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Himachal Politics: हिमाचल में दिन भर जारी रही सियासी उठापटक, विधानसभा स्थगित सहित 15 BJP विधायक हुए सस्पेंड

Himachal Pradesh Political Crisis राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद शुरू हुआ राजनीतिक खेल अब और तेज हो गया है। हिमाचल प्रदेश में विपक्ष की अनुपस्थिति में बजट पारित विधानसभा स्थगित कर दिया है। इसके साथ ही सरकार को बचाने के लिए कांग्रेस पर्यवेक्षक शिमला पहुंचे। जबकि विधानसभा में 15 बीजेपी के विधायक सदन से निलंबित कर दिए गए।

By Jagran News Edited By: Deepak Saxena Updated: Wed, 28 Feb 2024 11:16 PM (IST)
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हिमाचल में दिन भर जारी रही सियासी उठापटक।
जागरण संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद शुरू हुआ राजनीतिक खेल अब और तेज हो गया है। दो दिन से चल रही उठापटक के बीच सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार अभी भले ही बच गई हो, लेकिन संकट बरकरार है। जिस तरह कांग्रेस के विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की, उसके बाद माना जा रहा था कि बुधवार को बजट पारित नहीं होगा और सरकार गिर जाएगी, लेकिन विपक्ष की अनुपस्थिति में बजट ध्वनिमत से पारित हो गया।

इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने सदन की कार्यवाही एक दिन पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी। संकट इसलिए बरकरार है, क्योंकि विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कह चुका है। कांग्रेस हाईकमान ने भाजपा की रणनीति को भांपते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं डीके शिव कुमार व भूपेंद्र सिंह हुड्डा को पर्यवेक्षक बनाया, जो बुधवार दोपहर शिमला पहुंचे। पार्टी मामलों के प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ल व छतीसगढ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहले से शिमला में हैं। शिमला के चौड़ा मैदान स्थित होटल सिसिल में राजनीतिक संकट से पार पाने व सरकार को बचाने के लिए रणनीति तैयार की गई।

सूत्रों की मानें तो केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह, मंत्रियों, मुख्य संसदीय सचिवों व विधायकों से बात कर पूछा है कि नाराजगी किस बात को लेकर है। यदि सरकार बचाने के लिए नेतृत्व परिवर्तन करना पड़े तो अगली पसंद कौन होगा। कांग्रेस के जिन छह विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की है, उनसे भी चर्चा की गई है। माना जा रहा है कि नाराज विधायक मुख्यमंत्री को बदलने की बात कर रहे हैं।

बीजेपी विधायकों ने अल्पमत सरकार की कही बात

भाजपा विधायकों ने राज्यपाल को बताया-सरकार अल्पमत में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर भाजपा विधायकों के साथ सुबह साढ़े सात बजे राजभवन पहुंचे और राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल को घटनाक्रम से अवगत करवाते हुए कहा कि सरकार अल्पमत में है। आशंका जताई कि बजट पास करने के लिए सरकार राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को वोट डालने वाले कांग्रेस के छह विधायकों पर दलबदल कानून के तहत कार्रवाई कर सकती है। हालांकि, राज्यसभा चुनाव में दलबदल कानून लागू नहीं होता है, पर कांग्रेस सरकार बजट पास करने के लिए इस तरह का हथकंडा अपना सकती है, जिसका विरोध किया जाएगा।

इसके बाद विधायक विधानसभा पहुंचे और विपक्षी लाज में बैठक कर रणनीति बनाई। विक्रमादित्य सिंह ने दिन में दिया त्याग-पत्र, रात में वापस लिया बुधवार सुबह साढ़े 10 बजे लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह विधानसभा पहुंचे। उन्होंने प्रेस कान्फ्रेंस कर कहा कि मंत्री पद से त्याग-पत्र दे रहा हूं। इस दौरान उन्होंने नाराजगी के कारण बताए और कहा कि हाईकमान को इसके बारे में अवगत करवा दिया है। हालांकि, शाम तक उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया।

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वीरभद्र सिंह को लेकर विक्रमादित्य सिंह ने जताई नाराजगी

उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता के कहने पर उन्होंने वीरभद्र सिंह की प्रतिमा रिज मैदान पर लगाने का मामला सरकार व हाईकमान के समक्ष बार-बार उठाया। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह की बदौलत कांग्रेस सत्ता में आई, पर उनकी प्रतिमा को रिज मैदान पर लगाने के लिए सरकार दो गज भूमि उपलब्ध नहीं करवा पाई।

उन्होंने उम्मीद जताई कि पार्टी हाईकमान इस मामले में संज्ञान लेगा। विक्रमादित्य ने कहा कि हर स्तर पर पार्टी का साथ दिया है और उन्हें लक्ष्मण रेखा का पता है। वह भारी मन से मंत्री पद से त्याग-पत्र दे रहे हैं। हालांकि, रात में उन्होंने त्याग-पत्र वापस ले लिया। भाजपा विधायकों के निकालने से गर्माया सदन का माहौल दिन में 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई। संसदीय कार्यमंत्री हर्षवर्धन चौहान ने मंगलवार को सदन में हुए घटनाक्रम में शामिल विपक्ष के सदस्यों पर कार्रवाई करने की मांग उठाई।

15 बीजेपी विधायकों को किया निष्काषित

विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर सहित 15 भाजपा विधायकों को सदन से निष्कासित कर दिया। इसके बाद सदन में माहौल गर्मा गया। गतिरोध बढ़ने पर विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। उन्होंने मार्शल को आदेश दिए कि जिन विधायकों को निष्कासित किया है, उन्हें सदन से बाहर करें। मार्शल विधायकों से आग्रह करते रहे कि बाहर चले जाएं, लेकिन वे सदन के भीतर ही नारेबाजी करते रहे।

विधायक दोपहर भोजनावकाश के लिए गए। सवा दो बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई। जिन विधायकों को निष्कासित किया था, उन्हें सदन में नहीं आने दिया गया। भाजपा के 10 विधायक सदन में आए। भाजपा विधायक सतपाल सत्ती ने प्वाइंट आफ ऑर्डर के अंतर्गत मामला उठाते हुए कहा कि सदस्यों का निष्कासन गलत है और विरोधस्वरूप वे सदन से बाहर चले गए। इसके बाद सदन की कार्यवाही आगे बढ़ी और बजट को पारित करने का प्रस्ताव रखा गया, जिसे विपक्ष की अनुपस्थिति में ध्वनिमत से पारित किया गया।

व्हिप के बावजूद नहीं रुके बागी

राज्यसभा चुनाव में क्रास वोटिंग करने वाले कांग्रेस के छह व तीन निर्दलीय विधायकों को सुबह हेलीकॉप्टर से पंचकूला से लाया गया। युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विधानसभा के गेट के बाहर इनका विरोध किया। इस दौरान गेट के बाहर तनातनी व नोकझोंक हुई। कांग्रेस ने बजट पारित करने के लिए सभी विधायकों को सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया था। कांग्रेस के जिन छह विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी, वे भोजनावकाश के दौरान ही चले गए। दोपहर बाद सभी दोबारा पंचकूला चले गए।

हर्षवर्धन ने सदन में कहा कि व्हिप जारी होने के बाद भी कांग्रेस के छह विधायक सदन में उपस्थित नहीं हुए, ऐसे में नियमानुसार उनके विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि नियमों में जो प्रविधान होगा, उसके अनुसार कार्रवाई करेंगे।

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