक लगभग 6800 करोड़ रुपये खर्च कर 38 किलोमीटर लंबा रोपवे बनाने की योजना है। चिंतपूर्णी माता मंदिर के लिए 75 करोड़, जाबली से कसौली 253 करोड़, नारकंडा से हाटू पीक 172 करोड़, पालमपुर से थथली 585 करोड़, बीड़-बिलिंग के लिए 156 करोड़ और बाबा बालकनाथ मंदिर दियोटसिद्ध में 65 करोड़ रुपये की लागत से रोपवे बनाया जाएगा।

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