Shimla: डाक सेवकों ने वापस ली हड़ताल, काम पर लौटे छह हजार कर्मचारी; डिपार्टमेंट ऑफ पोस्टल ने दिया मांगें मानने का आश्वासन
Shimla News ऑल इंडिया पोस्टल इंप्लाइज यूनियन ने हड़ताल रोक दी है। डाक सेवकों की दो दिन की हड़ताल से प्रदेशभर में काम पूरी तरह प्रभावित हुआ। इन दिनों स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा परीक्षाएं करवाई जा रही हैं। बोर्ड की ओर से भेजे जाने वाले प्रश्नपत्र भी नहीं जा पा रहे थे। यही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में पार्सल सहित अन्य तरह के काम प्रभावित थे।
By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Sun, 17 Dec 2023 10:45 AM (IST)
जागरण संवाददाता, शिमला। ऑल इंडिया पोस्टल इंप्लाइज यूनियन ने हड़ताल वापस ले ली है। शनिवार को छह हजार कर्मचारी काम पर लौट आए हैं। डाक सेवकों की दो दिन की हड़ताल से प्रदेशभर में काम पूरी तरह प्रभावित हुआ। इन दिनों स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा परीक्षाएं करवाई जा रही हैं। बोर्ड की ओर से भेजे जाने वाले प्रश्नपत्र भी नहीं जा पा रहे थे। यही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में पार्सल सहित अन्य तरह के काम प्रभावित थे।
ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियां डाक विभाग के जरिये भेजती हैं पार्सल
ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियां डाक विभाग के जरिये अपने पार्सल भेजती हैं। ये सेवाएं भी ठप पड़ी हुई थीं। शुक्रवार को डिपार्टमेंट ऑफ पोस्टल ने यूनियन को आश्वसन दिया है कि उनकी सभी जायज मांगों को पूरा किया जाएगा। एसोसिएशन के आश्वासन के बाद हड़ताल को वापस लिया है।यह भी पढ़ें: Shimla News: अब चार और पांच जनवरी को होंगी राजस्व लोक अदालतें, 35 हजार से ज्यादा लंबित मामलों पर होगी सुनवाई
साथ ही चेतावनी दी है कि उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता तो वे आंदोलन को तेज करेंगे। उधर, राष्ट्रीय अध्यक्ष एआईपीईयू जीडीएस वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि आश्वासन के बाद हड़ताल को सशर्त वापस लिया गया है। यदि मांगों को तय समय पर पूरा नहीं किया जाता तो आने वाले दिनों में यूनियन अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएगी।
21 दिसंबर को विस का घेराव करेंगे एचआरटीसी के पेंशनर्स
हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के पेंशनरों ने मांगों को लेकर निगम प्रबंधन के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। पथ परिवहन पेंशनर्स कल्याण संगठन के बैनर तले 21 दिसंबर को धर्मशाला में विधानसभा का घेराव होगा। पेंशनर्स कल्याण संगठन ने शनिवार को निगम के प्रबंध निदेशक को मांगों के समर्थन में ज्ञापन प्रेषित किया है। संगठन के विधि सलाहकार राजेंद्र ठाकुर ने कहा कि संगठन लंबे समय से मांगों को लेकर संघर्षरत है, परंतु प्रबंधन नकारात्मक रवैया अपनाए हुए है।परिवहन मंत्री कार्यालय में पत्राचार के बावजूद कोई हल नहीं निकल पाया है। संगठन को अब मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ रहा है। एचआरटीसी के पेंशनर्स आराम करने की उम्र में आंदोलन के लिए मजबूर हैं।यह भी पढ़ें: Himachal News: विकास की गति पकड़ रहा हिमाचल, फिल्म सिटी व मीडिया क्षेत्र में काम का प्रस्ताव पारित, दुबई दौरे पर हैं सीएम
बार-बार आंदोलन के नोटिस देने के बावजूद प्रदेश सरकार व निगम प्रबंधन ने बैठक के लिए नहीं बुलाया। अब पेंशनर्स ने विधानसभा सत्र के दौरान आंदोलन करने का निर्णय लिया है। अगर सरकार फिर भी नही मानी तो शिमला व मंडी में भी हल्ला बोला जाएगा।
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